आखिर बहू चुद ही गयी! भाग – 2

Sasur bahu ki chudai ki sex story:- हाय दोस्तों, मेरा नाम सोनिका है, उम्मीद है, मेरी कहानी आपको पसंद आ रही है पिछले पार्ट मे आपने पढ़ा कि कैसे मेरी पड़ोसन सोनम ने मेरी बहू कोमल को बैंगन से चूत को शांत करने के लिए बोला, और मेरी बहू ने सब्जी वाले से बैंगन खरीद लिए। मैंने भी बहू को उसकी चूत मे बैंगन लेते हुए देखना चाहता था और ये देखना चाहता था की मेरी बहू कितनी गरम माल है। अब आगे पढ़िए..

अगर आपने पिछला पार्ट नही पढ़ा है तो यहाँ से पढ़ें ==>> आखिर बहू चुद ही गयी! भाग -1

Sasur bahu ki chudai ki sex story

Sasur bahu ki chudai ki sex story

मै सुबह घूमने गया. और वहाँ कूड़ा उठाने वाली की चुदाई करके आ गया. लंड का पानी निकलने से थोड़ी शान्ति मिल गयी. मगर मुझे क्या मालूम था. घर पर आज मुझे गरम नज़ारा देखने को मिलेगा. मै जानता था मेरी बहू, बैगन अपनी चूत मे लेने वाली है. इसीलिए जब मेरी बहू काम कर रही थी. तब मैंने बहू के कमरे के दरवाजे मे ऊपर की तरफ एक छेद बना दिया. जिससे मुझे पूरा नज़ारा दिख जाये. और मेरा सोचना ठीक निकला. दोपहर के टाइम सोनम और मेरी बहू बाते करने लगे.

सोनम – कोमल कल तूने मेरे कहने पर बैगन तो ले लिया. रात मे चूत मे लिया या नहीं.

बहू – अरे भाभी रात मे तो पति साथ होते है. तब कैसे लेती कही मेरे पति ने देख लिया. तो कहेंगे तेरी चूत मे जयादा ही आग है.

सोनम – अरे कोमल ये मर्द कब गहरी नींद मै होते है. ये हम बीविया ही जानती है. मै तो उनके सोने के बाद अक्सर अपनी चूत को शांत करती हूं.

बहू – भाभी आप इतनी मॉडर्न हो. खूबसूरत भी बहुत हो. वैसे भाभी आपने कभी किसी और मर्द से चुदाई करवाई है.

सोनम – कोमल तुम भरोसे वाली हो. इसीलिए तुम्हे ये बात बता देती हूं. हाँ मैंने और मर्दो से चुदाई करवाई है.

बहू – हे भगवान क्या सच मे भाभी? आपके पति को कभी शक नहीं हुआ.

सोनम – अरे मेरी भोली कोमल शक कैसे होगा. अब मेरी चूत टाइट थोड़ी न रही. उसपर मेरे पति के लंड की मोहर जो लग चुकी है. अब तो मै किसी से भी कर लू. उन्हें कुछ पता नहीं चल सकता है.

बहू – वाह भाभी आप तो कमाल हो. वैसे आपको बाकि लोगो से सेक्स करके मज़ा आया. या वो भी आपके पति जैसे ही थे.

सोनम – अरे यार पूछ मत कितना मज़ा आता है. नए नए लंड से चुदवाने मे, किसी का मोटा, किसी का लम्बा, कोई चूत चाटने मे माहिर, तो कोई चुदाई करने मे खिलाडी.

बहू – तो भाभी कोई ऐसा भी था. जो आपको सबसे जयादा पसंद था.

सोनम – हाँ एक मास्टर है. दिखने मे बहुत भोला सा है. मगर जब उसने पेण्ट उतारी. तो उसका लंड देखकर मज़ा आ गया.

बहू – सच मे भाभी कैसा था उसका लंड.

सोनम – पूछ मत कोमल काफी लम्बा और मोटा है उसका. वो मेरे मायके के पास रहता है. जब भी मायके जाती हूं. उसके साथ जरूर चुदाई होती है.

बहू – भाभी आप तो बहुत याद करती होगी उस मास्टर को.

सोनम – अरे यार ये तो आते जाते रहते है. मै किसी से प्यार नहीं करती हूं. बस जैसे हम कभी कभी खाना खाने बहार जाते है. वैसे ही मै कभी कभी बहार के लंड से मज़ा ले लेती हूं.

बहू – भाभी कभी आपको बुरा नहीं लगता है. की आप आपने पति को धोका दे रही है.

सोनम – कोमल ये मर्द जात भी कोनसी सीधी होती है. इनका भी बहार चक्कर चलता है. तो हम लोग क्यों पीछे रहे. अब तुझे क्या बताऊ मैंने तो आपने बाप की उम्र के मर्द के साथ भी चुदाई की है.

बहू – हे भगवान भाभी इतनी उम्र का अंकल आपकी चुदाई कर पाया.

सोनम – हाँ यार काफी अच्छी चुदाई करि थी. ये अंकल लोग को कम मत समझना. दिखने मे बूढ़े लगते है. मगर लंड जवान बना के रखते है. वैसे तूने कभी किसी और के लंड के बारे मे नहीं सोचा.

बहू – भाभी सोचा तो बहुत बार है. मगर मै एक हाउसवाइफ हूं. कहा बहार जाके लंड लुंगी. वैसे भी किसी को मालूम चल गया, तो मेरी इज़्ज़त उतर जाएगी.

सोनम – मतलब लंड लेने का मन तो तेरा भी करता है. बस तुझे डर लगता है.

बहू – भाभी वैसे तो मै आपने पति के साथ खुश हूं. बस कभी कभी जब वो सेक्स नहीं करते है. तब मेरा मन बहुत करता है.

सोनम – चल जब होना होगा. तब तेरी लाइफ मे नया लंड आ ही जायेगा. तब तक तू बैगन से काम चला ले. और एक बात याद रखना. बैगन चूत मे डालने से पहले उसपर कंडोम चढ़ा लेना.

बहू – भाभी उस पर कंडोम क्यों चढ़ाऊँ?

सोनम – बैगन नाजुक होता है. इसीलिए जब हमारा पानी निकलने वाला होता है. तब हम जोर जोर से उसे अंदर बहार करते है. कही वो टूट गया. तो अंदर न रह जाये.

बहू – थैंक्स भाभी आप ने मुझे बता दिया. वैसे सच मे आपसे ऐसी बाते करके. मेरी भी चूत गीली हो जाती है.

सोनम – अब चूत गीली हो ही गयी है. तो बैगन ले आ मैंने तो कल रात मे 2 बार पानी निकाला था.

बहू – अरे भाभी अभी ले आउंगी. बहार पापा बैठे होंगे. वो सोने जायेंगे तब ले आउंगी.

सोनम – चल ठीक है मै चलती हूं. तू अपनी चूत को ठंडा कर.

सोनम के बहार आने से पहले मै आपने कमरे मे आ गया. सोनम चली गयी. अपनी बहू और सोनम की बाते सुनके मेरा लंड फटने लगा था. सोनम के जाते ही बेटा आ गया. हम सबने खाना खाया. और मै सोने चला गया. कुछ देर बाद मेरी बहू आपने कमरे से बहार आयी. और किचन मे चली गयी. मैंने देखा जब वो वापस जा रही थी. तब उसने पल्लू मे कुछ छुपा रखा था. बहू के कमरे मे जाते ही. मै उसके पीछे चला गया. मैंने देखा मेरी बहू ने कमरा बंद कर रखा था. मैंने जो छेद किया था. उस छेद पर आँख लगा के देखने लगा. मेरी बहू बेड पर सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज मे लेटी थी. मेरी बहू ने एक कंडोम उस बैगन पर चढ़ा दिया. और आपना पेटीकोट ऊपर करने लगी. बहू की चूत पर थोड़े बाल थे. बहू ने आपने मुँह से थूक निकाला और उसे अपनी चूत पर लगा लिया. थूक लगने से बहू की चूत चिकनी हो गयी. और चमकने लगी.

बहू ने बैगन अपनी चूत पर लगाया. और उसे हलके हलके अपनी चूत मे डाल लिया. बहू की आँखे बंद थी और माथे पर हलके हलके दर्द की निशानी थी. और हो भी क्यों न बैगन काफी बड़ा था. जिसका आधा हिस्सा उसने अपनी चूत मे डाल लिया था. मेरा पोता ऑपरेशन से हुआ था. और मेरी बहू की चूत अभी उतनी खुली नहीं थी. इसीलिए उसे थोड़ा दर्द हो रहा था. बहू हलके हलके बैगन अंदर बहार कर रही थी. और उसे मज़ा आ रहा था. वो आपने दूध को मसल रही थी. और मै बहार खड़ा होके अपने लंड को हिला रहा था. अगर ऐसा गरम नज़ारा कोई भी ससुर देखेगा. तो उसके मुरझाये हुए लंड मे भी जान आ जाएगी. मेरी बहू बैगन को हलके हलके पूरा अंदर ले रही थी और जैसे ही उसको दर्द होता. वो उसे बहार निकाल लेती थी. बीच बीच मे वो आपने मुँह पर हाथ रख लेती थी. जिससे उसकी आवाज न निकल जाये. मेरा पोता बहू के बगल मे सो रहा था. और मेरी बहू अपनी चूत की आग को शांत करने मे लगी थी.

कुछ देर बाद बैगन आराम से अंदर बहार हो रहा था. मेरी बहू ने आपने हाथो की रफ़्तार बढ़ा दी. और कुछ ही देर मे उसका पानी निकल गया. मेरी बहू वैसे ही लेट गयी. बैगन अभी भी मेरी बहू की चूत मे था. मेरी बहू ने शायद अपनी चूत से थोड़ा जोर लगाया. जिससे बैगन बहार निकल गया. जिससे बहू का खुला हुआ छेद और उसका गुलाबीपन साफ़ दिख रहा था. मैंने अपनी हाथ की रफ़्तार बढ़ा दी और मेरा पानी वही दरवाजे के पास निकल गया. मैंने जल्दी से अपना पजामा ऊपर किया और अपना फैला हुआ पानी साफ़ कर दिया. मेरी बहू वैसे ही लेटी हुई थी. आज एक बात तो समझ आ गयी थी की मेरी बहू को भी एक लंड की जरुरत है. और इससे पहले सोनम उसे बहार के किसी लंड से चुदवाए. मै अपनी बहू की गरम चूत को ठंडा कर देता हूं. आज सोनम की वजह से ही मै अपनी बहू का ये रूप देख पाया था. उसकी यही मदद मेरे सबसे जयादा काम आने वाली थी.

शाम के टाइम जब मेरी बहू चाय देने आयी. तब कपड़ो मे होने के बावजूद वो मुझे नंगी नज़र आ रही थी. मेरी नज़रे मेरी बहू के दूध और मादक जिस्म से हट ही नहीं रही थी. मुझे ऐसा घूरते देख. बहू ने खुद का पल्लू ठीक किया. मगर पल्लू से क्या फायदा था. मेरी नज़र मे तो वो नंगी ही खड़ी थी. आज बहू के चेहरे पर एक अलग सुख का अहसास था. अब बहू जब भी मेरे सामने आती, मै आपने लंड को उसके सामने सहला देता था. रात को बेटा भी आ गया. हम सबने खाना खाया और मै आपने कमरे मै गया. रात को मै 11 बजे बहू के कमरे के पास गया. और छेद से अंदर देखने लगा. कमरे मे नाईट बल्ब जल रहा था. इसीलिए साफ़ दिख नहीं रहा था. मगर मेरे बहू बेटे की किश करने की आवाज आ रही थी. मै वापस आके सो गया.

सुबह फिर घूमने गया. और वापस आके नास्ता किया. बेटा अपनी दुकान पर चला गया था. और मेरी बहू घर के काम करने लगी. जब भी बहू मेरे सामने से जाती. मै पने हाथ लंड पर रख देता. जिसे वो देखती हुई जाती. मै चाहता था मेरी बहू सोनम से मेरे बारे मे बाते करे. दोपहर का टाइम होते ही सोनम आ गयी. वो मुझे नमस्ते करके जाने लगी. इससे पहले वो जाती. मैंने उसकी कमर पकड़ ली. सोनम तुरंत पीछे पलट गयी.

सोनम – ये क्या कर रहे है अंकल जी?

मै – अरे बेटा जी गलत मत समझो. तुम्हारी कमर पर कीड़ा चल रहा था. इसीलिए उसे हटा रहा था. अगर तुम्हे बुरा लगा हो. तो मुझे माफ़ कर देना.

सोनम – सॉरी तो मुझे बोलना चाहिए अंकल जी. मै आपको गलत समझ रही थी. थैंक्स आपकी मदद के लिए.

सोनम अंदर चली गयी. और अंदर जाते ही मुझे दरवाजा बंद होने की आवाज आ गयी. मै तुरंत बहू के कमरे के पास गया और सुनने लगा.

सोनम – कैसी है तू कोमल? कल बैगन लिया था या नहीं.

बहू – लिया था भाभी.

सोनम – तो फिर पति से जयादा मज़ा आया या नहीं?

बहू – आप ठीक कह रही थी भाभी, सच मे बहुत मज़ा आया. मेरा पानी बहुत जल्दी निकल गया था. कल मैंने 2 बार बैगन से अपनी चूत को शांत किया था.

इसका मतलब मेरी बहू ने मेरे जाने के बाद फिर से अपनी चूत की चुदाई की थी.

सोनम – देखा मैंने कहा था न, इससे जयादा मज़ा कही नहीं मिलेगा. वैसे भी कब तक ऊँगली करती रहेगी. एक बच्चे की माँ है तू, अब तेरे ऊपर कोई शक भी नहीं करेगा.

बहू – भाभी वैसे कल तो मेरे पति ने भी चुदाई की थी. मगर सच बताऊ मुझे उतना मज़ा नहीं आया. जितना बैगन से करने मे आया था.

सोनम – क्यों तेरा पति तेरी चूत को नहीं चाटता है.

बहू – चाटते है मगर जयादा नहीं. मगर अपना लंड बहुत चूसवाते है.

सोनम – इसीलिए तो मै बहार के मर्दो को गुलाम बना लेती हूं. उनसे जितनी मर्ज़ी चूत को चाटवाओ वो कभी मना नहीं करते है. मै तो कहती हूं तू भी एक यार ढूंढ ले.

बहू – अरे नहीं भाभी कही कोई गड़बड़ हो गयी. तो मै तो जीते जी मर जाउंगी. ऐसे ही चलने दो.

सोनम – वैसे एक बात बताऊ अभी तेरे ससुर ने मेरी कमर को कसके पकड़ लिया.

बहू – क्या पापा ने आपके साथ ऐसा किया. वो ऐसा कैसे कर सकते है. आपने कुछ बोला नहीं उनको?

सोनम – अरे शांत हो जा. उन्होंने मेरी मदद की थी. मेरी कमर पर कीड़ा चल रहा था. जिसे उन्होंने हटाया था. मगर जब उन्होंने मेरी कमर को पकड़ा था. तब मेरे जिस्म मे करंट दौड़ गया था.

बहू – हाहाहा पापा के छूने से आपके जिस्म मे करंट लगा. आप भी न भाभी उनकी उम्र तो देखो.

सोनम – तू हंस रही है? हंस ले, मगर मेरा तजुर्बा कहता है. तेरा ससुर इतना भी बूढ़ा नहीं है. अगर उसे मौका मिले तो किसी भी औरत की चुदाई कर सकता है.

मै बहार खड़ा अपनी तारीफ सुनके खुश हो रहा था. और मेरा लंड भी अपनी तारीफ से खुश होके खड़ा था.

बहू – हो सकता है भाभी. मगर मुझे क्या करना. वो मेरे ससुर है. मेरे पापा के जैसे, मगर हाँ उनके लिए बुरा लगता है. वो इस उम्र मे अकेले है.

सोनम – अरे छोड़ो यार उन्हें तुम बताओ अभी भी मन हो रहा है.

बहू – नहीं भाभी रोज रोज करुँगी. तो मेरी चूत फ़ैल जाएगी.

मेरी बहू मुझे बूढ़ा कह रही थी. मगर वो कहा जानती थी. ये बूढ़ा उसकी चूत को चोदने का सपना देख रहा था. और कहते है सपना सच जल्दी ही हो जाता है. मेरी बहू ने मेरी किसी भी हरकत के बारे मे सोनम से बात नहीं की. शायद वो ये बात किसी को बताना नहीं चाहती थी. सोनम कुछ देर बाते करके चली गयी. पूरा दिन ऐसे ही निकल गया. रात को बेटा आ गया. सब खाना खाके आपने आपने कमरे मै चले गए. मै भी सो गया. आगे क्या होगा? क्या मै अपनी बहू को चोद पाया?

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