Sasur bahu ki kamuk chudai:- हाय दोस्तों, उम्मीद है मेरी ससुर बहू की चुदाई की कहानी आपको पसंद आ रही है, पिछले भाग मे आपने पढ़ा कि कैसे मैंने अपनी बहू को उसकी चूत मे बैंगन डालते हूए देखा और कोमल और सोनम के साथ उसकी बातें सुनी। अब मै बहू को चोदने के लिए बिलकुल पागल हो चुका था। अब आगे पढ़िए..
अगर आपने पिछला भाग नही पढ़ा है तो यहाँ पढ़िये ==>> आखिर बहू चुद ही गयी भाग 2
Sasur bahu ki kamuk chudai kahani
रात 12.30 बजे मेरी आँख खुल गयी. बाहर से पायल की आवाज आ रही थी. मै जल्दी से उठा और हलके से अपने कमरे का दरवाजा खोला. मैंने देखा मेरी बहू किचन में जा रही है. बहू ने किचन की लाइट नहीं चलायी. बल्कि आपने मोबाइल की फ़्लैश ऑन की और किचन में चली गयी. जब 5 मिनट तक बहू बाहर नहीं आयी. तब मै भी किचन की तरफ चला गया. मै नीचे बैठ गया और हलके से अंदर झांक कर देखने लगा. अंदर मेरी बहू ज़मीन पर बैठी थी. और उसने अपनी नाइटी ऊपर कर रखी थी. मेरी बहू अपनी चूत में बैगन आगे पीछे कर रही थी. मेरा लंड तो ये देखते ही खड़ा हो गया. मैंने सोचा यही मौका सबसे अच्छा है. मै ऊपर से नंगा हो गया. अब मेरे पजामे में खड़ा लंड सामने से साफ़ दिख रहा था. मैंने जल्दी से किचन की लाइट जला दी.
मेरी बहू के लिए तो ये सदमे जैसे होने वाला था. लाइट जलते ही बहू खड़ी हो गयी और उसके हाथ से वो बैगन गिर गया. आज मेरी बहू ने बैगन पर कंडोम नहीं चढ़ाया था. बहू ने अपनी नज़रे नीचे कर ली और अपनी नाइटी को ठीक करने लगी. मैंने नीचे पड़ा बैगन उठा लिया. जो आगे से गीला था. बहू जैसे ही निकलने लगी. मैंने उसका हाथ पकड़ लिया. इससे पहले वो कुछ समझ पाती. मैंने एक हाथ उसकी कमर में डाला और उसे अपनी तरफ खींच लिया. मेरी बहू के मुँह से कोई शब्द नहीं निकल रहा था. अब मेरी बहू बिलकुल मुझसे चिपककर खड़ी थी और मै अपना लंड उसकी गांड में नाइटी के ऊपर से घुसा रहा था. मै उसके कान के पास अपना मुँह ले गया.
मै – बहू ये सब कमरे में किया करो और मेरे बेटे से ये बात मत कहना वरना वो क्या सोचेगा.
मैंने बैगन बहू के हाथ में दे दिया और उसे छोड़ने से पहले उसकी कमर और गांड दबा दी. मेरे छोड़ते ही बहू भाग गयी. मै भी अपने कमरे में आ गया. मेरा लंड बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था. मैंने बहू के नाम की मुठ मारी और सो गया. अगली सुबह मै थोड़ा लेट घूमने गया. मगर सुबह सुबह भी बहू का ही ख्याल आ रहा था और मेरा लंड पुरे रस्ते खड़ा ही रहा. जब मै घर आया, तब तक मेरी बहू नहा चुकी थी. मेरे आते ही बहू चाय देने आती है. मगर आज वो चाय देने नहीं आयी. इसीलिए में खुद किचन में चला गया. वहाँ बहू खड़ी शायद यही सोच रही थी कि वो मेरे सामने कैसे आये.
मै – बहू आज तुमने मुझे चाय नहीं दी.
मगर मेरी बहू ने कोई जवाब नहीं दिया और अपना पल्लू सर पर रख लिया और कप में चाय निकाल के मुझे दे दी. बहू जैसे ही दूसरी साइड बिस्कुट निकालने लगी. मै उसके पीछे गया और उसकी कमर को पकड़ के साइड कर दिया. मेरे छूते ही वो उछल गयी और साइड होके खड़ी हो गयी. मैंने उसे बिस्कुट का पैकेट निकाल के दिया और वो मेरे लिए उसे प्लेट में निकालने लगी. मैंने अपनी चाय ली और बहू के बगल में जाके बिस्कुट की प्लेट लेने लगा. मगर प्लेट तो सिर्फ बहाना था. मैंने अपना हाथ पीछे ले जाके उसकी गांड दबा दी और बहू को स्माइल करके बाहर गया. मैंने मेरी बहू को हर वो इशारा दे दिया था कि मै उसे अब चोदना चाहता हू. मगर वो तो मुझे आपने पापा जैसा मानती थी. अब इंतज़ार था कि वो सोनम को ये बात बताती है या नहीं.
दोपहर होते ही सोनम आ गयी और मै उसके सामने अपना लंड सहला रहा था. वो मुझे नमस्ते करके अंदर चली गयी. उसके अंदर जाते ही मै भी उसके पीछे अंदर चला गया. बहू ने जल्दी से दरवाजा बंद कर लिया और सोनम के गले लग गयी.
सोनम – कोमल क्या हुआ तू इतनी घबराई हूई क्यों है?
बहू – भाभी कल रात सब गड़बड़ हो गया. कल रात में जब मै अपनी चूत में बैगन ले रही थी. तब मुझे पापा ने देख लिया.
सोनम – हे भगवान ये तू क्या कह रही है? तेरे ससुर ने तुझे ऐसा करते देख लिया. वो तेरे कमरे में कैसे आ गया?
बहू – अरे नहीं भाभी मेरे कमरे में नहीं. कल रात मुझे सेक्स की बहूत इच्छा हो रही थी. इसीलिए मै देर रात को किचन में गयी और वहीं पर बैगन अपनी चूत में डाल रही थी. मगर पता नहीं पापा कैसे आ गए.
सोनम – देख कोमल इसमें गलती तो तेरी है. तुझे ये सब आपने कमरे में करना चाहिए था. तेरा ससुर अकेला है और इस उम्र में नींद कम ही आती है. वैसे तेरे ससुर ने कुछ कहा या नहीं.
बहू – अब भाभी आपको कैसे बताऊ उन्होंने क्या किया?
सोनम – ऐसा क्या कर दिया तेरे ससुर ने. कही उस बूढ़े का लंड तो खड़ा नहीं हो गया.
बहू – भाभी यही तो हुआ. किचन में आते ही लाइट चला दी. मेरे हाथ से तो बैगन नीचे गिर गया और मैंने देखा पापा ऊपर से नंगे है. और उनका लंड पाजामे में खड़ा साफ़ दिख रहा था.
सोनम – वाह मतलब बूढ़ा भी मूड में आ गया था. फिर क्या किया उन्होंने?
बहू – भाभी उसके बाद जो उन्होंने किया, वो मैंने सोचा भी नहीं था. उन्होंने मेरी चूत से निकला हुआ बैगन उठा लिया और जैसे ही मै जाने लगी. उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया.
सोनम – फिर आगे क्या किया?
बहू – इससे पहले मै आपने हाथ छुड़ा पाती. उन्होंने अपना एक हाथ मेरी कमर मे डाल दिया और मुझे अपनी तरफ खींच लिया. मै तो उनकी इस हरकत से शॉक हो गयी थी.
सोनम – अच्छा फिर आगे क्या किया?
बहू – भाभी वो अपना मुँह मेरे कान के पास लाये और बोले बहू ये सब कमरे में किया करो और मेरे बेटे से ये बात मत कहना, वरना वो क्या सोचेगा.
सोनम – फिर आगे भी कुछ किया क्या?
बहू – नहीं भाभी बस इतना ही किया. उसके बाद उन्होंने मुझे छोड़ दिया और मै कमरे में आ गयी. मगर जब उन्होंने मुझे पकड़ा हुआ था. तब पापा का लंड मेरी गांड में घुस रहा था.
सोनम – क्या सच में वो अपना लंड तेरी गांड में डाल रहे थे?
बहू – अरे भाभी वैसे नहीं मेरी मैक्सी के ऊपर से ही उनका लंड अंदर घुस रहा था. सच कहूँ तो कल पापा की इस हरकत से मुझे रात में नींद ही नहीं आयी.
सोनम – वैसे कोई भी ससुर अपनी बहू की चुदाई बैगन से होते देख, खुद पर काबू नहीं रख पायेगा. वैसे तू बता कैसा लंड था तेरे ससुर का? मोटा लगा तुझे.
बहू – कैसी बाते कर रही हो भाभी, वो मेरे पापा है.
सोनम – देख कोमल तू माने या ना माने. वो तेरा ससुर है पापा नहीं. उनका लंड तेरी चूत में जाने के लिए मचल रहा है, और अब तो वो ये जानता है कि तेरी चूत भी प्यासी है. अब तो आगे जरूर कुछ करेंगे.
बहू – भाभी आप सही कह रही हो, कल रात भी उन्होंने मेरी कमर और गांड को दबा दिया था और आज सुबह किचन में उन्होंने फिर से मेरी गांड को दबा दिया.
सोनम – वैसे सच कहू वो तेरा ससुर जरूर है, मगर है तो एक मर्द ही, ऊपर से कई सालो से भूखा है और तेरी जैसे अप्सरा उसे कहा मिलेगी. अब तो तेरी खैर नहीं तुझे घर में ही नया लंड मिलने वाला है.
बहू – भाभी आप ये क्या कह रही हो? मैंने कभी उनके बारे में ऐसा नहीं सोचा है.
सोनम – वैसे मुझे बता तो कैसा है अंकल का लंड.
बहू – भाभी आप मानोगे नहीं. वैसे सच कहू तो उनका लंड काफी टाइट था और मुझे मोटा भी लगा.
सोनम – वैसे अगर तेरा ससुर तुझे चोदना चाहेगा, तो तू क्या करेगी.
बहू – भाभी आप ही कुछ रास्ता बताओ, मै ऐसा नहीं करना चाहती हू.
सोनम – वैसे जहां तक मै जानती हू. वो अब तेरे साथ सेक्स करना चाहता है और इसमें बुराई क्या है? घर का मर्द है, तेरी बदनामी भी नहीं होगी.
बहू – भाभी कैसी बाते कर रही हो? वो मेरे ससुर है, मेरे पापा जैसे है.
सोनम – अरे यार अगर वो तेरा पापा होता तो तेरी गांड में अपना लंड नहीं घुसाता. बल्कि वह से चुप चाप चला जाता. मगर वो तुझे चोदना ही चाहता है. काश ऐसा ससुर मेरा होता.
बहू – भाभी अगर ऐसा ससुर आपका होता तो आप उससे चुदाई करवा लेती.
सोनम – अरे यार घर में फ्री का लंड मिल रहा है, जरूर चुदाई करवाती, उसे अपनी चूत चाटने को देती और देखना तेरे साथ भी यही होगा. क्युकी तू उसे पापा मानती है. मगर अब तू उनकी नज़र में एक प्यासी औरत है.
बहू – भाभी अगर किसी को पता चल गया तो क्या करुँगी? मेरे पति तो मुझे तलाक ही दे देंगे. क्या मै पापा से बात करके देखु.
सोनम – करके देख ले मगर मुझे नहीं लगता है, कोई फायदा होगा. तूने उसकी सोई हूई काम वासना को जगा दिया है. अब जब तक उसके लंड को तेरी चूत नहीं मिल जाती, वो रुकेंगे नहीं.
बहू – भाभी आप तो मुझे डरा रही हो.
सोनम – देख वैसे तेरा ससुर है तो ठरकी. मुझे भी घूर घूर के देखता है और जब देखो उसका हाथ उसके लंड पर ही होता है. जल्दी ही तेरी चूत में तेरे ससुर का लंड जाने वाला है.
बहू – वैसे भाभी एक बात कहू. उस दिन आप सही कह रही थी. कल रात जब पापा ने मुझे पकड़ा. तो मेरे जिस्म में भी करंट दौड़ गया था और जब उनका लंड मेरी गांड में घुस रहा था. तब मेरी चूत गीली हो गयी थी.
सोनम – जब तुझे भी मज़ा आ ही रहा है तो पीछे क्यों हट रही है. आपने ससुर के लंड की सवारी कर, किसी को पता भी नहीं चलेगा. वैसे भी आज कल घर में चुदाई ज्यादा होती है.
बहू – भाभी मुझे नहीं पता, आगे क्या होने वाला है. मगर मै खुद को रोकने की कोशिश करुँगी.
सोनम – देख कोमल मै आपने तजुर्बे से बता रही हू. तू खुद भी अपने ससुर का लंड लेना चाहती है. बस तेरा दिमाग तुझे मना कर रहा है और तेरा दिल अपने ससुर के लंड के लिए मचल रहा है.
बहू – भाभी अब आपसे बाते करके थोड़ा हल्का महसूस हो रहा है. अब जो भी होगा देखा जायेगा.
सोनम – ये हुई ना बात! ज्यादा मत सोच. तेरी चूत को अब बैगन की जरुरत नहीं पड़ेगी. तेरा ससुर तेरी चूत को ठंडा कर देगा और हाँ उससे अपनी चूत को खूब चटवाना और मुझे सारी बाते बताना.
सोनम की बाते सुनके मुझे यकींन हो गया की मेरी बहू भी अब मेरा लंड लेना चाहती है. सोनम ने अपनी बातो से ही मेरी बहू को मेरे लंड के लिए मना लिया था.
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