आखिर बहू चुद ही गयी! भाग – 4

Sasur bahu ki chudai kamuk dastan:- हाय दोस्तों, उम्मीद है मेरी ससुर बहू की चुदाई की दास्तान आपको पसंद आ रही है। पिछले भाग मे आपने पढ़ा कि कैसे मैंने अपनी बहू कोमल को उसकी चूत मे बैंगन लेते हुए पकड़ लिया और बहू कि कमर मे हाथ डाल दिया। बहू ने सारी बातें हमारी पड़ोसन को बताई और फिर पड़ोसन ने कैसे बहू को मेरे साथ चुदाई करने के लिए बोला। अब आगे पढ़िए..

अगर आपने पिछला भाग नही पढ़ा है तो यहाँ से पढ़ें ==>> आखिर बहू चुद ही गयी! भाग – 3

Sasur bahu ki chudai kamuk dastan

Sasur bahu ki chudai kamuk dastan

शाम को मेरी बहू मेरे लिए चाय लेके आयी. अब मेरी बहू ने मेरी आँखों में देखा और मैंने स्माइल किया. साड़ी में दिखता मेरी बहू का मादक जिस्म, जिसने मेरा लंड खड़ा कर दिया और मै उसके सामने अपना लंड सहलाने लगा. बहू चाय देके चली गयी. मैंने चाय पी और बर्तन खुद लेके किचन में गया. बहू वहाँ सब्जी काट रही थी.

बहू – अरे पापा मुझे आवाज दे दी होती, मै बर्तन उठा लती.

अब मेरी बहू बिलकुल नार्मल लग रही थी जैसे अब उसे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था. बहू बर्तन सिंक में रखने लगी. तभी मैंने पीछे से उसे पकड़ लिया. मैंने बहू कि कमर को पकड़ रखा था.

बहू – ये क्या कर रहे है पापा?

मै – वही कर रहा हूं बहू, जो कल रात तुम बैगन के साथ कर रही थी. लगता है मेरा बेटा तुम्हे ठंडा नहीं करता है. इसीलिए कल तुम बैगन से अपनी गर्मी निकाल रही थी.

बहू – ऐसा कुछ नहीं है पापा, मै उनके साथ बहूत खुश हूं. इस उम्र आप ऐसी हरकत कर रहे है. वो भी अपने बेटे कि बीवी के साथ आपको शर्म आनी चाहिए.

मै – बहू अगर मै शर्म करूँगा तो तुम्हारी गर्मी कैसे निकालूँगा. वैसे भी जब से तुमको बैगन लेते हुए देखा है. मेरा लंड बैठ ही नहीं रहा है.

बहू – पापा मै मानती हूं, मुझसे गलती हो गयी. मगर जो आप कर रहे है, वो गलत है ऐसा मत कीजिये.

मै – बहू मै गलत सही कुछ नहीं जानता हूं. मै कई सालो से अकेला हूं, मै तो भूल ही गया था कि सेक्स नाम की भी कोई चीज होती है. मगर जब से मैंने तुमको देखा है, मै फिर से जिन्दा हो गया हूं. मैंने अपना लंड पाजामे से बाहर निकाल दिया.

मै – ये देखो बहू कितने सालो के बाद ये खड़ा हुआ है, सिर्फ तुम्हे देखकर. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है.

बहू – ये आप क्या कर रहे है पापा. इसे अंदर कीजिये अपनी बहू के सामने ऐसा करते हुए आपको अच्छा लग रहा है? अगर आपको सेक्स की तलब है तो किसी रंडी के साथ ये कर लीजिये.

मै – बहू मै रंडी के पास नहीं जाता हूं, कम से कम तुम इसे आपने हाथ से ही शांत कर दो. इससे मै तुम्हारी चुदाई नहीं करूँगा और तुम भी बच जाओगी. अब देखो मना मत करना.

मैंने बहू का हाथ आपने लंड पर रख दिया. मगर वो मेरे लंड को पकड़ नहीं रही थी. मगर मै बार बार उसका हाथ आपने लंड पर रख देता और आखिरकार उसने मेरा लंड पकड़ लिया और उसे आगे पीछे करने लगी.

मै – बहू तुम्हारे हाथ से ही मुझे कितना अच्छा लग रहा है. ऐसा लग रहा है जैसे मेरा लंड तुम्हारी चूत में जा रहा हो.

बहू – पापा ऐसी बाते मत बोलिये, मुझे अच्छा नहीं लग रहा है.

मै – देखो बहू अब इतनी बाते तो बोल ही सकते है. इससे मेरा पानी जल्दी निकल जायेगा.

बहू – ठीक है आपका जो भी मन है बोल लीजिये.

मै – बहू मेरे लंड पर थोड़ा थूक लगा दो, ये सूखा हो गया है.

मेरी बहू ने मेरे लंड पर थूक लगा दिया और अब मेरा लंड आराम से आगे पीछे हो रहा था.

मै – बहू आज तुमने कोनसे रंग की ब्रा पेंटी पहनी है.

बहू – इससे आपको क्या लेना देना? मै आपका काम कर तो रही हूं.

मै – अरे बहू मैंने कहा ना हम खुल के बाते तो कर सकते है. मै वादा करता हूं. हमारी ये बाते और ये राज़ मै किसी को नहीं बताऊंगा.

बहू – काली ब्रा और सफ़ेद पेंटी पहनी है और आप मुझे बहू बहू कहना बंद कीजिये. मुझसे से मुठ मरवा रहे है और मुझे बहू कह रहे है. कौनसा ससुर ऐसा करता है.

मै – बहू आज कल सबसे ज्यादा चुदाई रिश्ते में ही होती है ताकि राज़ राज़ ही रहे. वैसे मेरा बेटा भी कहा जानता है कि उसकी बीवी की चूत में कितनी आग है.

बहू मुझे घूर के देख रही थी और जल्दी जल्दी आपने हाथ चला रही थी. कुछ ही देर में मेरा पानी निकल गया और बहू आपने हाथ धोने लगी. मैंने अपना लंड पाजामे के अंदर डाल लिया और बहू मेरा पानी साफ़ करने लगी. मैंने पीछे से बहू के दूध दबा दिए और किचन से निकल गया. रात को मेरा बेटा भी आ गया. जब भी बहू मेरे सामने आती और हमें कोई नहीं देख रहा होता तो मै उसकी गांड दबा देता था. मैंने एक ही दिन में कम से कम 50 बार उसकी गांड दबा दी थी. रात में ज्यादा कुछ नहीं हुआ और मै भी सो गया. अगली सुबह मै घूमने नहीं गया. मगर मै उठ जल्दी ही गया. मेरी बहू भी जल्दी ही उठ जाती है और घर के काम जल्दी करके नहाने जाती है. मै उसी का इंतज़ार कर रहा था. जब बहू ने घर के काम कर लिए तो वो आपने कपडे लेने कमरे में गयी और मै तभी बाथरूम में घुस के नीचे बैठ गया.

कुछ ही देर में बहू बाथरूम मे आयी और इससे पहले वो मुझे देख पाती, मैंने उसको पकड़ा और उसे अंदर खींच लिया. मेरी बहू के हाथ से कपडे नीचे गिर गए और उसके मुँह से जैसे ही आवाज निकलने वाली थी. मैंने अपना हाथ उसके मुँह पर रख दिया.

मै – बहू आवाज मत करना वरना मेरा बेटा उठ जायेगा.

बहू – पापा आप यहाँ क्या कर रहे है? जानते है न आपका बेटा घर में ही सोया हुआ है. अगर वो जाग गए तो हम दोनों की खैर नहीं. आप जल्दी से निकल जाओ.

मै – बहू अगर मुझे निकलना ही होता, तो मै अंदर ही क्यों आता? मै तो बस अपनी बहू के इस गरम जिस्म को देखने आया हूं.

बहू – पापा आपका दिमाग ख़राब हो गया है, कल आपने मुझसे मुठ मरवाई और आज ये. मै ऐसा कुछ नहीं करने वाली.

मै – बहू एक बार मुझे अपने इस जिस्म को देख लेने दो, उसके बाद मै चला जाऊंगा.

बहू – पापा प्लीज चले जाये यहाँ से, कही उन्होंने देख लिया तो सब बर्बाद हो जायेगा.

मै – बहू सिर्फ एक बार, वैसे भी मेरा बेटा देर से उठता है, इतनी देर में तो तुम दिखा भी देती मुझे.

काफी देर बहू को समझाने के बाद वो मान गयी.

बहू – ठीक है पापा मगर आप देखते ही निकल जाना.

मै – हाँ बहू! तुम्हे नंगा देखकर मै निकल जाऊंगा, मगर तुम्हारे कपडे मै निकालूँगा।

मेरी बहू मेरे सामने खड़ी थी और मैंने उसकी मैक्सी निकाल दी. अब मेरी बहू सिर्फ काली ब्रा और सफ़ेद पेंटी में खड़ी थी. मेरी बहू ब्रा पेंटी में एक दम अप्सरा लग रही थी. बहू पीछे मुड़ गयी और मैंने उसकी ब्रा निकाल दी. ब्रा निकलते ही मेरी बहू के दूध आजाद हो गए. मैंने बहू को अपनी तरफ घुमाया. मगर उसने आपने दूध हाथ से छुपा लिए. मैंने बहू के हाथ हटा दिए और उसके दूध को पकड़ लिया. मेरी बहू मेरी ही आँखों में देख रही थी और मै उसके दूध को दबा रहा था, मसल रहा था.

बहू – पापा जल्दी से देख लीजिये.

मै नीचे बैठ गया और हलके हलके बहू की पेंटी नीचे करने लगा. नीचे होते ही बहू की हलके हलके बालो वाली चूत मेरे सामने थी. बहू की चूत के होंठ चिपके हुए थे और मैंने अपने हाथ से उसे अलग कर दिया. बहू की चूत खुलते ही उसका छेद दिखने लगा. मैंने अपना हाथ चूत के दाने पर रख दिया और उसे जोर जोर से हिलाने लगा. इससे पहले बहू मेरा हाथ हटाती. मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर लगा दिया. बहू मेरा सर हटा रही थी. मगर मेरी जीभ अपना कमाल दिखाने लगी. बहू की चूत पर जीभ लगते ही. बहू का जिस्म ढीला पड़ने लगा. मैंने अपनी बहू की टाँगे फैला दी और 1 ऊँगली उसकी चूत में दाल दी. चूत कि चुदाई और चटाई एक साथ मेरी बहू को मिल रही थी. अब मेरी बहू मुझे नहीं रोक रही थी. पूरे 10 मिनट चूत चाटने के बाद मेरी बहू का पानी निकल गया.

मैंने अपनी बहू की चूत चाटके साफ़ कर दी. बहू के चेहरे पर एक संतुष्टि का अहसास था. मैंने एक स्माइल किया और वहाँ से निकल गया. मै अपने कमरे में आ गया और कुछ टाइम बाद मेरा बेटा भी उठ गया.

बेटा – अरे पापा आज आप घूमने नहीं गए?

मै – अरे नहीं बेटा बस आज मन नहीं किया इसीलिए नहीं गया.

मेरी बहू मेरी तरफ ही देख रही थी. कुछ देर बाद मेरी बहू मेरे कमरे में चाय लेके आयी. जैसे ही वो जाने लगी, मैंने उसे पकड़ लिया.

मै – बहू आज मज़ा तो आया ना तुम्हे? क्या मेरा बेटा भी तुम्हारी चूत ऐसे ही चाटता है?

बहू ने कोई जवाब नहीं दिया. तो मैं साड़ी के ऊपर से उसकी चूत सहलाने लगा. तभी बाहर से मेरे बेटे कि आवाज आयी.

बहू – पापा जाने दीजिये आपका बेटा बुला रहा है.

मैंने बहू को छोड़ दिया और वो जल्दी से चली गयी. हम सब नास्ता करने लगे और उसके बाद बेटा चला गया. मै आपने पोते को घुमाने ले गया और 1 घंटे बाद वापस आया. मैंने उसे टीवी पर कार्टून लगा दिया और वो कार्टून देखने में बिजी हो गया. फिर मै किचन में गया तो मैंने देखा मेरी बहू आटा गूंध रही है. मैंने पीछे से जाके अपनी बहू को पकड़ लिया. उसके हाथ आटे में सने हुए थे. इसीलिए वो कुछ नहीं कर पा रही थी. मै बहू के दूध पकड़ के दबाने लगा. वो मुझसे छूटना चाह रही थी. मगर मै उसे कही जाने नहीं दे रहा था.

बहू – पापा प्लीज मत कीजिये ना मुझे खाना बना लेने दीजिये. मगर मै कहा सुनने वाला था. मैंने बहू की साड़ी पीछे से उठा दी. मेरी बहू ने वी शेप की काली पेंटी पहनी थी. मैंने उसकी पेंटी नीचे कर दी. आपने हाथो से बहू की गांड को फैलाया और मुझे बहू की गांड का छेद और चूत खुल के दिखाई देने लगे. पहले मैंने बहू की चूत में मुँह लगा दिया और उसे चूसने लगा. बहू स्लैब पर आगे की तरफ झुक गयी और मै अपनी जीभ बहू की चूत और गांड पर चलाने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मुझसे ज्यादा मज़ा मेरी बहू को आ रहा था. इस बार वो खुद की आवाज को नहीं दबा पायी. क्युकि उसके हाथ आटे से सने थे. बहू आपने मुँह से कामुक आवाज निकाल रही थी.

आह्हः ममम उम्म्म और मै उसकी चूत के रस को चाट रहा था. कुछ ही देर में बहू का पानी निकल गया. और बहू स्लैब पर ही सर रखकर जोर जोर से साँसे ले रही थी. मैंने बहू की पेंटी उसके पैर से निकाल ली.

मै – बहू अब तुम पेंटी मत पहना करो. मुझे बार बार उतारनी पड़ती है. मै तुम्हारी चूत बार बार चाटना चाहता हूं.

बहू कुछ नहीं बोली और मै आपने पोते के पास आ गया. दोपहर में सोनम आ गयी और मेरी तरफ देखकर हँसते हुए बहू के कमरे में चली गयी. मै भी उसके पीछे चला गया और उनकी बाते सुनने लगा. मेरी बहू ने सोनम को सब बता दिया कि कैसे मैंने उससे मुठी मरवाई. कैसे 2 बार मैंने उसकी चूत चाटी और सोनम ये सब सुनके बहूत एक्साइटेड दिख रही थी.

सोनम – देखा कोमल मैंने कहा था ना कि तेरा ससुर तुझे चोदना चाहता है.

बहू – भाभी अगर उन्हें मेरी चुदाई करनी होती तो वो कर लेते, मगर उन्होंने तो सिर्फ मुठी मरवाई और मेरी चूत को चाटा है.

सोनम – तेरा ससुर पूरा खिलाडी है, तेरी बातो से लगता है. वो कई औरतो की चुदाई कर चुका है और तेरी चूत चाट के वो पहले तुझे खुश करना चाहता है.

बहू – भाभी शायद आप सही कह रही हो, उनके पास 3 बार मौका था. मगर उन्होंने अपना लंड नहीं डाला. बस मेरी चूत और गांड को चाट रहे थे.

सोनम – तेरा ससुर वाकई में अच्छा आदमी है, वरना अब तक तो तेरे कपडे फाड़ चुका होता. वैसे तूने उसका लंड देखा? कैसा लगा तुझे मोटा है या नहीं?

बहू – हाँ भाभी देखा भी और मुठी भी मारी, सच में काफी अच्छा लंड है उनका, मोटा भी है और टाइट भी काफी था.

सोनम – तो देर क्यों कर रही है? सब कुछ तो हो चूका है, चढ़ जा उनके लंड पर, वैसे तूने अभी तक उनका लंड चूसा या नहीं.

बहू – नहीं भाभी मुझे समझ नहीं आ रहा था, करू या नहीं.

सोनम – तू भी बिलकुल ट्यूबलाइट है. अपने ससुर से अपनी चूत चाटवा ली, मगर बस उनका लंड लेने में प्रॉब्लम है. वैसे तुझे देखकर लगता है कि उन्होंने तुझे अच्छे से खुश कर दिया है.

बहू – भाभी अगर कोई चूत चाटे वो भी तुम्हारे पति के रहते तो सोचो क्या हालत होती होगी.

सोनम – यार तेरे ससुर कि बाते सुनके मुझे जलन हो रही है. काश मेरी सास की जगह मेरा ससुर होता. तो मै उसे बुढ़ापे में जन्नत की सैर करवा देती.

बहू – वैसे भाभी मन तो मेरा भी बहूत हुआ था कि उनका लंड अपनी चूत में ले लू. मगर वो ही चूत चाट के चले गए.

सोनम – अरे यार तू भी थोड़ी बेशरम बन जा, अभी खाना खाने के बाद उनके कमरे में चली जाना और चढ़ जाना उनके लंड के ऊपर.

सोनम बाते करके चली गयी. फिर मेरा बेटा भी आ गया. हम सबने खाना खाया और बेटा वापस अपनी दुकान पर चला गया. आज इससे पहले मेरी बहू मेरे कमरे में आती. मै उसके कमरे में चला गया. बहू मुझे देखते ही खड़ी हो गयी. मै बहू के पास गया और उसकी साड़ी निकालने लगा. मेरी बहू अब बिलकुल मेरे बस में आ गयी थी. मै उसकी साड़ी निकाल रहा था और वो मेरी आँखों में एक प्यासी औरत की तरह देख रही थी. जिसका पति आज उसे चोदने आया हो.

आखिर बहू चुद ही गयी! भाग – 5

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