माँ और बेटे की वासना से लेकर चुदाई तक का सफर 5

Maa Beta Sex Story hindi:- पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कैसे हम दोनों माँ बेटा और पास आ गए. और इस रिलेशन को आगे बढ़ाया. हम अब यही बातें किया करते थे की अपने रिलेशन को आगे कैसे लेके जाये. और हम एक्साइटेड थे की मैं उनके और पास आ जाऊंगा नेक्स्ट मंथ से और वीकेंड पर मिलना हुआ करेगा.

अगर आपने इस कहानी का पिछला पार्ट नहीं पढ़ा है तो पहले वो पढ़ लें यहाँ से => माँ और बेटे की वासना से लेकर चुदाई तक का सफर 4

Maa Beta Sex Story hindi

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मैं: सुषमा क्या हम स्लो तो नहीं अपने रिलेशनशिप में?

मम्मी: नहीं तो. स्लो रिलेशन से ही प्यार बढ़ रहा है. एक-दुसरे पर ट्रस्ट बढ़ रहा है.

मैं: वो तो है. अब तो मैं गुडगाँव आ जाऊंगा तो वीकेंड पर मिला करेंगे.

मम्मी: मैं अभी से एक्साइटेड हूं.

मैं: मुझे भी तुम्हे अब किस और टच करने का और मौका मिलेगा.

मम्मी: मुझे भी. मैं तो आपको किस करना चाहती हूं बस.

मैं: और कुछ नहीं?

मम्मी: मुझे तो किस में ही ज़्यादा मज़ा आ रहा है.

मैं: मुझे चोदना भी है तुझे.

मम्मी: वो तो हो ही जायेगा.

ऐसे ही इस एक्साइटमेंट में मंथ कैसे निकल गया पता नहीं चला. 20 अगस्त की जोइनिंग थी. मैं गुडगाँव पहुंचा और अपने फ्रेंड के रूम पर रहा. फिर जॉब जॉइन की. नेक्स्ट वीकेंड पर रूम सर्च किया. मुझे अकेले रहना पसंद है प्राइवेसी की वजह से. ऊपर से मम्मी से बातें भी करता था तो अकेले ही रहना चाहता था जिससे कोई मेरी प्राइवेसी में न आये. इसलिए फ्रेंड के साथ नहीं रहा. वीकेंड पर रूम मिल गया. 1 सितम्बर से होना था. मैं मम्मी से सही से बात भी नहीं कर पा रहा था जब से गुडगाँव आया था दोस्त के साथ रहने के चक्कर में. मैंने मम्मी को बताया रूम का. वो स्टूडियो अपार्टमेंट सा था. बाथरूम रूम फर्निश्ड उसमे ही छोटी सी किचन साइबर हब के पास ही. 31 अगस्त को मम्मी का सुबह फ़ोन आता है की मैं कल गुडगाँव आ रही हूं. उन्होंने पापा को बोल दिया था, मन हो रहा था तो हेल्प करने के लिए वो आ रही थी. मैंने मम्मी को मना किया बट वो मानी नहीं. मैं खुश भी और डरा हुआ भी था. खुश इसलिए क्यूंकि मम्मी आ रही थी. डरा हुआ इसलिए किसी फ्रेंड को पता चल गया तो. वहाँ काफी फ्रेंड्स थे कॉलेज के.

वैसे किसी ने मम्मी को देखा नहीं था. पकड़ा जाता तो बोल देता गर्लफ्रेंड है. ये किस कंडीशन में हम मिले उस पर डीपेंड करता था उनको इंटरोंड्यूस करवाना. मम्मी से फिर भी डर था. कही किसी को पता न चल जाये. मम्मी सुबह-सुबह ही पहुँच गयी 8 बजे. मैं उनको आईएसबीटी लेने गया. वहाँ से मेट्रो में वापस रूम आते-आते 10 बज गए. मैं सामान तो 31 अगस्त को ही रख गया था रूम पर. हमने नाश्ता किया. मैंने आर्डर कर लिया था. नाश्ते के बाद किस करके रूम को ठीक करने में लग गए. सामान में उनकी जीन्स टॉप और उनकी ब्लैक ड्रेस भी थी. उन्होंने वो निकाली, स्माइल की और वो अलमीरा में लगा दी. वो साथ में अपने सूट भी लेके आयी थी और एक साड़ी भी. ऐसा लग रहा था हम अपना रूम लगा रहे थे. अलमारी में हम दोनों के कपडे थे.

मैंने बोला: पैंटी ब्रा भी ले आती साथ में वो भी रख देती.

मम्मी: वो आज शाम को खरीद लाएंगे.

फिर हम हंसने लगे. सामान लगा के थक गए. उन्होंने किचन भी सेट कर लिया था. थोड़े बहुत बर्तन ग्रोसरी मैं खरीद चुका था. हम दोनों इतने थक गए की 2 घंटे की नाप ली एक-दुसरे के साथ. ये पहली बार एक ब्लैंकेट में सो रहे थे हम दोनों. कुछ किया नहीं बस सो गए. 6 बजे उठे. फिर बाहर घूमने गए साइबर हब में. एमसीडी में गए और खाया वहाँ पर. आज उन्होंने सूट ही डाल के रखा था. 8 बजे वापस घर आ गए. फिर हम एक-दुसरे को देखने लगे. मैं: फिर कुछ करना है? मम्मी: क्या करना है? मैं: किस. हम किस करने लग गए. उनको मैंने बेड पर लिटा दिया. बेड पर लेटे-लेटे मैंने अपनी पैंट खोल दी. अंडरवियर में था मैं पहली बार उनके सामने. फिर मैंने उनकी सलवार खोली. उन्होंने हाथ पकड़ा. मैंने ज़ोर लगा के छुड़ाया और सलवार उतार दी. अब वो पैंटी में और ऊपर सूट में. हम अलग हुए. वो थोड़ा शर्मा रही थी.

मैं बोला: कोई शर्म की बात नहीं. अब हम एक ही है.

मैंने शर्ट उतारी और फिर अंडरवियर बनियान उतार कर नंगा हो गया. उनके सामने पहली बार नंगा था. उन्होंने लंड को हाथ में लिया और देखने लगी.

मैं: जान क्या देख रही हो. अब तो ये तेरा है.

मम्मी: हम्म मेरा ही है अब ये.

मैं: अपने कपडे भी तो उतारो.

मम्मी: उतार दो.

मैंने उनकी कमीज उतारी अब वो ब्रा पैंटी में थी. उन्होने ब्लैंकेट ले लिया एक-दम से.

मैं: फिर फ़ायदा क्या हुआ मैंने तो सही से देखा ही नहीं.

मम्मी: अंदर आ जाओ ब्लैंकेट में. उसमे ही देख लेना.

मैं: ब्रा पैंटी तो उतारो.

मम्मी: नहीं.

मैं: ये तो गलत बात है.

मम्मी: चलो ब्रा उतार देती हूं पैंटी नहीं.

मैंने ज़्यादा ज़ोर नहीं लगाया. उन्होंने ब्रा उतार के साइड में रख दी. मैं ब्लैंकेट में गया और एक-दुसरे की गरम बॉडी मिली. अलग ही फीलिंग थी. हग किये हुए थे हम. मैंने हाथ पैंटी में डाला और उनकी गांड के पार्ट के बीच में हाथ डाल दिया.

मम्मी: ये क्या कर रहे हो?

मैं: ये तो कर ही सकता हूं.

मैं ऐसे ही उनकी गांड से खेलता रहा. वो शांत लेटी हुई, चिपकी हुई थी मेरे से. फिर वो बोली-

मम्मी: चलो उतार ही देती हूं पैंटी. रह ही क्या गया ये भी क्या दूरी.

उसने पैंटी उतारी. अब हम दोनों नंगे ब्लैंकेट में चिपके हुए किस कर रहे थे.

मैं: देखो आज तुम्हे नंगा कर ही दिया.

मम्मी: हम्म.

मैं: क्या सोचा था की हम दोनों नंगे होक किस कर रहे होंगे.

मम्मी: नहीं मैंने तो तब भी नहीं सोचा था जब हम बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड बन गए थे. सोचा फ़ोन पर ही रहेगा सब कुछ.

मैं: मैंने भी नहीं. देख लो हो ही गए. शिमला से स्टार्ट हुआ सफर आज यहाँ तक पहुँच गया.

मम्मी: शिमला में तो बस हम घूमने गए थे. वहाँ तो ये भी नहीं सोचा था बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड का, दोस्त तो बन गए थे तब. मैंने मनाली में सोचा था काश हम बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड होते. देखो कहा तक पहुँच गए.

मैं: ये तो है. क्या मैं चोदूँ तेरे को आज?

मम्मी: नहीं आज नहीं अभी तैयार नहीं हूं. अब तो टाइम ही टाइम है हमारे पास. वैसे कभी कॉल गर्ल के साथ किया है सेक्स?

मैं: पहली बार तेरे साथ ही करूँगा. मैंने तो किस भी तेरे को दी है पहली.

मम्मी: फिर तो मैं ही विर्जिनिटी लूंगी आपकी.

मैं: मैं दूंगा भी तेरे को.

हम ऐसे ही बातें करते रहे पता नहीं कब सो गए. सुबह उठे दोनों नंगे थे. मम्मी ने स्माइल दी. वो रात बेस्ट रात थी. मम्मी साथ में नंगी. फिर हम उठ गए वो नहा के बाहर आयी मैं भी नहाया. दोनों ने मिल कर नाश्ता बनाया. उन्होंने सूट ही डाला था आज भी. तो नाश्ता बनाते वक़्त उनकी गांड को पिंच कर रहा था बार-बार. वो कह रही थी अभी तंग मत करो. लेकिन मुझे अच्छा लग रहा था. नाश्ता करने के बाद मेरे दिमाग में आया मैं हर बार कहता रहता था गांड खाऊंगा खाई तो थी नहीं. मैंने फिर उनको खींचा अपनी तरफ और उनकी सलवार खोली.

वो बोली: अभी नहीं.

मैंने सुना नहीं. फिर उनको पेट के बल लिटाया. सलवार को नीचे किया. गांड सलवार में कुछ और बाहर कुछ और होती है तब पता चला. उनकी गांड काफी बड़ी थी.

मैंने बोला उनको: गोल्ड तो आज मिला है.

वो हसने लगी. जी भर को उसको खाया. फिर उसके बाद पूरा दिन टीवी देखने में शाम को थोड़ा बाहर घूमने मे चला गया. रात को फिर नंगे होके सो गए. सुबह-सुबह 6 बजे ही उनको आईएसबीटी छोड़ने चला गया. बहुत सही टाइम बिताया था पहली बार हमने.

वो दिन शुरुआत थी अगले लेवल पर रिलेशनशिप की. अभी तक कैसे हमारा रिलेशनशिप डेवलप हुआ आगे बताऊंगा अगले पार्ट मे.

माँ और बेटे की वासना से लेकर चुदाई तक Part 6

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