Surekha Mausi ki chudai ki kahani:- हेलो दोस्तों मेरा नाम हर्ष है। मै मुंबई में रहता हूँ। ये मेरे साथ घाटी हुई सच्ची घटना है जिसे मैं कभी भूल नहीं सकता। ये बात तब की है जब मैं कॉलेज में पढ़ता था। मेरे पिताजी और माँ दोनों ही जॉब करते है। मेरी माँ जहा पे जॉब करती है वहाँ पे बाजूवाले ऑफिस में एक आंटी जॉब करती थी और वो हमारे ही घर के यहाँ पे रहती थी। तो माँ की और उनकी जान पहचान होने लगी। और एक दिन माँ ने उस आंटी को हमारे घर पे बुलाया था। और वो आंटी शाम को हमारे घर आयी। तभी मैं टीवी देख रहा था। वो आयी और फिर मेरी माँ ने उनके साथ इंट्रो करवाया। पहले तो मैंने इतना नोटिस नहीं किया। लेकिना वो बार बार मुझे ही देख रही थी। उनका कलर टस्की इंडियन था। उनके बूब्स 36 के होंगे और गांड होगी कुछ 40 के आस पास। मुझे पहले से ही ज्यादा उम्र वाली आंटियाँ बहुत पसंद है। उनकी आगे करीब 45 इयर्स होगी।
उस दिन मैंने उन्हें आंटी कहके बुलाया लेकिन उन्हें अच्छा नहीं लगा वो मुझसे बोली के मौसी कहके बुलाओगे तो ज्यादा अच्छा लगेगा मुझे। तबसे मै उन्हें मौसी कहके ही बुलाता हूँ। फिर कुछ दिन ऐसे ही गुजर गए। वो जब भी घर आती थी मेरी और उनकी बातचीत होती रहती थी और मैं चुपके से उनके बूब्स को देखता रहता था। और उनको भी ये बात पता थी वो मुझे बाद में पता चला। और फिर हमारी बातें बढ़ने लगी। अरे मैं तो उनका नाम ही बताना भूल गया उनका नाम था सुरेखा। उनका डाइवोर्स हुआ था कुछ 5 साल पहले और उनका एक 24 साल का बेटा भी है। एक दिन मेरी माँ ने कहा…
Surekha Mausi ki chudai ki kahani मौसी की चुदाई की कहानी
माँ: तुम्हे सुरेखा मौसी ने अपने घर बुलाया है। जरा जाके देख के आओ क्या काम है।
मैं: ठीक माँ शाम को जाता हूँ।
और मैं शाम को सुरेखा मौसी के घर चला गया। और उनके दरवाजे की बेल बजायी। और उन्होंने दरवाजा खोला मैं तो उन्हें देखके पागल ही हो गया उन्होंने एक ट्रांसपेरेंट नाइटी पहनी हुई थी और उसके अंदर रेड कलर की ब्रा साफ दिख रही थी। मुझे तो जैसे होश ही नहीं था। तभी उन्होंने कहा…
मौसी: अरे हर्ष तुम आ गये। आओ अंदर आओ। sexy mausi ki chudai
और फिर मैं अंदर जाके सोफे पे बैठ गया। वो भी आके मेरे बाजु में बैठ गयी मुझसे चिपक के। उनका बेटा उस टाइम काम पे गया था। और रात को 10 बजे आता था। उस टाइम उनके बूब्स मेरे कंधे को टच हो रहे और मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा हो रहा था।
मौसी: बेटा बैठो मैं तुम्हारे लिए चाय और कुछ खाने के लिए लेके आती हूँ।
और इतना बोल के वो किचन में चली गयी। थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे किचन से आवाज दी॥
मौसी: हर्ष बेटा जरा इधर आना।
मैं मेरा खड़ा हुआ लंड लेके अंदर चला गया मुझे शर्म आ रही थी और मैंने अपने जेब में हाथ डाले थे जिसके वजह से कुछ पता नहीं चल रहा था। और मैं अंदर गया।
मैं: हाँ मौसी बोलिये ना क्या हुआ।
मौसी: अरे बेटा वो जरा ऊपर वाला डब्बा निकाल के देना।
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अब तो लगा के मौसी को पता चल जायेगा के मेरा लंड खड़ा हुआ है। फिर भी मैंने कहा ठीक है और मौसी मेरे सामने खड़ी थी अब तो उन्हें भी दिखने लगा था मेरा लंड। और वो भी हलकी सी स्माइल दे रही थी। फिर मैंने आगे बढ़के वो डिब्बा निकालना चाहा लेकिन मेरा भी हाथ वहाँ तक नहीं पहुँच पा रहा था। फिर मौसी एक स्टूल लेके आयी और मैं उसके ऊपर चढ़ गया डिब्बा थोड़ा अंदर था इस लिए थोड़ी देर हो रही थी। मौसी का फेस बिलकुल मेरे लंड के करीब और लंड पूरा खड़ा हो चुका था मौसी भी उसे घूर घूर के देख रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे वो अभी मुँह में लेके चूस डालेगी। Surekha Mausi ki chudai ki kahani
मै: मौसी यही डिब्बा आपको चाहिए था ना?
मौसी थोड़ी हिल गयी और फिर उन्होंने कहा
मौसी: हाँ यही चाहिए।
मैं: ठीक है ये लो।
और मैं उनको वो डिब्बा देके निचे उतर गया। और बाहर आके बैठ गया। फिर मौसी चाय लेके आयी। और मेरे बाजु में आके बैठ गयी।
मैं: मौसी आपका कोई काम था मुझसे जो अपने मुझे बुलाया।
मौसी: हां बेटा मुझे थोड़ा काम था तुमसे मुझे थोड़ी शॉपिंग करनी थी तो क्या तुम मेरे साथ आ सकते हो कल सुबह।
मैं: हाँ मौसी चलेगा आ जाऊंगा मै आपके साथ।
मौसी: ठीक है तो तुम मुझे कल कॉलेज छूटने के बाद कॉल करना।
मैं: ओके मौसी मैं कॉल करूँगा।
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और फिर मैंने चाय पी और मैं निकल गया और घर आके मैं मौसी को सोच सोच के चार बार मुठ मारा तब जाके शांत हुआ मेरा लंड।फिर दूसरे दिन मैं कॉलेज से छूटने के बाद मौसी को कॉल किया। फिर मौसी रिक्शा लेके आ गयी आज उन्होंने स्लीवलेस ड्रेस पहना था। क्या दिख रही थी। और फिर हम चले गए मॉल में और जाते वक़्त रिक्शा मे भी वो मुझसे बहुत चिपके बैठी थी उनके हाथों का स्पर्श पाकर मेरा लंड अपने आकार में आ रहा था। फिर हमने कुछ ड्रेस खरीदी और उनको ब्रा और पेंटी भी लेना था तो हम एक लिंगरी शॉप में गए और वो शॉपकीपर ने कुछ डेसिंग वाली ब्रा दिखाई। Surekha Mausi ki chudai ki kahani
मौसी: हर्ष बेटा देखो ना इसमें से कौनसी अच्छी है।
मैं: मुझे नहीं पता मौसी आपको जो अच्छा लगे ले लेना।
मौसी: बताओ ना।
मै: ये जो रेड और वाइट कलर में है वो अच्छी है।
मौसी: अच्छा ठीक है ले लेती हूँ। और वही कलर की पेंटी भी ले लेती हूँ।
मैं: ओके मौसी।
फिर हम वापस घर आ गये मैं भी उनके साथ उनके घर चला गया।
मौसी: बेटा तुम बैठो मैं अभी आती हूँ फ्रेश होकर।
और फिर वो अंदर चली गयी। और जब वो बाहर आयी मेरे तो होश उड़ गए। उन्होने एक ट्रांसपेरेंट नाइटी पहनी थी जिसके अंदर उन्होने अभी खरीदी ब्रा और पेंटी पहनी थी। मैं तो उनको पागलो की तरह घूरे जा रहा था। फिर वो मेरे सामने आके बैठ गयी। और कहा।
मौसी: बेटा मैं कैसी लग रही हूँ?
मैं: मौसी आज तो आप एकदम मस्त लग रही है और ये अंदर आपने जो पहना है वो भी काफी खूबसूरत लग रहा है।
फिर मुझे होश आया के मैं ये क्या बोल गया।
मौसी: अच्छा तो तुम्हे मैंने जो ब्रा और पेंटी पहनी है वो अच्छी लगी। और ये बोल के वो सीधे मेरे बाजु में आके बैठ गयी और मुझे अपने पास खिंच लिया और कहा।
मौसी: अच्छा बेटा मैंने जो ब्रा और पेंटी पहनी है वो अच्छी दिख रही है।
मैं: हां मौसी बहुत अच्छी दिख रही है।
मौसी: क्या तुम और करीब से देखना चाहोगे।
मैं: हाँ मौसी जरूर।
मौसी: लेकिन बेटा किसी को बताना नहीं की मैंने तुम्हे ये सब दिखाया।
मैं: ओके मौसी नहीं बताऊंगा।
मौसी की चूत का मज़ा लिया
और फिर मौसी ने स्माइल की और खड़ी हो के अपनी नाइटी उतारने लगी। मेरा लंड तो अब में पेंट मे तूफ़ान उठा रहा था। कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या हो रहा है। फिर मौसी मेरे सामने आके खड़ी हो गयी। Surekha Mausi ki chudai ki kahani
मौसी: कैसे लग रही है ये ब्रा और पेंटी?
मैं: क्या मैं इनको छू के देख सकता हूँ?
मौसी: हाँ जरूर बेटा।
फिर मैं भी खड़ा हो गया और मेरा लंड भी दिख रहा था वो मौसी ने देख लिया।।और मैं आगे बढ़ के मौसी के करीब चला गया। अह्ह्ह।।हहहह। क्या दिख रही थी मेरी मौसी। उनके बूब्स तो फुल कड़क हो गए थे। मैं उनके करीब गया और धीरे से उन्होंने मेरा हाथ पकड़ के अपने ब्रा के ऊपर रख दिया। अब मैं समझ चुक्का था कि मौसी भी तड़प रही है। फिर मैंने धीरे धीरे उनके बूब्स को प्रेस करने लगा
अह्ह्ह्ह…। उनके मुँह से हलकी से सिसकिया निकलने लगी थी।
मैं: मौसी ये तो बहुत अच्छी है और आपकी स्किन भी काफी नरम है।
मौसी: हां बेटा तुम छू के देखो ना और भी अच्छा लगेगा तुम्हे।
मैं: मौसी आपको ऐसे देखने से और छूने से मुझे कुछ कुछ हो रहा है।
मौसी: बेटा पहले कभी किसी को नहीं देखा था ऐसा?
मैं: नहीं मौसी आप ही पहली औरत हो जिसको मैंने ये कपड़ो मैं देखा है।
बस इतना कहते ही मौसी ने मुझे अपने गले लगा दिया उनके बूब्स मेरे छाती पे दब गए अह्ह्ह्ह…हहहहह।
मौसी: अह्ह्ह्ह।।मेरा प्यारा बेटा अपनी मौसी से प्यार करेगा?
मैं: हाँ मौसी।
मौसी की बंद चूत को खोला
और इतना कहते उन्होंने अपने होंठ मेरे होंठो पे लगा दिए…मैं भी उनको पागलों की तरह चुम रहा था। वो भी मुझे पागलो की तरह चुम रही थी……अह्ह्ह्ह।
मौसी: हाँ बेटा ऐसे ही प्यार कर मुझे बहुत सालो बाद किसी ने मेरा शरीर को छुवा है। अह्ह्हह……बेटा!
और वो चूमते ही गयी। अब मैं भी उनके गर्दन पर किस करते करते उनके बूब्स पे आ गया। फिर वो बोली।
मौसी: चलो बैडरूम में चलते है।
फिर मैं उनको उठाकर बैडरूम में लेके गया और बेड पे डाल दिया और टूट पड़ा उनके ऊपर। उनको पुरे बदन पर चूमो की बरसात कर दी फिर उन्होंने मुझे उठाया और मेरा टीशर्ट और जीन्स उतारा और मैं भी अब अंडरवियर में था। और फिर वो मेरे ऊपर लेट गयी और अब मुझे ऊपर से निचे तक किस करने लगी और इसी बिच मैंने उनका ब्रा निकाल दिया उनके बूब्स आज़ाद हो गए। Surekha Mausi ki chudai ki kahani
मैं: मौसी मुझे आपके बूब्स से दूध पीना है।
मौसी: हाँ बेटा चुसो ना इसे…
और इतना बोल के उन्होंने अपना एक बूब मेरे मुँह में डाल दिया और मैं उसे चूसने लगा और मौसी ने मेरी अंडरवियर निचे करके मेरा लंड हाथ में लेकर मसलने लगी।
और चिल्लाने लगी…अह्ह्ह्हह्हआआ बेटा……।चूस और जोर से चूस…।।बहुत मज़ा आ रहा…हाए…बहुत दिनों बाद ये सुख पा रही हूँ।
और करीब बीस मिनट बाद मैंने उनके दोनों बूब्स चूस के अलग हो गया। फिर मौसी कहने लगी…
मौसी: बेटा तेरा लंड कितना मोटा है ऐसा तो तेरे अंकल का भी नहीं था। क्या इसे मैं चूस सकती हूँ?
मुझे पता था फिर भी मैंने कहा
में: मौसी इसे भी कोई चूस सकता है?
मौसी: हाँ बेटा बहुत मज़ा आता लंड चूसने में और चुसवाने में और तू भी मेरी चूत को चूस दे जरा सा बहुत सुखी पड़ी है तेरी मौसी की चूत।
मेरी चुदक्कड़ मौसी की चुदाई की कहानी
ऐसे बोलके उन्होंने अपनी पेंटी उतार दी…और मैं देखता ही रह गया…एक भी बाल नहीं था उनकी चूत पर…। फिर हम दोनों 69 पोजीशन में आ गये और मैं उनके चूत को धीरे धीरे चूस रहा था मुझे बड़ा ही मज्जा आ रहा था उनकी चूत चूसने में…और वो भी मेरे लंड को पूरा मुँह में ले रही थी। Surekha Mausi ki chudai ki kahani
ahhhhh……।।hah………।।ah।hhhhhhhhhh…kitna अच्छा लग रहा था…वो भी कह रही थी।
मौसी: ahhhhhhhhahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh………बेटा बहुत मज़ा आरहा है…। कितना अच्छा चूसता है तू…। और चूस और चूस अपनी मौसी की चूत कैसी लगी तुझे…।
मैं: अहह…मौसी बहुत ही टेस्टी है आपकी चूत एकदम रसमलाई है…।
और फिर कुछ देर बाद मौसी ने कहा।
मौसी: बेटा अब डाल दे अपना लंड मेरी चूत में अब नहीं रहा जाता मुझसे।
जल्दी से मै भी खड़ा हो गया और अपना लंड उनकी चूत पर रख रगड़ने लगा…फिर।।
मौसी: अहहह…बेटा अब और मत तड़पा डाल दे अंदर अह्ह्ह…
फिर मैंने एक झटका मारा और मेरा आधा लंड अंदर चला गया लेकिन मौसी बहुत जोर चिल्लाई और कहा।
मौसी: अहह!! बेटा जरा धीरे करो बहुत दिनों बाद चुद रही हूँ। अह्ह्ह्ह थोड़ी टाइट हो गयी है।अह्ह्ह!!! मैं उनकी बात सुनी और फिर पहले धीरे धीरे शॉट लगाने लगा। फिर मुझसे कण्ट्रोल नहीं और मैं उन्हें जोर जोर से चोदने लगा। और उनके बूब्स दबाने लगा
Mausi: अह्ह्ह्ह हहहहह बेटा कितना मज़ा आ रहा है…आज……। तेरे अंकल भी कभी ऐसी चुदाई नहीं करते थे मेरी।अह्ह्हह्हह्ह्ह्ह और जोर से जोर मेरे जानु और जोर se…ahhh…ahhhhhhhhhh…।।ahhhhhhhhhh…। जब से मैंने तुझे देखा था तभी मुझे तेरे से चुदवाने की इच्छा थी। अह्ह्ह्ह।।ह…।अहह…और आज जाके पूरी हुई…अहह…मेरे बेटे चोद अपनी मौसी की चूत को…कितना अच्छा चोदता है…तू… Surekha Mausi ki chudai ki kahani
मैं: हाँ मौसी मुझे भी आपकी चुदाई करने कि बहुत इच्छा थी…अह्ह्ह्ह…अहह…अहह…आपके बूब्स देख के मेरा लंड हमेशा खड़ा रहता था…लेकिन कभी मौका नहीं मिला। आज तो आपकी जमके चुदाई करूँगा…अह्ह्ह्ह लो मौसी अपने बेटे का लंड अपनी चूत में…अह्ह्ह…।अह्ह्ह…।
मौसी: हां बेटा और जोर से चोद अह्ह्ह।।अह्ह्ह।।अहह…।अह्ह्ह…मैं झड़ने वाली हूँ ahhh।।ahh…।।ahhhhhhhhhhhhh……।।hhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh……………………hhhhhaaaaaaa………………।hhhhhhh …।
और वो झड गयी लेकिना मेरा अभी बाकि था मैं शॉट लगा रहा था…
अहह…अह्ह्ह।। मौसी कितना मज़ा आ रहा ही। आपकी चूत में लंड घुसाने को…अह्ह्ह…। अह्ह्ह…। और कुछ 10 से 15 मिनट बाद मैंने कहा।
मैं: अह्ह्ह्हह…मौसी मैं झड़ने वाला हूँ कहा निकालूँ अपना माल…अह्ह्ह…
मौसी: अंदर ही डाल दे बेटा मेरी पीरियड्स बंद हो चुकी है। कोई प्रॉब्लम नहीं होगा…अह्ह्ह…मैं भी फिर से झड़ने वाली हूँ। अह्ह्ह…अह्ह्ह….
और फिर हम दोनों साथ में ही झड गए…अह्ह्ह्ह।। और कुछ देर वही एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे…फिर मौसी उठी और फ्रेश हो के आयी और फिर मैंने भी उठके फ्रेश हो के कपडे पहन लिए।।फिर मौसी चाय और बिस्कुट लेके आई और हम सोफे पे बैठ गए। मौसी मुझसे चिपक के ही बैठी थी और कहने लगी।
मौसी: बेटा तूने जो सुख आज मुझे दिया है वो मैं कभी नहीं भूलूंगी…अब तुम्हे जब भी मन करे मेरी चुदाई करने आ जाना।
मैं: हाँ मौसी और आपने जो मुझे ये सब सिखाया मैं भी नहीं भूलूंगा…
फिर हम एकदूसरे को किस करने लगे…फिर मैंने कहा।
मैं: ओके मौसी मैं चलता हूँ देर हो गयी है।कल मिलते है।और मैं घर आ गया।तो दोस्तों कैसी लगी मेरी कहानी प्लीज जरूर बताइयेगा।
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