ससुराल के मोटे लौड़े भाग -1

Sasur bahu devar bhabhi sex story:- Hi दोस्तों मैं निशा आज अपनी पहली कहानी में आप सब का बहोत बहोत वेलकम करती हूँ. दोस्तों मैं मुंबई में रहती हूँ मेरे मम्मी डैडी एक मिडिल क्लास से है. इसलिए मैं एक शरीफ लड़की ही हूँ. मेरा रंग गोरा और मैं एक सेक्सी और हॉट भी हूँ. जब मैं जवान हुई तो लड़को के ऑफर मेरे पास आने लग गए. पर मुझे इन चीजों में कोई इंट्रेस्ट नहीं था इसलिए मैंने किसी से कोई फ्रेंडशिप नहीं करि थी. उसके बाद मेरी उम्र 20 साल हो गयी और मेरी शादी हो गयी. किस्मत से मेरी पति मुझे बहोत ही अच्छे मिल गए. वो पुणे के रहने वाले थे इसलिए मैं भी शादी के बाद पुणे ही चली गयी. मेरे पति के घर में वो, उनके मम्मी पापा और एक छोटा भाई था. छोटी सी फॅमिली जो मुझे बहोत ही पसंद थी.

Sasur bahu devar bhabhi sex story

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शादी से पहले मैंने कभी सेक्स नहीं किया था. और मैं काफी ज्यादा डर रही थी की न जाने अब क्या होगा. पर मेरे पति सच में बहोत अच्छे थे. उन्होंने मेरे साथ सेक्स काफी प्यार से और अच्छे से किया. मुझे ज्यादा दर्द होने तक नहीं दिया. पहली रात हमने सिर्फ दो बार ही सेक्स किया था. सेक्स के बाद मेरे पति ने मुझे अपनी बाँहों में लेकर कहा की वो सिर्फ 25 दिनों के लिए अब इंडिया में है. उसके बाद वो वापिस से दुबई चले जायेगें. इसलिए वो ये 25 पूरा एन्जॉय करना चाहते है. दिन रात वो सिर्फ मेरे ही साथ रहना चाहते थे. मुझे अपने पति से पहली रात में ही प्यार हो गया. हम दोनों दिन रात सेक्स करते थे. जब भी मेरा दिल करता था तभी मैं अपने पति को बैडरूम में बुला लेती थी. और जब उनका दिल करता था तब मैं उनका पूरा साथ देती थी. हम दोनों सेक्स का पूरा मजा ले रहे थे. न जाने 25 दिन कब बीत गए कुछ पता ही नहीं चला. मेरे पति ने कहा की अब वो 8 महीने के बाद ही वापिस आयेगें और लास्ट नाईट हम दोनों ने 5 बार जम कर सेक्स किया.

जब लास्ट बार हमने सेक्स किया तो मेरे पति ने मुझसे कहा की देख लो कहीं तुम मेरे पीछे किसी और के साथ तो सेक्स नहीं करोगी. ये बात सुनते ही मुझे उन पर गुसा आया और मैं उनसे रूठ गयी. फिर उन्होंने कहा की मैं वो सिर्फ मजाक कर रहे थे. ऐसे डरने वाली कोई बात नहीं है मुझे अपनी वाइफ पर पूरा विश्वास है. पर दोस्तों जो उन्होंने ये बात कहि थी वो सच हो जाएगी इस बात का न तो मुझे पता था और न ही मेरे पति को. आखिर सुबह हो गयी और मैं अपने पति को एयरपोर्ट तक सी ऑफ करने चली गयी. पहली रात मैंने बहोत ही मुश्किल से निकाली, मुझे अपने पति की बहोत ज्यादा याद आ रही थी. मुझे उनका लंड, उनके किश, उनकी बाहें सब कुछ बहोत याद आ रहा था.

आखिर सुबह हुई और मेरे ससुर जी ने कहा बहु ऐसे तो तुम घर में बैठी बोर हो जायेगी. क्यों न तुम ऐसा करो की कोई छोटा सा कंप्यूटर कोर्स ही कर लो ऐसे तुम्हरा अच्छा टाइम पास हो जायेगा. क्योकि सारा दिन घर में तुम बोर हो जायेगी. इतने में मेरा देवर बोला क्यों भाभी आप मेरे साथ मेरे ऑफिस में आ जाओ. मैं कई बार ऑफिस से बहार जाता रहता हूँ. इसलिए आप कम से कम मेरे ऑफिस में तो रहोगे. बस फिर क्या था मैंने अपने देवर की बात मानी और उसके साथ जाने का फैसला कर लिया. मैं जल्दी से त्यार हुई और अपने देवर के साथ जाने के लिए त्यार हो गयी. मेरा देवर अपनी बाइक पर अपने ऑफिस जाता था. इसलिए मैं उसके पीछे बैठ गयी, देवर जी बार बार बाइक की ब्रेक मार रहा था. जिससे मेरे बूब्स उसकी कमर पर लग रहे थे. उसके जिस्म से जब मेरा जिस्म टच कर रहा था. तब मेरे अंदर वो फीलिंग आ रही थी जो फीलिंग मुझे मेरे पति ने पहली रात को मुझे दी थी.

आखिर हम दोनों उसके ऑफिस पर गए उसका काम कंस्ट्रक्शन का था. इसलिए उसका ऑफिस भी ज्यादा बड़ा नहीं था. मेरे देवर ने अपने साथ ही मेरी चेयर लगा दी. ये कहानी आप मेरी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है. और उसने पहले दिन ही मुझे अपने ऑफिस की चाबी दे दी. सच में उसके ऑफिस में सब कुछ था, टीवी, एक फ्रिज सब कुछ था. पहला दिन तो कब निकल गया मुझे पता तक नहीं चला. रात को जब मैंने सोने लगी तो मुझे अपने देवर का एक एक टच याद आ रहा था. आखिर मैं सो गयी अगले दिन मैं अपने देवर के साथ ही ऑफिस में गयी. कुछ ही देर बाद उसका एक फ़ोन आया और उसने कहा भाभी मैं अभी थोड़ी देर तक आता हूँ. फिर मैं अकेली थी मैं टीवी देख रही थी पर कुछ खास नहीं आ रहा था. इसलिए ऐसे ही ऑफिस देखने लग गयी. वहां पर एक अलमारी रखी हुई थी. मैंने उसे ऐसे ही खोल और देखा तो उसमे एक साइड में कुछ बुक्स रखी हुई थी. मैंने वो बुक्स उठाई और देखि तो वो सेक्स स्टोरीज की बुक थी. मैं उसे पढ़ने के लिए मजबूर हो गयी. वो बुक्स पढ़ कर मेरी चूत में तो आग सी लग गयी. मैं जल्दी से बाथरूम में गयी और अपनी सारे कपड़े ऊपर करके जोर जोर से अपनी चूत में ऊँगली करने लग गयी.

अभी मुझे अंदर आये 2 मिनट ही हुए थे की इतने में दरवाजा किसी ने नॉक कर दिया. जब मैंने दरवाजा खोला तो सामने मेरा देवर सुनील था. उसने कहा भाभी चलो घर चलते है 7 बज चुके है. फिर हम दोनों एक साथ घर आ गए. और रात का डिनर करने के बाद मैंने अपनी चूत को पूरा नंगा करके उसमे 4 बार उंगलिया करके उसका 4 बार पानी निकाला तब जा कर मुझे शांति मिली. उसके बाद ऐसे ही मेरा एक महीना कब निकल गया मुझे पता तक नहीं चला. मैं अपने देवर के साथ रोज जाती थी और रोज उसके पीछे बेथ कर घर वापिस आ जाती थी. एक दिन मैं ऑफिस में अकेली बैठी हुई थी. तभी एक आदमी अंदर आया और उनसे एक बुक मुझे दी और कहा ये बुक प्लीज सुनील सर को दे देना. ये कह कर वो चला गया. जब वो चला गया तो मैंने वो बुक खोल कर देखि तो उसमे हिंदी सेक्स स्टोरीज थी पर उसके साथ ही उसमे गन्दी गन्दी फोटोज भी थी. मैं उसे ऐसे पढ़ने लगी की मुझे नहीं पता की मैं कहाँ पर हूँ और मुझे कोई देख रहा है या नहीं. मेरे सामने सुनील कब आ कर खड़ा मुझे पता ही नहीं चला. जब मेरा ध्यान उस पर गया तो मैं शर्म से पानी पानी हो गयी थी. वो बोला कोई बात नहीं भाभी आप पढ़ लो मैं किसी से कुछ नहीं कहूंगा.

मुझे पता है आपको भैया की याद आ रही होगी. फिर वो मेरे साथ बैठ गया और कुछ देर बाद हम दोनों घर जाने लगे तो उसने मुझे कहा की अब आप साथ में वो बुक भी ले लो, जब बुक पढ़ लो तो मुझे दे देना. मैं भी इसके मजे ले लूंगा और वैसे भी मजे लेना सब का हक़ है. मैं शर्मा रही थी फिर भी वो बुक अपने साथ ले आयी. मैं रात को सोने से पहले मैंने वो पूरी बुक पढ़ी और पूरी रात मैं अपनी चूत का पानी उंगलिया मार मार कर ही निकालती रही. अगले दिन सुबह ही हम अपने ऑफिस के लिए निकल लिए. करीब 4 बजे घर से सासु माँ का फ़ोन आया की उन दोनों को अर्जेंट ही कहीं जाना पड़ गया है. इसलिए हम दोनों उन्होंने जल्दी ही घर आने को कहा. हम दोनों जल्दी से ऑफिस बंद करके अपने घर की और निकल गए.

घर जा कर देखा तो मम्मी पापा दोनों त्यार थे. सुनील उन्हें छोड़ने के लिए चला गया. फिर आते हुए वो शराब और चिकन और बीयर ले आया. जब वो आया तो उसने आते ही कहा भाभी आज रात हम दोनों पार्टी करेगें क्योकि आज पहला मौका है की मैं और आप एक दम अकेले है. रात हो चुकी थी सुनील ने मेरे बैडरूम में ही पार्टी का इंतजाम कर दिया था. 2 गिलास और 2 बॉटल, एक शराब की और एक बीयर की. उसके साथ मैं बैठ कर पिने लग गयी. पहले तो मैंने उसे साफ़ ही मना कर दिया पर उसने कहा की भाभी आप फ़िक्र मत कीजिये मैं ये बात किसी को नहीं कहूँगा. इसलिए मैंने उसके साथ शराब पिने के लिए हाँ कह दिया था. अभी मैंने एक पेग मारा और तभी सुनील ने मुझे एक बुक दी और कहा भाभी मैं आपके लिए ये स्पेशल ले कर आया हूँ. क्योकि आप को भैया की बहोत याद आती है. जैसे ही मैंने वो बुक खोली तो उसमे नंगी लड़की और नंगे लड़को के काफी सारी फुल नंगे फोटोज थी. लंड देखते ही मेरी चूत पानी छोड़ने लग गयी. मैंने सोचा यार आज तो मैं गयी. फिर सुनील बोला भाभी आप देखो मैं आया एक फ़ोन करके.

कुछ ही देर बाद वो आया और मेरे पास मेरे कंधे पर अपना हाथ रख कर बैठ गया. फिर क्या था मैं उसे कुछ नहीं बोल पायी वो मेरे साथ बुक देखने लग गया. उसने कब अपना हाथ मेरे जिस्म पर फेरना शुरू कर दिया. मुझे पता तक नहीं चला. फिर मेरे देवर ने मुझे किश करना शुरू कर दिया. मुझे बीयर का नशा होने लग गया था. इसलिए मैं कुछ नहीं बोल पा रही थी. फिर वह मेरे होंठो को अपने होंठो में ले कर चूसने लग गया. मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी. मैं बहोत गरम होने लग गयी थी तभी उसने मेरे होंठ छोड़ दिए. और फिर सीधा और नीचे गया और मेरी सारी उठा कर अपना मुँह मेरी चूत पर रखा और अपनी जीब निकाल कर मेरी चूत को चाटने लग गया. उसकी जीब आग में पेट्रोल का काम कर रही थी. मेरे पति ने आज तक मुझे ऐसे प्यार नहीं किया था. मेरी चूत 2 मिनट में ही पूरी गरम हो गयी और देखते ही देखते मेरी चूत ने अपना सारा पानी उसके मुँह पर निकाल दिया. फिर वो खड़ा हुआ और मैंने उसका लंड बहार निकाला

जब मैंने उसका लंड देखा तो मैं बहोत खुश हो गयी. क्योकि मेरे देवर का लंड मेरे पति से ज्यादा लम्बा और मोटा था. लंड देखते ही मेरे मुँह में पानी आ गया और मैं पागलो की तरह उसका लंड चूसने लग गयी. और जब तक उसके लंड का सारा पानी मेरे मुँह में नहीं निकला तब तक मैंने उसका लंड अपने मुँह में से नहीं निकाला. फिर मैंने उसका लंड चूस चूस कर फिर से खड़ा कर दिया. और फिर उसने मेरी चूत में अपना पूरा लंड 2 धक्कों में डाल दिया. मुझे और मेरी चूत को उसका लंड पसंद आ गया था. इसलिए मैं जोर जोर से अपनी गांड उठा उठा कर उसका लंड ले रही थी. करीब 20 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद हम दोनों का पानी एक बार फिर से निकल गया. उस रात हम दोनों ने 6 बार सेक्स किया और सुबह तक हमे होश आया. मेरी आंख 9 बजे खुली और हम दोनों फिर जल्दी त्यार हो कर ऑफिस में गए.

ऑफिस में जाते ही सुनील ने ऑफिस को अंदर से बंद कर दिया. और चेयर के ऊपर मुझे बिठा कर मेरी दोनों टाँगे उठा कर मेरी चूत को चोदना शुरू कर दिया. उस दिन के बाद अब हम दोनों ऑफिस में ब्लू फिल्म्स देखते है और हम डेली ऑफिस में ही कम से कम 3 बार चुदाई करते है. रात को भी हम दोनों मौका देख कर एक दूसरे के कमरे में जा कर चुदाई कर लेते थे. मुझे अपने देवर के साथ सेक्स करते हुए 3 महीने हो चुके है और मुझे अब तक अपने पति की एक बार भी याद नहीं आयी.

दोस्तों मुझे उम्मीद है आप को मेरी ये कहानी पसंद आयी होगी. और मुझे आपके अच्छे कमैंट्स और लाइक मिले तो इस कहानी का अगला पार्ट भी जरूर लिखूंगी. और प्लीज ज्यादा से ज्यादा मेरी इस कहानी को लाइक और शेयर करो।

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