बरसात मे भाभी की चूत फाड़ी | Muskaan bhabhi sex story

Muskaan bhabhi sex story: -हेलो दोस्ती मै आपका दोस्त जीशान फिर से हाज़िर हूँ अपना एक और एक्सपीरयंस लेकर. ये कहानी मेरे और मेरी पड़ोस की भाभी के बीच हुई दमदार भाभी की चुदाई के बारे मे है। मुझे पूरा यकीन है कि आपका लोड़ा इस कहानी को पढ़कर पानी ज़रूर छोड़ेंगा। तो अब ज्यादा बोर न करते हुए मै आपको सीधा इस किस्से के बारे में बताता हूँ.

ये लास्ट मंथ की बात है हमारी सिटी में बारिश बहुत ज्यादा हो रही थी। बारिश का आलम ये था कि पिछले 1 वीक से बारिश लगातार जारी थी। लेकिन एक सुबह बारिश नहीं हुई और हलकी सी धूप निकली तो हमारे मकान के बगल में जो मुस्कान भाभी रहती है उन्होंने छत पे अपने कपडे सूखने के लिए डाल दिए. मै आपको मुस्कान भाभी के बारे में बता दू- उनकी उम्र 34 होगी, रंग गोरा है, लम्बे बाल है, फिगर 34-30-36 होगा. एकदम मस्त सामान लगती है जिसे मोहल्ले का हर मर्द चोदना चाहता है. भाभी के पति पुलिस में है तो कोई ज्यादा कुछ नहीं कर सकता बस सपनों मे उनके साथ करके ही खुश हो सकता है.

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तो अब स्टोरी पे आते है भाभी ने कपडे सूखा दिए छत पे और नीचे चली गयी। मै छत पे अपनी एक्सरसाइज करने में बिजी हो गया. इतने में अचानक बारिश स्टार्ट हो गयी. तो भाभी जल्दी से ऊपर आयी और कपडे उतारने लगी. बारिश तेज हुई तो जल्दबाजी में उनकी ब्रा और पैंटी जो हमारी छत की साइड डाली थी वो ले जाना भूल गयी. मैंने भी मोके का फायदा उठाते हुए वो उतारी और इमेजिन किया की कैसे ये ब्रा और पैंटी भाभी की चूत और बूब्स पे लगे रहते है.

फिर मै वैसे ही हाफ न्यूड (मै ओनली शॉर्ट्स में था ऊपर कुछ नहीं पहना था.) छत के रास्ते से नीचे गया उनके मकान में. तो भाभी कमरे में झुक कर कुछ ढूंढ रही थी. झुकने की वजह से भाभी की गांड मेरी तरफ थी जो गाउन में क्लियर चमक रही थी. ये देख कर ही मेरा लंड पूरा तन गया और शॉर्ट्स में तम्बू बन गया. मै इस नज़ारे में इतना खो गया की मुझे पता ही नहीं चला कबसे भाभी मुझे घूरे जा रही थी. उनकी आवाज़ से मेरा ध्यान टूटा.

भाभी- कुछ काम था?

मै- अरे…. नहीं भाभी वो आपके कपडे…….

(इतना बोलने पे मुझे ध्यान आया मेरे लंड का और मैंने उन्ही के सामने उनके ठीक किया).

भाभी- क्या?

मै- आप छत से कपडे लाना भूल गयी थी तो मै ले आया.

इतना बोलकर मैंने ब्रा और पैंटी उनके सामने कर दी).

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भाभी नजर झुकाते हुए- ऊऊह्ह्ह्हह्ह…… तभी मै कबसे ढूंढ रही थी इन्हे मिल ही नहीं रही थी. थैंक यू तूने मेरी टेंशन कम कर दी मै तो सोच रही थी की कहाँ चली गयी अब मै क्या पहनुंगी?

मै- मतलब अभी अपने नहीं पहनी हुई क्या?

भाभी- (घूरते हुए) क्या?

मै- जो मैंने अभी लाकर दी आपको?

भाभी- तुझे बड़ा इंटरेस्ट है जानने में?

मै- नहीं! मैंने तो ऐसे ही पूछ लिया! वैसे चाहो तो बता दो?

भाभी- अच्छा चल ये बता सुनना चाहेगा या देखना?

इतना बोलकर वो मेरे करीब आ गयी. मैंने भी मौका पकड़ा और उनकी कमर में हाथ डालकर उनको खुद से चिपका लिया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर किस करना शुरू कर दिया. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.

मै- उउउउम्मम्मह्ह्हह्हह्ह्ह्ह………….. भाभी लाजवाब है तुम्हारे होंठ.

भाभी- गजब! आप से सीधा तुम.

मै- हाँ तो अभी तो तुम ही हुआ है थोड़ी देर बाद तो बहुत कुछ होगा.

भाभी- बड़ी आग लगी है तेरे सामान में चल दिखा मुझे कितनी गर्मी है तेरे में.?

मै – गर्मी भी दिखाऊंगा और बारिश भी करूँगा पहले मुझे मजा लेने दे.

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और मैंने फिर अपने दोनों हाथो को उनके बड़े बड़े बोबो पे रख कर मसलना शुरू कर दिया. एकदम रुई की तरह सॉफ्ट सॉफ्ट थे उनके बोबे. उनकी सिसकारियां शुरू हो गयी.

भाभी -आआह्ह्ह्हह……. ऊऊह्ह्ह्हह्ह….. आराम से कर ना…….

मै तो भूखे शेर की तरह टूट पड़ा. मैंने देर न करते हुए उनकी गाउन को उतार दिया और उनको नंगा कर दिया. नंगी होने पे वह एकदम संगमरमर की मूरत लग रही थी वो. उन्होने भी एक ही झटके में मेरा शार्ट खोल दिया और मेरे तने हुए लोडे को देख कर बोली.

भाभी- तेरा लंड तो बड़ा सॉलिड है इससे तो मेरी चूत में खूब खुदाई होगी.

मै- खुदाई भी होगी और भराई भी.

भाभी- क्या मतलब?

मै- लोडे को मुँह में लेकर मजे कर.

उन्होने झट से मेरे लोडे को एक बार में ही गले तक उतार लिया। क्या मस्त लोड़ा चूस रही थी यार वो! मै तो उनके चूसने में उनके मुँह में ही झड़ गया! उन्होने मेरा सारा पानी निगल लिया.

भाभी- मस्त टेस्ट है तेरे पानी का तो उम्मम्मह्ह्हआआआ…………… चल अब मुझे मजा दे तू.

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अब उन्होने अपने पैर खोले और मैंने अपना मुँह उनकी चूत पे रख दिया। क्या मस्त स्मेल आ रही थी उनकी चूत से मै तो जैसे जन्नत में था. मैंने जैसे ही अपनी जीभ उनकी चूत में डाली वो छटपटा गयी. मैंने उनकी चूत को खाना और चाटना शुरू किया और वो मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी. थोड़ी देर बाद उनकी सिसकारियां तेज होने लगी।

भाभी – आआह्ह्ह्हह्ह……. ऊऊऊह्ह्हह्ह्ह्ह……. ईएएसस्सस्स…… आअह्ह्ह्हह….. मममममहहहहह…… मज़ा आआआ…….. रहा है आआआ हीइ….. चाट और चाट..

और इतना बोलते बोलते उन्होने अपनी चूत से फव्वारा निकाल दिया जो सीधा मेरे मुँह में था नमकीन नमकीन पानी.

भाभी- अब मत तड़पा और डाल दे अपना लंड मेरी चूत में.

मै- एक शर्त पे.

भाभी- बोल मुझे सब मंजूर है तेरे लंड के लिए तो पैसे चाहिए वो भी दे दूंगी! बस इस लोडे से फाड़ दे मेरी चूत.

मै- पैसे नहीं तेरी गांड भी चाहिए मुझे.

भाभी- (थोड़ा सोचने के बाद) हाँ ठीक है लेकिन गांड पहली बार चुदेगी तो आराम से करना.

मै- तेरा लोग गांड नहीं मारता क्या?

भाभी- उनके लंड से चूत ही शांत नहीं हो पाती गांड का नंबर कहाँ से आएगा. चल उसको माँ चुदाने दे तू लंड डाल न.

मैंने उनकी टांगें चौड़ी की और अपना लंड उनकी चूत पे रगड़ने लगा और भाभी को मदहोशी चढ़ने लगी। उनकी सिसकारियां फिर से शुरू हो गयी जो मेरे लोडे को और भी ज्यादा खड़ा कर रही थी.

भाभी – आअह्ह्ह्ह…… ऊऊह्ह्हह्ह….. मै तेरीइइइ रंडी हू उउ….. फाड़ दे मेरीइइइइ चूऊउत्तत्त…

मैंने भी अपना लंड उनकी चूत में डालना शुरू किया तो लंड का टोपा घुसा तब तक तो उनके कुछ नहीं हुआ। लेकिन जैसे ही बाकि का लंड एक झटके में उनकी चूत में उतरा तो उनकी आंखे बाहर आ गयी। वो चिल्लाने लगी.

बारिश मे मुस्कान भाभी को चोदा

भाभी- ऊई माँ मर गयीईइ…… आ आह…… बाहर निकाल इसे….. आआह्ह्ह्हह….. मार डाला आह हा…

मैंने अपनी पकड़ मजबूत रखी और थोड़ी देर उनके नार्मल होने तक रुका. जैसे ही वो नार्मल हुई मैंने झटके लगाने शुरू कर दिए। अब तो उनके भी मजा आने लगा और वो गांड उछाल उछाल कर लंड लेने लगी.

भाभी- येस बेबी……. फाड़ दे चूततत…… आआह्ह्ह्ह……. और तेजजजजज…

बाहर बारिश हो रही थी और अंदर भाभी चुद रही थी. उस दिन मैंने शाम तक उनको 3 बार चोदा. तीसरी बार मै जब झड़ने वाला था तो मैंने अपने झटके बढ़ा दिए. और जितनी देर में मै भाभी को बोलता उससे पहले ही मैंने तेज धार के साथ अपना पानी भाभी की चूत में ही निकाल दिया.

भाभी बोली कोई बात नहीं मै गोली खा लुंगी. तू जब भी मुझे चोदे तो ऐसे ही अपना गरम गरम पानी मेरी चूत में निकाला कर. अब तो मै तेरी ही हूँ जब भी तेरा मूड बने आ जाना अपनी बीवी को चोदने.

फिर हम दोनों कुछ देर ऐसे ही नंगे पड़े रहे. मेरा मूड फिर बना तो मैंने भाभी की गांड को सहलाना शुरू किया.

तो भाभी बोली- अभी नहीं इसकी चुदाई तू अब कल करना शुरुवात ही गांड से करेंगे कल.

फिर मैंने अपना शार्ट पहना और छत के रास्ते से वापस अपने घर आ गया और अपने रूम में चुप चाप चला गया. उनके बाद कब आंख लगी पता ही नहीं चला. जब आंख खुली तो देखा की अम्मी मेरे बगल में बैठकर मेरी चेस्ट को सहला रही है तो मेरा मूड फिर से बन गया.

अब अगले पार्ट में बताऊंगा की अम्मी की कैसे चुदाई की और उनके अगले दिन भाभी की गांड चुदाई कैसे की. कहानी अच्छी लगी हो तो कमेंट ज़रूर करना।

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