Papa aur beti ki chudai ki kahani:- हेलो फ्रेंड्स मैं बबिता हूँ हैदराबाद की रहने वाली हूँ और मेरी उम्र 25 साल है. मेरा सेक्सी फिगर 38-30-38 है मेरे बूब्स एक दम कड़क है। और जो भी लड़का मुझे देखता है उसका लंड एक दम से खड़ा हो जाता है। मेरे बूब्स के निप्पल्स का रंग गुलाबी है। दोस्तों मैं आपको बता दूँ की ये कहानी मेरी दीदी ने लिखी है जिसमे मेरी और पापा की चुदाई की कहानी है. तो अब बस आराम से बैठ कर एन्जॉय कीजिये. बात तब की है जब उस रात मैं अपने डैड से चुद गयी थी. उनको भी पता नहीं चला की वो किसे चोद रहे है। और मैं इतफ़ाक़ से अपने पापा से चुद गयी थी।
Papa aur beti ki chudai kahani
फिर मेरी दीदी ने मुझसे बात करि की तू उस रात किससे चुदवा रही थी।
बबिता – दीदी मैं कहाँ आप ने किसी और को देखा होगा?
दीदी – अब चुप कर तेरी चोरी पड़की गयी है मुझे सब पता है. उस रात तू मेरे डैड से चुदी है।
ये सुनते ही उसने अपने मुँह पर हाथ रख लिया ओके दीदी अब मैं सच बताती हूँ मेरे और मेरे पापा के बीच सेक्स का रिश्ता करीब 1 साल से है ओके।
दीदी – ओह नाइस यार बबिता वैसे तुमने सेक्स क्यों किया अपने पापा से?
बबिता – दीदी वो पापा अकेले पड़ गए थे मैंने उनकी हेल्प करी और एक अच्छी बेटी अपने पापा की हर बात मानती है।
दीदी – हाँ ये तो तू सही बोली तू, बेटी वो ही अच्छी है जो अपने पापा की हर बात माने। वैसे तूने अपने पापा के साथ सेक्स करके बहुत अच्छा काम किया है कसम से। क्योकि मैं भी अपना पापा के साथ करती हूँ।
बबिता – नाइस दीदी बेटियां बाप की रानियाँ होती है।
दीदी – हाँ होती है तू बता तेरा फर्स्ट टाइम कैसे हुआ था। और क्यों हुआ कोई मज़बूरी थी या शौक या फिर आदत थी बता?
बबिता – दीदी वो पहले तो शौक शौक में किया पर फिर आदत पड़ गयी सेक्स करने की।
दीदी – अच्छी बात है बबिता वैसे कहाँ पर किया था घर में या कहीं बाहर?
Papa ne mujhe choda jab mummy beemar thi
बबिता – वो अक्सर मेरी माँ बीमार रहने लग गयी थी। फिर उनको हॉस्पिटल में एडमिट किया हुआ था। डॉक्टर ने कहा था की माँ के पास सिर्फ एक ही पर्सन रुक सकता है। इसलिए माँ के पास दादी रुक गयी और मैं पहले से ही घर पर थी। फिर पापा घर आ गए क्योकि उन्हें ऑफिस में कोई जरुरी काम था। जैसे ही वो आये तो डाइनिंग टेबल पर खाना खाने बैठ गए। कुछ ही देर बाद मैं खाना देने के लिए उनके सामने झुकी। उस टाइम मैंने ब्रा नहीं डाली हुई थी इसलिए पापा को मेरे बूब्स के पिंक निप्पल्स दिख गए। और जब मैंने खड़ी हो कर देखा तो पापा मेरे बूब्स को देख रहे थे। फिर मैं पापा से बोली। Papa aur beti ki chudai ki kahani
मैं – पापा क्या हुआ?
पापा – कुछ नहीं बेटा ऐसे ही तू खाना दे और अपने रूम में जा कर सो जा।
बबिता – ठीक है पापा मुझे शर्म आ रही थी। मैं पापा से अपनी ऑंखें चुरा रही थी मुझे अजीब सी फीलिंग आ रही थी। पहली बार किसी ने मुझे इस तरह देखा था।
दीदी – लगता है तेरे पापा तेरे ऊपर फिदा हो गए थे।
बबिता – हाँ दीदी फिर मैं अपने रूम में चली गयी कुछ देर बाद मैं पानी पीने के लिए उठी। और मैं किचन में जा रही थी तो पापा के बैडरूम में से आह आह की मुझे आवाजें सुनाई दी। मैंने देखा की पापा अपना लंड पकड़ कर हिला रहे थे मैंने पहली बार किसी मर्द का लंड देखा था। वो बहुत तगड़ा और चिकना लम्बा लंड एक मस्त गुलाबी टोपा वाला था। दीदी लंड पर से मेरी ऑंखें हट ही नहीं रही थी। जब से मैंने पापा का लंड देखा था मेरी चूत में खुजली होने लग गयी थी। अब मुझे कैसे भी करके अपने पापा का लंड लेना था। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था की मुझे क्या हो रहा है। मैं पापा के बारे में क्यों इतना गलत सोच रही हूँ। मैं पापा के सपने देखने लग गयी वो रोज मुझे सपने में आ कर चोदते थे। और मेरी चूत इससे गीली हो जाती थी। मुझे पता नहीं मेरे साथ क्या हो रहा था मेरे जिस्म में आग सी लग रही थी। मैं अक्सर गरम रहने लग गयी और अब मैं पोर्न मूवी भी देखने लग गयी। अकेले में मैं अपनी चूत में ऊँगली भी करती थी और अपने बूब्स को मसलती थी। Papa aur beti ki chudai ki kahani
Papa ne beti ki chut fadi
दीदी – तूने एक बार लंड देखा और तेरी ऐसी हालत हो गयी थी की तुझे अब चुदाई ही करवानी पड़ी।
बबिता – दीदी वो मुझे भी मालूम नहीं था की मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है। मैं अपनी ऑंखें बंद करती तो मुझे पापा का लंड ही नजर आता था। फिर मैंने फ़ाइनल कर लिया की मैं अपने पापा से चुदाई करवाऊँगी।
दीदी – फिर तूने कैसे पटाया अपने पापा को चुदाई के लिए?
बबिता – दीदी मेरी चूत बहुत तड़प रही थी पापा के लंड के लिए। पर मुझे उनसे अब चुदना ही था पर मुझे डर भी बहुत लगता था। खैर फिर मैं पापा के बैडरूम वाले बाथरूम में नहाने चल गयी तभी पापा वहीं पर बैठे हुए थे। मैंने डरते हुए उन्हें आवाज लगायी और मैं बोली।
मैं – पापा प्लीज मेरे रूम में से मेरे कपडे ला दो मैं वहीं पर भूल आयी हूँ।
पापा मेरे कपडे ले आये और बोले – बेटा लो अपने कपडे। पापा की आवाज सुनते ही मैंने बाथरूम का दरवाजा थोड़ा सा खोल दिया। और उनके सामने मैं खड़ी थी जैसे ही पापा को मेरे बूब्स और चूत दिखी। तो पापा ने मुझे मेरे कपडे दिए और उनकी नजर एक दम से नीचे हो गयी। फिर मैंने दरवाजा बंद कर दिया और मैंने की होल में से देखा तो पापा वहीं पर खड़े थे। मैं समझ गयी की पापा को मेरी चूत पसंद आ गयी है। फिर मैंने दरवाजा खोला तो पापा वहां से हट गए थी मैं आयी तो पापा मुझे ही देख रहे थे। मैं भी जान बूझ कर उसके सामने अपने बालों को ठीक करने लग गयी थी। फिर मैं अपने बूब्स ऊपर करके पापा के पास चली गयी और फिर मैं अपने रूम में चली गयी। पापा की नजर मेरे ऊपर थी जिससे मैं गरम होने लग गयी थी। तो फिर मैंने अपनी सलवार उतार कर अपनी चूत में सबसे छोटी वाली ऊँगली डाल कर अंदर बाहर करने लग गयी। मैं आह आह कर रही थी तभी मुझे लगा की कोई नजर मुझे देख रही है। फिर जैसे ही मैंने देखा तो मेरे पापा वहीं पर खड़े थे मैं बहुत डर गयी थी। और मैं अपने आपको ठीक करने लग गयी और मैं अपनी सलवार का नाडा बांधने लग गयी। पर तभी पापा वहां से चले गए और मैं बहुत ज्यादा डर गयी थी। मैं सोचने लग गयी की अब पापा मेरे बारे में क्या सोचेगें। Papa aur beti ki chudai ki kahani
पापा और बेटी की चुदाई की कहानी
दीदी – क्या सोचेगें तेरे पापा भी तुझे चोदना चाहते थे बबिता तभी वो तुझे देख रहे थे।
बबिता – हाँ दीदी ये मुझे भी ख्याल था पर मैं डर गयी थी अपने पापा से। फिर सुबह जब हम साथ में ब्रेकफास्ट कर रहे थे तब मैं पापा से नजरें उठा कर देख भी नहीं पा रही थी। मुझे कुछ अजीब सी फीलिंग हो रही थी मुझे पता था की पापा मुझे चोदना चाहते है। पर वो मुझे कह नहीं पा रहे थे।
फिर दिन को मैं स्कूल से वापिस घर आयी तो पापा हॉल में बैठे अपनी की ज़िप खोल कर अपना लंड हिला रहे थे। पापा नींद में थे और मैं अब खुद को रोक नहीं पायी। फिर मैं खुद अपने हाथो से पापा के लंड को हिलाने लग गयी मैंने लंड को मुट्ठी में भर लिया। जब मैंने नीचे किया तो उनका टोपा चमकने लग गया जिसे देख कर मैं पागल हो गयी। फिर मैंने तभी उसके लंड को अपने मुँह में भर लिया और मैं उसे चूसने लग गयी। पापा नींद में ही आह आह करने लग गए और कुछ ही देर में लंड से सफ़ेद सा पानी निकलने लग गया। तभी मैंने एक दम से लंड को छोड़ दिया और मैं साइड में हो गयी। फिर पापा की आंख खुल गयी और उन्होंने मुझे और खुद को देखा और पापा बोले। Papa aur beti ki chudai ki kahani
पापा – सॉरी बेटा।
मेरे पापा ने मेरी सील तोड़ी
फिर मैं अपने रूम में चली गयी मम्मी अपने बेड पर थी वो बीमार थी। और फिर रात के 12 बजे के आस पास मुझे नींद नहीं आ रही थी। पापा मेरे पास मेरे रूम में आये और वो मेरे गाल पर हाथ फेरने लग गए फिर उन्होंने मेरे बूब्स पर हाथ रखा। तब मेरा फिगर 32-26-32 था वो मेरी सलवार के ऊपर से ही मेरी चूत को सहला रहे थे। मेरी चूत एक दम चिकनी थी मैं अब सोने का नाटक कर रही थी। पापा को लगा की मैं सो रही हूँ। मैं अभी तक कुछ नहीं बोली जिससे पापा की हिम्मत और बढ़ गयी। फिर उन्होंने मेरी सलवार का नाडा खोल दिया मुझे इस हालत में देख कर वो बोले वाओ और फिर उन्होंने मुझे एक किस कर ली। फिर वो अपनी जीब से मेरी चूत को चाटने लग गए।साथ ही वो मेरे बूब्स को मसल रहे थे कुछ ही देर में मेरी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया। फिर पापा ने मेरी चूत का सारा पानी चाट लिया पापा ने फिर से मेरी सलवार का नाडा बंद दिया।और वो मुझे लिप्स किस करके चले गए मेरा दिल तो कर रहा था की अभी मैं पापा को बाँहों में भर लूँ पर मुझे अभी भी डर लग रहा था।
फिर अक्सर रात को पापा मेरे साथ ऐसा करते वो कभी कभी मेरी चूत को चाटते तो कभी अपने लंड का टोपा मेरी गुलाबी चूत के लिप्स पर रगड़ते। मैं हमेशा ही सोने का नाटक करती थी। पापा को लगता था की मैं सो रही हूँ पर मुझे मालूम नहीं रात को क्या क्या होता है। Papa aur beti ki chudai ki kahani
दीदी – फिर सेक्स कब किया बबिता तूने अपने पापा से?
बबिता – दीदी बात ये थी की मुझे डर लगता था अपने पापा से की कहीं वो मुझे डांट ना दे। फिर मैंने रात को पापा के खाने में 2 नींद की गोलिया डाल दी। क्योकि मैंने अब ठान लिया था की आज तो मुझे कुछ करना ही है। इसलिए मैं भी पूरी तैयार थी मैंने आज ब्लू जीन्स और पिंक टॉप डाला हुआ था।
पापा घर आये और मुझे देख कर वो बोले – बेटा आज बहुत अच्छी लगी रही हो कहीं जाने की तैयारी है क्या?
बबिता – नहीं पापा बस ऐसे ही मुझे अच्छा लगता है।
पापा – चलो खाना दो तेरी मम्मी ने खाना खाया?
बबिता – हाँ पापा मम्मी ने खाना खा लिया है और वो सो गयी है। वैसे भी मम्मी की वजह से वो बहुत उदास रहते थे। इससे मेरे पापा की लाइफ एक दम बोर हो गयी थी।
दीदी – हाँ बबिता मेरे साथ भी ये ही हुआ था। मेरी माँ अक्सर घर देर से आती थी इससे मेरे पापा बहुत उदास रहने लग गए थे। फिर मैं अपने पापा का सहारा बनी जैसे तू बनी है।
बबिता – जी हाँ दीदी फिर पापा ने खाना खाया और उनको गोलियों का नशा होने लग गया। फिर पापा अपने बैडरूम में चले गए और मैं भी उनके पीछे पीछे चली गयी। मैं उनके रूम में दरवाजे पर खड़ी थी।
पापा – डार्लिंग वहां खड़ा कड़ी हो आ जाओ मेरी बाहों में जानू मैं कब से तड़प रहा हूँ।
Papa se chudai ki kahani
अब पापा मुझे मम्मी समझ रहे थे वो मेरी मम्मी को जान्नु बोलते है। और उन्हें अब गोली का असर हो रहा था फिर मैं उनके पास गयी और मैं उनकी बाँहों में लिपट गयी। पापा मेरी कमर और मेरी गांड पर हाथ फेर रहे थे मुझे अब बहुत मजा आ रहा था। वो मेरे चूतड़ों को मसल रहे थे और मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ रहे थे। वो मेरे गालों को चूम रहे थे फिर उन्होंने मुझे ऊपर किया। और उन्होंने मेरी जीन्स का बटन खोल कर मेरी जीन्स को उतार कर साइड में फेंक दिया। साथ ही उन्होंने मेरी पैंटी को उतार दिया। और खुद भी उन्होंने अपने सारे कपडे निकाल दिए अब पापा मेरी चूत को चूमने लग गए। थोड़ी देर बाद पापा ने लंड चूत से लगा दिया थोड़ी देर धीरे धीरे उन्होंने लंड को मेरी चूत पर रगड़ा।मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लग गयी थी मैं आह आह कर रही थी। फिर पापा सीधे हो गए और मैं उनके ऊपर आ कर लंड को अपनी चूत के लिप्स में फँसाने लग गयी। फिर मैं आगे पीछे होने लग गयी और पापा का लंड मेरी चूत में जाने लग गया। मेरी चूत गीली हो गयी थी और लंड का टोपा इससे अंदर घुस गया था। अभी लंड 2 इंच ही अंदर गया था और मेरे मुँह से आह आह से भरी सिसकारियां निकलने लग गयी। पर मुझे मजा आ रहा था फिर 10 मिनट बाद पापा के लंड का पानी निकल गया। पापा ने अपना गरम गरम माल मेरी चूत में भर दिया उस पानी से मैं एक दम से शांत हो गयी। फिर पापा और मैं वहीं पर ऐसे ही सो गए। सुबह जब पापा उठे तो मैं सोने का नाटक कर रही थी। पापा झट से उठे और अपने कपडे डालने लग गए फिर मैंने अपनी एक आंख खोली और मैं बोली। मैं – पापा क्या बात रात तो आप मुझे बड़े मजे में चोद रहे थे। और अब आपको बहुत शर्म आ रही है। मुझे पहले पापा से बहुत डर लगता था पर पापा से एक बार सेक्स करने के बाद मेरा सारा डर ख़तम हो गया था। मैं पापा के साथ खुलकर बोलने लग गयी। फिर मैंने पापा को हग किया और मैं उन्हें किस करने लग गयी। पापा खुश हो गए और फिर हम एक साथ नीचे आये और ब्रेकफास्ट किया। उसके बाद पापा अपने ऑफिस चले गए और मैं अपने कॉलेज में चली गयी।
दीदी – फिर कब पूरी चुदाई हुई तुम्हारी और वैसे तेरे पापा का लंड साइज क्या है?
बबिता – दीदी पापा का लंड 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है। फिर रात के खाने के बाद फिर मैं अपने रूम में चली गयी और थोड़ी देर बाद पापा अंदर आये।फिर वो मेरे साथ मेरे बेड पर लेट गए और लाइट ऑफ कर दी। मैं दूसरी तरफ मुँह करके सो गयी। मुझे पापा का लंड अपनी गांड में महसूस हो रहा था फिर पापा ने मेरी सलवार का नाडा खोल दिया।और अपने पैर से उन्होंने मेरी सलवार को नीचे कर दिया। फिर वो मेरी गांड पर हाथ फेरने लग गए और फिर उन्होंने मेरी पैंटी भी उतार दी। अब वो मेरी चूत में अपनी ऊँगली अंदर बाहर करने लग गयी। मैं आह अहह ओह्ह कर रही थी फिर पापा ने अपनी स्पीड तेज़ कर दी। फिर उन्होंने मुझे अपनी तरफ किया और वो मुझे किस करने लग गए। काफी देर किसिंग के बाद उन्होंने मेरी ब्रा और टॉप को उतार दिया। फिर उन्होंने अपने कपडे भी उतार दिए अब हम दोनों नंगे थे। वो मेरे ऊपर आ गए और अपना लंड मेरी चूत पर उन्होंने सेट कर दिया। और फिर उन्होंने धक्के मारने शुरू कर दिये। Papa aur beti ki chudai ki kahani
Papa ne mujhe khub choda
उनका लंड बड़ा था और मेरी चूत का होल काफी छोटा था। उनका लंड बहुत मुश्किल से 2 इंच ही अंदर गया था। तभी मुझे मीठा मीठा दर्द होने लग गया फिर पापा ने एक जोर से धक्का मारा और लंड 2 इंच और अंदर चला गया मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लग गयी। पापा ने मेरे मुँह पर अपना एक हाथ रख दिया जिससे मैं आवाज नहीं कर सकती थी। फिर पापा ने धक्के मारने शुरू कर दिए और उन्होंने अपना 8 इंच का लंड मेरी चूत में डाल दिया। मैं अह्ह्ह आह भी नहीं कर पा रही थी मेरी आँखों से आंसू निकल रहे थे। जो साफ़ बता रहे थे की मुझे कितना दर्द हो रहा था। पापा बस मुझे चोदे जा रहे थे जब उनका पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया। तब उन्होंने अपना हाथ मेरे मुँह से हटाया। मेरी चीख निकल गयी और
मैं बोली – पापा इसे बाहर निकालो मुझे बहुत दर्द हो रहा है आह अहह ओह्ह्ह उफ़ पापा आह प्लीज निकालो।
पर पापा बिना रुके धक्के मार रहे थे और
वो बोले – बेटा रुक जाओ थोड़ी देर बाद ये दर्द मजे में बदल जायेगा।
फिर थोड़ी देर बाद मुझे सच में मजा आने लग गया और फिर मैं बोली।
मैं – आह आह हाँ पापा अब मुझे मजा आ रहा है। प्लीज और जोर से मेरी चूत को चोदो ना हाँ आह आह और जोर से पापा प्लीज अपना सारा जोर लगा दो।
पापा फुल जोश में मेरी चुदाई कर रहे थे और वो मेरे बूब्स को दबा रहे थे। मुझे पापा के लंड का जादू अच्छा लग रहा था फिर 30 मिनट बाद मुझे अपनी चूत में पापा के लंड का पानी महसूस हुआ। फिर हम दोनों शांत हो गए थे थोड़ी देर बाद मैं उठ कर बाथरूम में गयी। मैंने देखा की मेरी टांगों में खून लगा हुआ था। और मेरी चूत खून से भरी हुई थी मेरी चूत में से खून नीचे टपक रहा था। मैं खून देख कर डर गयी फिर मैंने चूत को पानी से साफ़ किया और मैं वापिस से बेड पर आयी और मैंने लाइट्स ऑन कर दी। तो मैंने देखा की बेड पर खून ही खून लगा हुआ है। फिर पापा ने मुझे बताया की पहली चुदाई में खून निकलता ही है। और ये सब नार्मल है कोई डरने वाली बात नहीं है। फिर मैंने बिस्तर साफ़ किया और मैं नहाने बाथरूम में चली गयी।
उस रात के बाद हर संडे मेरी चुदाई पापा से होती है। तो दोस्तों आपको मेरी कहानी कैसी लगी प्लीज मुझे कमेंट करके जरूर बताना!