Mom sex stories hindi:- आरुष आरुष आरुष साला भेनचोद मर क्यों नहीं जाता ये आरुष. ये लास्ट लाइन्स जो मैंने सुनी तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ. कौन बाप होगा जो अपने बेटे के बारे मे ऐसा सोच सकता हैं. इस लास्ट लाइन से ये बात तो क्लियर हुयी कि राज्यवर्धन मेरे बाप तो नहीं हैं. मैं सोचने लगा क्या वाक़ई मेरे बाप का नाम यशवर्धन हैं और मॉम भी राज्यवर्धन के सामने कैसे यश यश बोल रही थी. इनफैक्ट मॉम ने तो राज्यवर्धन को धमकी भी दी की वो भूल जाएँगी की वो यश के बेटे हैं. राज्यवर्धन के जाने के बाद मुझे मॉम से बात करनी चाहिए. लेकिन क्या ये सही टाइम होगा. क्यों नहीं मुझे भी जानने का हक़ हैं कि मेरा बाप कौन हैं. फिर मैं राज्यवर्धन और मॉम की बीच हुई बातो के बारे मे सोचने लग गया. राज्यवर्धन और मॉम के बीच जिस तरह से बात हो रही थी ये बात तो पक्की हैं की उन दोनों के बीच कभी प्यार था ही नहीं और आज हम इतने बड़े हो गए हैं हमे इसकी भनक तक नहीं पड़ी. या तो दोनों ही बहुत समझदार हैं या फिर बहुत ही शातिर.
इस कहानी का पहला पार्ट यहाँ पढ़ें ==> पापा बाहर बेटे का लंड माँ के अंदर भाग-1
Mom sex stories hindi
मैं इन्ही सब बातो को सोच रहा था कि मुझे घर से एक गाडी स्टार्ट हो कर बहार जाने की आवाज़ सुनाई दी और फिर वो आवाज़ धीरे धीरे धीमी होती गयी. यानि मॉम अब नीचे अकेली हैं और मुझे उनसे बात करनी चाहिए. यही सोच के मैं नीचे की तरफ चलने लगा. मॉम मुझे बहार सोफे पे बैठी देखि. उनकी झील सी आँखों से आंसू की धारा बह रही थी जिसे देख के मेरा दिल रोने लगा. मैं अपने दिल के उमड़ते तूफ़ान को भूल गया और मॉम के दर्द को महसूस करने लगा. शायद इसी को प्यार कहते हैं. कितनी अकेली हैं ये औरत कहने को भरपूर परिवार हैं पर हर कोई एक दूसरे के दर्द से अनजान हैं. इस भाग दौड़ती ज़िन्दगी हम इतने मसरूफ हो जाते हैं की हम हमारे अपनों की तन्हाई को महसूस नहीं कर पाते. मॉम इस समय अपने गम मे खोयी हुई थी. उनको मेरे आने का इल्म ही नहीं हुआ. मैं मॉम के बिलकुल करीब जाके बैठा और उनके हाथ को अपने हाथ मे ले लिया. मॉम की तंद्रा जैसे टूट गयी और वो बहुत ही सवालियां निगाहों से मुझे देखने लगी. उन्होंने अपनी आँखों से आंसू भी पूँछ लिए शायद अपने गम को साझा नहीं करना चाहती थी.
मॉम: क्या हुआ हैंडसम?
मै: आप ऐसे क्यों बैठी हो और ये आंसू क्यों?
मॉम: कभी कभी आंसू निकलने से आँखों की सफाई हो जाती हैं.
मैं: पर ये आंसू आप पर अच्छे नहीं लगते.
मॉम: ये तो अपनी अपनी किस्मत हैं पर अब ये आंसू ज्यादा देर नहीं रहेंगे क्युकी अब बहाने का टाइम ख़तम और दुसरो के निकलवाने का टाइम शुरू होने वाला हैं.
मैं: कौन हैं वो मॉम मुझे बताओ न छठी का दूध याद दिला दिया तो कहना.
मॉम: नो माय लव अभी टाइम नहीं आया हैं जब टाइम आएगा तब तुम्हे सब खुद बा खुद पता चल जायेगा! अंडरस्टैंड बेबी?
मैं: मॉम मेरे भी बहुत से सवाल हैं जिनका आंसर मैं चाहता हूँ.
मॉम: अभी नहीं मेरी जान सिर्फ दो दिन रुक जाओ तुम्हारे हर सवाल का जवाब वक़्त तुम्हे दे देगा तब तक के लिए डार्लिंग चिल करो और हाँ याद रखो नो बर्थडे पार्टी थिस टाइम। तुम्हारे पास कल रात तक का टाइम हैं जितनी पार्टी करनी हैं कर लो क्युकी हम दोपहर को यहाँ से निकल जायेंगे. Mom sex stories hindi
मैं: पर जाना कहा हैं मॉम और कौन कौन जा रहा हैं.
मॉम: सिर्फ तुम और मैं और जहा जाना हैं दैट्स ए सरप्राइज फॉर यू माय लव।
मै चुप हो गया, समझ नहीं आ रहा था माजरा क्या हैं.
मॉम: मुझे तुमसे एक फ़ेवर चाहिए.
मैं: एनीथिंग फॉर यू मॉम।
मॉम बिलकुल सीधे मेरी आँखों मे देख रही थी और मैं उनकी. मैं तो जैसे खो ही गया था.
मॉम: तुम मुझे आज से अभी से अकेले मे कभी मॉम नहीं बुलाओगे।
मै: (एक दम शॉक्ड) लेकिन …..
मैं कुछ बोलना चाह रहा था पर मेरे शब्दों ने मेरे हलक़ मे ही दम तोड़ दिया, क्योकि मॉम की उंगलियां मेरे होठो पे थी.
मॉम: शीईईईई…… डोंट टॉक जस्ट लिसन. आगे के वक़्त के लिए यही अच्छा हैं सो जस्ट ट्राई एंड से माय नेम ओनली.
मॉम बिन पलके झपकाए मुझे देख रही थी.
मॉम: बोलो मेरा नाम बोलो।
मॉम की आवाज़ मे एक नशा था और मैं उस नशे मे बहता चला गया.
मैं: सपना।
मॉम: दैट्स लाइक माय मैन।
इन शब्दों मे बहुत अलग खुमारी थी. मॉम की जीभ ये शब्द बोलते हुए उनके होठो पे रोल कर रही थी. आई वास् इन ए सेक्सी मूड. मॉम मुझे देख रही थी और मैं मॉम को. क्या रोमांटिक नज़ारा था जैसे एक कपल का अभी अभी इज़हार ए मोहब्बत हुआ हो. मॉम की गर्दन मेरी तरफ खिंचती हुई आयी, मैं बस मॉम को देखे जा रहा था. (फ्रॉम नाउ वो मॉम नहीं सपना). सपना मेरे बिलकुल करीब आके रुक गयी और मुझे देखने लगी और मै बस टकटकी लगाए सपना को देख रहा था कि वो आगे अब क्या करेगी. सपना मेरे होठो के बहुत करीब आ चुकी थी. हम दोनों मे सिर्फ एक सेंटीमीटर का फासला था. सपना ने मेरे होठो पे होठ रखे हल्का सा रगड़ा फिर खड़ी हो गयी. मुझे जैसे करंट लगा और तभी किसी ने स्विच बंद कर दिया.
सपना: दो दिन हैं तुम्हारे पास एन्जॉय करो अपने दोस्तों के साथ एन्जॉय योर सेल्फ माय किंग आफ्टर दैट वी वोंट अलाऊ यू माय लव! थ्रो ए पार्टी फॉर योर फ्रेंड्स, गो।
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मै घर से बहार आ गया. ना सपना ने पीछे मुड़के देखा न मैंने. मैंने कार बाहर निकाली और सोचा कहा जाऊ कौन से दोस्त को जगाऊँ. तभी मुझे याद आया की आज शाम को तो गरिमा के घर जाना हैं. मैंने फ़ोन निकाला और नंबर डायल किया। एक ही घंटी मे फ़ोन उठ गया। और फिर मै गरिमा के पास जाने के लिए निकल गया। दिन भर गरिमा के साथ मस्ती की और फिर शाम मे वापस आया। घर मे आया तो देखा कोई नहीं था। मै अपने रूम की तरफ चल पड़ा। जैसे मै मॉम के रूम के पास पहुंचा तो मुझे कुछ आवाज़ें सुनाई दी। मैंने जब अंदर तो देखा कि मॉम अपने बेड पे लेटी हुई कुछ सूंघ रही है। स्मेल सो गुड आरुष……………. Mom sex stories hindi
आज मुझे मालूम पड़ गया की मॉम यानि सपना मेरी किस स्मेल की बात कर रही थी. सपना के हाथ मे उसकी वही रेड ब्रा थी जिसपे दो बार मैंने अपना माल गिराया था. सपना उसको स्मेल कर रही थी और उसने वो रेड ब्रा अपना चेहरे पे डाल रखी थी. सपना के हाथ अपनी पैंटी मैं ज़ोर ज़ोर से चलने लगे इसका मतलब वो चरमसुख की कगार पर थी. एक दम से सपना की कमर कमान सा बनती हुई ऊपर उठी और उसकी उंगलियां शांत पड़ गयी और एक स्लो मोशन मे सपना की कमर नीचे होती चली गयी और सपना बिलकुल शांत होके अपने बिस्तर पे लेट गयी. कुछ मिनट्स तक सपना के शरीर ने हरकत नहीं की. ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे सपना इन लम्हो को एन्जॉय कर रही हो. सपना ने उस ब्रा को अपने चेहरे से हटाया मुट्ठी मैं भरा और एक बार फिर अपनी नाक से लगाया और फिर एक गहरी सांस ली जैसे वो उस स्मेल को अपने अंदर बसा लेना चाहती हो और फिर उस ब्रा को अपने तकिये के नीचे रख लिया और फिर कुछ बोलि।
मॉम – यू आर सो नॉटी मुझे सिर्फ अपनी स्मेल से ही झाड़ दिया. जब पूरे मेरे हो जाओगे तो क्या करोगे?
और दरवाज़े की तरफ देखते हुए एक फ्लाइंग किस दी और अपनी आँख दबा दी और तुरंत रिमोट उठाके लाइट्स ऑफ कर दी. मेरी तो फट के हाथ मैं आ गयी, थी मुझे ऐसा लगा जैसे वो मुझे देख के ही बोल रही हो. ऐसा लगा जैसे मैं और सपना आमने सामने बैठे हो और वो मुझसे ये कह रही हो. जो कुछ भी मेरे साथ हो रहा हैं वो मेरी समझ मे नहीं आ रहा था. मैं सीधे वहाँ से अपने रूम मे गया और सपना के बारे सोचने लगा. कैसे क्या हुआ होगा जो सपना को मेरे असली बाप यानि यशवर्धन के साथ रिश्ता बनाना पड़ा होगा? क्यों राज्यवर्धन ने सपना के साथ ऐसा बेहेव किया? क्यों दोनों विवाहित होते हुए भी एक दूसरे के लिए अजनबी हैं? क्या इसका कारण यश और सपना हैं या फिर मै. राज्यवर्धन अपने अंदर बहुत से राज़ छुपाये हुए हैं. इतनी दूरियां होने के बाद भी दोनों ने तलाक़ क्यों नहीं लिया? क्या इसका कारण हम बच्चे थे? लेकिन नहीं डैड ने तो कभी हम तीनो पे ध्यान ही नहीं दिया. मुझे कोई भी इंस्टैंस ऐसा याद नहीं जहा पर राज्यवर्धन हम बच्चो के लिए खड़े हुए हों. कोई पैरेंट टीचर मीटिंग मुझे याद नहीं जहा पर राज्यवर्धन आये हों. मेरा सर चकरा रहा था मुझे इन सवालो के जवाब चाहिए थे, पर जिससे भी पूछो वो यही कहता था कि सही समय आने पर मुझे सब कुछ पता चल जायेगा.
क्या हैं ये सही समय? मुझे सपना से बात करनी चाहिए. मैंने सोच लिया था कि मुझे कल अपने सवालों के जवाब चाहिए. इन्ही सब बातो को सोचते हुए मुझे कब नींद आ गयी पता नहीं चला. सुबह फ़ोन की रिंग से मेरी नींद खुली नंबर अंजाना था. मैंने फ़ोन उठाया। Mom sex stories hindi
मैं: हैलो!
उधर से एक मीठी सी आवाज़ आई.. अभी तक सो रहे हो।
मैं: जी आप कौन? मैंने पहचाना नही।
उधर से: अच्छा जी इतनी जल्दी भूल गए रात की हरकतों को दिन मे भूल जाया करते हो क्या?
मैं: (असमंजस मे) जी मैं कुछ समझा नही!
उधर से: इतने भोले भी नहीं हो तुम जो रात की अपनी कुतिया की कुटाई भूल जाओ और कल रात सुनते ही मैं समझ गया की ये कॉल अदिति का हैं.
मैं: (थोड़ी मस्ती मे आ गया) तो दो टके की रांड की मॉम बोल रही हैं।
अदिति: हाय तेरे मुँह से गाली भी कितनी प्यारी लगती हैं मेरे कुत्ते.
मैं: अच्छा ये बता सुबह सुबह कैसे याद किया मेरी छिनाल कुतिया.
अदिति: जब से सुबह से उठी हूँ तब से तेरे मुसल को याद करके मेरी ओखली पानी छोड़े जा रही हैं. इसे एक ज़बरदस्त कुटाई की ज़रूरत हैं.
मैं: अच्छा लेकिन अभी तो ये इम्पॉसिबल हैं, तो एक काम कर मेरी कुतिया अपनी रांड बेटी से अपनी ओखली शांत करवा ले, फिर एक दो दिन बाद तेरी अच्छे से कुटाई कर दूंगा.
अदिति: साली दो टके की रांड सुबह सुबह ऑस्ट्रेलिया भाग गयी अब बता मेरे कुत्ते मैं क्या करू.
मैं: तूने एक दो कुत्ते तो और पाले होंगे उनमे से किसी को चढ़ा ले अपने ऊपर.
अदिति: मुझे कुत्ते पालने का शौक नहीं, मैं शेर पालती हूँ.
मैं: तो फिर मैं तुम्हारी औकात से बहार हूँ, क्युकी मैं बब्बर शेर हूँ.
अदिति: अच्छा छोड़ो न ये बोलो क्या सीन हैं आज का? मै तुम्हारी दीवानी हो गयी हूँ.
मैं: आज तो मुश्किल हैं क्युकी मैं 3-4 दिन बिज़ि हूँ फिर उसके बाद मिलते हैं.
अदिति: प्लीज आरुष आ जाओ न.
मैं: नो वे अदिति! समझो मैं आज बहार जा रहा हूँ, सो नेक्स्ट वीक देखते हैं बाय.
इतना बोलकर मैं फ़ोन रख देता हूँ और उधर अदिति मेरे फ़ोन रखने से निराश हो जाती हैं. अदिति अपने मन में साला बहुत हरामी हैं मैंने सोचा था चूत के चक्कर मैं अपनी दम हिलता आ जायेगा पर शायद गरिमा सही कह रही थी इसको चूत की कोई कमी नहीं हैं इसको किसी और तरीके से जाल मे फंसाना पड़ेगा. फ़ोन रखने के बाद मैं वाशरूम की तरफ बढ़ता हूँ और फिर हल्का फ्रेश होकर ऊपर टेरेस पे जिम की तरफ बढ़ता हूँ पर आज वहाँ मुझे कोई और भी मिलता हैं, जो की इस समय ट्रेडमिल पर दौड़ लगा रही थी. वो थी सपना यानि मॉम. मॉम ने एक स्पोर्ट्स ब्रा और एक छोटी सी शार्ट पहन रखी थी. पीछे से मॉम की गांड थिरकती हुई बहुत प्यारी लग रही थी. जैसे ही मॉम मेरे सामने आती हैं मैं अपने दिमाग मे चल रही हर उधेड़भुन को भूल जाता हूँ. याद रहता हैं तो मॉम का वो प्यारा चेहरा और नशीला बदन. मैं मॉम की गांड को ही निहारे जा रहा था. मॉम ने एक दम से ट्रेडमिल बंद करि और पीछे मुड़ी और मुझे उनकी गांड को देखते हुए मुस्कुरा उठी.
मॉम: गुड मॉर्निंग हैंडसम।
मै: (जैसे नींद से जागता हूँ) गुड मॉर्निंग मॉम!
मॉम चलते हुए मेरे पास आ गयी और बिलकुल करीब आके झुक गयी जैसे वो मेरा लंड पकड़ने जा रही हो, मैं एक दम से पीछे हटा और देखा तो मॉम अपना टॉवल उठा रही थी. मेरे इस रिएक्शन से मॉम खिलखिलाके हंसने लगी और मैं समझ गया की मेरा पोपट हो गया हैं. मॉम को हँसते हुए देखकर… Mom sex stories hindi
मै: क्या मॉम आप भी ना! मुझे लगा आप…… छोडो…
मॉम: क्या लगा शोना? मैं तेरा पकड़ने जा रही हूँ?
मुझे ऐसे जवाब की उम्मीद मॉम से नहीं थी, मुझे कोई जवाब सूझ ही नहीं रहा था और मॉम थी की हँसे जा रही थी. मॉम मेरे उदास से चेहरे को देख रही थी.
मॉम: नाराज़ हो गया मेरा शोना! वैसे नाराज़ तो मुझे होना चाहिए क्युकी मेरा शोना मेरी एक बात नहीं मानता.
मैं: कौन सी बात नहीं मानी मैंने आपकी?
मॉम: मैंने कल तुम्हे बोला था ना कि मुझे तुम मॉम नहीं बुलाओगे, तुम सिर्फ मुझे मेरे नाम से बुलाओगे.
मैं: मॉम मुझे आदत पड़ चुकी हैं आपको मॉम बोलने की तो थोड़ा टाइम तो दो.
मॉम: तो आदत बदलो इट विल भी गुड फॉर यू और टाइम तो नहीं हैं मेरी जान! जो भी टाइम बचा हैं वो सिर्फ कल रात 12 बजे तक का बचा हैं उसके बाद सब कुछ बदल जायेगा मेरे शोना.
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ये बात सपना ने बिलकुल मेरी आँखों मे देख के बोली. मैं सपना की आँखों की गहराई मे डूबता जा रहा था. सपना भी मेरी आँखों मे एक टक देख रही थी. हम दोनों के होंठ थर थरा रहे थे. कोई भी पहल नहीं करना चाह रहा था. आँखों मे आँखे, दोनों के जिस्म एक दूसरे से सटे हुए थे, हम दोनों एक दूसरे के जिस्म की तपिश को महसूस कर सकते थे. मैं तो सपना के जिस्म से उठ रही पसीने की खुशबू को भी महसूस कर पा रहा था. हम दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोल रहा था बस करीब आते जा रहे थे. मेरे होंठ सपना के होंठों पे झुकने लगे और सपना आगे को बढ़ने लगी. हम दोनों के होंठों के बीच सिर्फ एक नाखून जितना फैसला रह गया था. मुझसे रुकना अब कण्ट्रोल नहीं हो रहा था और मैंने अपने होंठ सपना के होंठों से मिला दिए और सपना ने भी अपने होंठ खोल दिए. हम दोनों दुनिया से बेखबर एक दूसरे का रस चूसने मे लगे थे. कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं था. दोनों एक दुसरे को अपनी तड़प दिखा रहे थे. कौन ज्यादा तड़प रहा हैं इस विरह मे.
सपना के शिखर मेरी छाती मे धसने लगे सपना के निप्पल इतने कड़क हो गए थे, कि वो मेरी छाती मे एक अलग सी टीस दे रहे थे जिसका असर सीधा मेरे नागराज पर हुआ और वो अपना फन फैला दिया। जिसका एहसास सपना को अपने बिल पर हुआ और वो अपना बिल मेरे नागराज पर रगड़ने लगी. हम दोनों अभी एक दुसरे मे खोये हुए थे और हमारे जिस्म अपनी तपिश मिटाने मे लगे हुए थे. मैंने जैसे ही अपने नागराज को पहली बार हल्का सा झटका दिया तो सपना ने तुरंत मुझे पीछे धकेल दिया. मैं इसके लिए तैयार नहीं था और पीछे हो गया. मैं और सपना हम दोनों अपनी साँसों को दुरूस्त करते हुए एक दुसरे की आँखों मे ही देख रहे थे. तभी सपना ने अपनी जीभ निकाली और उसके होठो पे लगे हुए रस को चाट लिया और अपने होंठों को दांत से काट लिया और मेरी तरफ बढ़ने लगी. मेरे करीब आके उसने मुझे अपनी बाहों मे भर लिया और अपने चेहरे को मेरी छाती मे छुपा लिया. मैंने भी सपना को अपनी बाहों मे समेट लिया.
सपना: ओह्ह आरुष आज तक किसी ने मुझे ऐसे किस नहीं किया लेकिन मेरी जान अभी टाइम नहीं आया हैं हम इससे आगे नहीं बढ़ सकते! लेकिन आई लव यू मेरे शोना.
मुझे समझ नहीं आया साला हर चीज़ का राइट टाइम कब अपनी माँ चुदाएगा ये राइट टाइम. सपना मेरी बाहों से निकल के अलग हो गयी और बहार की तरफ जाने लगी.
सपना: एन्जॉय योर गैमिंग! वैसे भी कर लो कसरत क्युकी तुम्हे आगे बहुत मेहनत करनी हैं माय लव.
सपना बहार की तरफ जा रही थी कि मैंने उसे आवाज़ दी, पर इस बार मॉम अपने आप नहीं निकला.
मैं: सॉरी सपना।
मॉम पीछे मुड़ी और मेरी तरफ ख़ुशी से देखने लगी.
सपना: यस माय बेबी! माय सोना! यू टू स्मेल गुड! माय बेबी! लाइक इट आई विल हैव ए सरप्राइज फॉर यू.
ये बोलके सपना चली गयी और मैं अपना जिम करना स्टार्ट ही करने वाला था कि मेरे मोबाइल पे एक मैसेज आया.
योर सरप्राइज इस वेटिंग इन योर रूम……………..एन्जॉय।
मैसेज सपना का था. मैं सारी गैमिंग छोड़ के नीचे अपने कमरे मे भागा. मैंने अपने रूम का दरवाज़ा खोला और जो देखा तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा. मेरे बेड के बीचों बीच सपना ने अपनी रेड पैंटी सजा के रखी हुई हैं. देखने से ऐसा लग रहा था कि जैसे सपना ने अभी यूस की हुई पैंटी मेरे लिए रखी हैं क्युकी पैंटी का अगला हिस्सा गीला सा लग रहा था. मैं भाग के बेड पे चढ़ा और उस पैंटी को ऐसे ही सूंघा तो मेरे मुँह से सिर्फ ये ही निकल पाया… Mom sex stories hindi
आहहहहहहहहहहहहह!!!! वाउउउउउउउउउ सपना! सपना यू स्मेल सो गुड.
आह्ह्ह्ह मेरे हाथ मे सपना की पैंटी थी. मैं सपना की पैंटी को पागलो की तरह सूंघने लगा. चूत के पास वाले हिस्से पे वो थोड़ी गीली थी और उसपे सपना का काम रस लगा हुआ था. उससे उठती खुशबू मेरे जिस्म मे हलचल पैदा कर रही थी. मैं अपनी जीभ निकालके सपना की पैंटी को चाटने लगा. उसका कसेला स्वाद मेरी जीभ को भा रहा था. आज तक जितनी भी चूत मैंने ट्राई करि थी इसका टेस्ट सबसे अलग था. सपना की पैंटी चाटने से मेरे सम्पूर्ण जिस्म मे अलग से उत्तेजना महसूस हो रही थी. सबसे ज़्यादा ख़राब हालत मेरे लंड की थी जो की नार्मल से अधिक तनाव मे था. मेरे प्यारे मोहन को अब शॉर्ट्स भी बर्दाश्त नहीं हो रहे थे वो तो बस आज़ादी मांग रहा था. उसे तो बस या तो किसी बिल या मेरे हाथो की पनाह की तलाश थी. मैंने बाबू राव को बहार निकाला और सपना की स्मेल लेते हुए बाबू राव को हिलाने लगा. मुझे इतना सुकून शायद ही कभी मिला हो. मैं लंड को मुठियाते हुए सपना को इमेजिन करने लगा. सपना का जिस्म रह रह कर मेरी आँखों के सामने घूमने लगा. सपना की गहरी आँखें, उसके रस भरे होंठ! लाल गुलाब से गाल! उसकी सुराही दार गर्दन! उसके रसीले आम! नदी के कटाव सी कमर! एक दम केले के तने के सामान चिकनी जांघें और उत्कृष्ट कटाव जो उसकी दोनों टांगो के बीच बनता हैं. मैं अपने ज़हन मे ये सब सोचते हुए अपनी मंज़िल की ओरे बढ़ता जा रहा था.
मैं: आहहहहहहहहहह ओहहहहहहहहहह सपना. क्या स्मेल हैं मेरी जान.
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आज पहली बार सपना के लिए जान निकला. पर मैं अपनी धुन मे इतना मगन था की मुझे कुछ भी धयान नहीं रहा. मैं जल्द से जल्द अपनी मंज़िल तक पहुंचना चाहता था. इतनी उत्तेजना मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रही थी. मेरी जीभ की स्पीड सपना की पैंटी पे और मेरे हाथ की स्पीड अपने बाबू राव पे निरंतर बढ़ती जा रही थी. इतनी उत्तेजना थी कि मैं क्या बोल रहा था मुझे खुद को नहीं पता था.
मैं: आआआह्ह्ह्हह्ह्ह्हहईईईईईईईईईईईईईईइ आह सपना मेरी जान कब आएगी मेरे नीचे. चोद चोद के तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा. एक बार जो तुझे चोदूँगा तो चोद चोद के अपने बच्चो की माँ बनाऊंगा. दिन भर मेरा लंड तेरी चूत मे ही रहेगा. प्यार हो गया मुझे तुझसे. आहहहहहहहहह!!!
मै अनाप शनाप बाके जा रहा था. मुझे इतना असीम आनंद आज तक नहीं मिला. मेरी उत्तेजना अब चरम पर थी. तभी आहहहहहहहहहहहहह!!! मॉम!! मेरे बाबूराम ने दम तोड़ दिया और इतना पानी निकला की मैं बयान भी नहीं कर सकता और उस पानी ने इतनी दूरी तय करि की मुझे खुद यकीन नहीं हुआ. इस घटनाक्रम के बाद मैं निढाल होकर अपने बेड पे गिर पड़ा. सारा रस शरीर का निचोड़ लिया हो ऐसा महसूस हो रहा था. मैं अपनी साँसे दुरुस्त करने मे ही लगा था की तभी मेरा फ़ोन वाइब्रेट हुआ. व्हाट्सप्प पर मैसेज था।
सपना: डिड यू एन्जॉय? हाउ वास द सरप्राइज?
मैं: (कुछ सोच के) सरप्राइज वास वैरी गुड. मैंने बहुत एन्जॉय किया! थैंक यू!
सपना: थैंक यू टू यू टू. मैंने भी बहुत एन्जॉय किया.
मेरी यह समझ मे नहीं आ रहा था की सपना ने कैसे एन्जॉय किया.
मैं: (उत्त्सुकता वश) अपने कैसे एन्जॉय किया.
मॉम: जैसे तुमने किया.
मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था, फिर भी मैंने पूछ लिया मतलब. सपना ने तुरंत उत्तर दिया.
सपना: जैसे मैंने तुम्हे अपना कुछ दिया तो मेरे पास तो पहले से ही तुम्हारा कुछ हैं, समझे बुद्धू.
मैं समझ गया की सपना अपनी ब्रा की बात कर रही हैं जिसपे मेरा माल गिरा हुआ था. और मुस्कुरा दिया. मैं अपने ही खयालो मे गुम था की फिर से एक मैसेज आया.
सपना: अगर एन्जॉयमेंट खत्म हो गया हो तो फ्रेश होके नीचे आ जाओ। ताकि आपका रूम साफ़ हो सके जो आपने गन्दा किया हैं! जल्दी करो शोना.
साला मेरे दिमाग की बत्ती गुल हो गयी कि सपना को कैसे मालूम कि जो भी मैंने गंध फैलाया हैं वो रूम मे ही करा हैं. जो भी इन 5-6 दिन मे मेरे साथ हो रहा था वो मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. मैंने अपने आप को समझाया की वक़्त पे सब कुछ छोड़ दू जो भी होगा सामने आ जायेगा. मैं तुरंत फ्रेश हुआ और नीचे आ गया. सपना शायद अपने रूम मे थी कि तभी उसका फ़ोन पे नोटिफिकेशन आया जो स्क्रीन पे फ़्लैश हो रहा था। जिसपे लिखा था ब्राइडल मेकओवर बुकिंग कनफर्म्ड. ब्राइडल मेकओवर बुकिंग ये सपना ने किसके लिए कराई होगी और आजकल मे मैंने तो कोई शादी का कार्ड नहीं देखा. फिर मैंने सोचा कराई होगी अपनी किसी फ्रेंड या उसकी डॉटर के लिए मुझे क्या. मैं डाइनिंग टेबल पे बैठा और एक सर्वेंट ने मुझे खाना सर्व किया. ठक ठक ठक इस आवाज़ ने मेरा धयान अपनी ओर खींचा और मैं उस तरफ देखने लगा जहां से ये आवाज़ आ रही थी. नज़र उठाते ही मेरा सामना मल्लिका -इ- हुस्न से हुआ. सामने से सपना एक शार्ट मिडी पहने हुए आ रही थी. सपना की चाल इतनी मादक थी कि मेरे बाबूराव ने तुरंत सलामी दी. चलते हुए सपना के दोनों पहाड़ हिल रहे थे. सपना की टाँगे इतनी सुडौल और चिकनी लग रही थी कि हाथ रखो और फिसल जाये. मेरा मुँह तो एक बड़ा सा होल बना के खुला का खुला रह गया. सपना कब मेरे करीब आ गयी मुझे पता ही नहीं चला. उसने मेरी ठोड़ी पे हाथ मारा तब जाके मैं उसके हुस्न जाल से बहार निकला. Mom sex stories hindi
सपना: ऐसे क्या देख रहे थे? कभी कोई औरत नहीं देखि क्या शोना.
मैं: (पता नहीं कहा से हिम्मत आ गयी) देखि तो है पर आप जैसी हॉट एंड सेक्सी नहीं देखि.
सपना: अच्छा जी मेरे शोना को मैं हॉट एंड सेक्सी लगती हूँ?
मैं: इसमें कोई शक हैं क्या?
सपना: अगर इतनी प्यारी लगती हूँ तो तुम मेरे बिना नाश्ता करने क्यों बैठ गए? बस इतना सा प्यार हैं मुझ से?
मैं: वो वो मैं बस आपका वेट ही कर रहा था.
सपना: झूट मत बोलो जान तुम्हारी प्लेट लग चुकी हैं. तुम कहाँ मेरा वेट कर रहे थे.
मैं: (मुझे कुछ सूझ नहीं रहा था बट मैं हारना भी नहीं चाहता था, तभी मेरे मुँह से जो निकला वो एक दम सटीक लगा) आपको क्या पता ये प्लेट मैंने हम दोनों के लिए ही लगवाई हो.
सपना: अच्छा स्मार्ट हो गए हो और हाज़िर जवाब भी! आई लाइक इट माय लव!
वैसे मेरा नाश्ते का मूड नहीं हैं सुबह के सेक्सी एक्सर्साइज़ से बहुत हल्का महसूस कर रही हूँ. बस थोड़ा सा मुँह मीठा करना हैं. सपना ने जानबूझ के एक्सर्साइज़ को सेक्सी एक्सर्साइज़ बोला था जिसे मै पकड़ नहीं पाया.
मैं: रुकिए मैं सर्वेंट को बोलता हूँ आपके लिए कुछ मीठा लाये.
सपना: बुद्धू हो तुम इतना बोलकर सपना ने मेरी टी-शर्ट का कालर पकड़ा और मुझे सीट से उठा लिया और दीवार से सटा के खड़ा कर दिया. अपना मुँह मीठा मैं खुद कर लूँगी.
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इतना बोलके सपना ने अपने होठ मेरे होठो पे रख दिए. सपना के होठ ऐसे लग रहे थे जैसे कि जलता हुआ अंगार. सपना बहुत प्यार से मेरे होठ चूसने लगी और पलक झपकते ही मैं भी सपना की ताल से ताल मिलाने लगा. हम दोनों एक दूसरे को बाहों मे समेट कर किस कर रहे थे. इस किस मे कोई हवस नहीं थी बस प्यार था जैसे की कोई दो बिछड़े हुए प्रेमी हो. कुछ 5 मिनट के बाद हमारे होठ एक दूसरे से अलग हुए. हम दोनों सिर्फ एक दूसरे को देख रहे थे. सपना के चेहरे पे एक प्यारी सी मुस्कान थी.
सपना: हो गया मेरा मुँह मीठा मेरी जान! अब मैं चलती हूँ! मैं लेट हो जाउंगी आज. अपनी पैकिंग कर लेना पूरे एक वीक के लिए और किसी को कुछ बताने की ज़रुरत नहीं हैं बस ये बोलना की मेरे साथ एक मैरिज मे जा रहे हो! ओके गोट इट स्वीटी. Mom sex stories hindi
मैं तो बस सपना को देखे जा रहा था एक बुत की तरह. तभी सपना ने कुछ ऐसा किया जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी. सपना ने मेरी टी शर्ट पूरी ऊपर उठा दी और मेरी छाती स्मेल करने लगी. कुछ दो मिनट तक वो मेरी छाती स्मेल करती रही और फिर मेरी चेस्ट पे किस किया.
सपना: तुम्हारी स्मेल के साथ जा रही हूँ ताकि तुम्हारी याद न आये मेरी जान! बाय लव!
मै तो मंत्रमुग्ध सा सपना को देखते रहा और तब तक देखता रहा जब तक वो गाडी मे बैठ ना गयी. जब सपना तब जाके मुझे होश आया और सोचने लगा की मेरा और सपना का क्या रिलेशन हैं और हम किस तरफ जा रहे हैं. डू वी लव एच अदर और इट्स जस्ट नथिंग. आरुष बाबा अभी तक अपने नाश्ता नहीं किआ? ये आवाज़ आयी तो मैं अपनी सोच से बहार निकला. नाश्ता कर ही रहा था की तभी फ़ोन बज उठा और फ़ोन पे जो नाम आ रहा था उसे देख के मेरे चेहरे पे स्माइल आ गयी. फ़ोन पर लिखा आ रहा था शब्बो……….
शब्बो………… ये नाम फ़ोन पर देख कर मेरे चेहरे पे मुस्कराहट फ़ैल गयी. मैंने फ़ोन उठाया.
मैं – हेलो.
शब्बो – कैसा हैं मेरा बॉयफ्रेंड.
मैं: बॉयफ्रेंड तो ठीक हैं पर इस बॉयफ्रेंड की गर्लफ्रेंड.
शब्बो: गर्लफ्रेंड तो बस तड़प रही हैं अपने बॉयफ्रेंड की याद मे और आंसू बहाये जा रही हैं.
मैं: कहा से बह रहे हैं आंसू.
शब्बो: हट बदमाश! आँखों से और कहाँ से.
मैं: मुझे क्या पता मेरी जान कहीं और से भी निकलते होंगे मुझे क्या पता।
शब्बो: वैसे आंसू तो वहाँ से भी बह रहे हैं तेरी याद में.
मैं: मुझे क्या पता जब तक दिखाओगी नहीं तब तक पता कैसे चलेगा.
शब्बो: अच्छा बड़ी जल्दी हैं देखने की? चल तू भी क्या याद करेगा आज तुझे स्वर्ग का द्वार दिखा ही दूंगी.
मैं: ऐसे स्वर्ग के द्वार का क्या फ़ायदा जिसमे आप घुस न सको.
शब्बो: हाय मेरे राजा तू तो बातो से ही रुला देता हैं। चल घुस भी लियो स्वर्ग मे. मेरा तो समय काटना बहुत मुश्किल हो रहा हैं. कब बजेंगे 5.
मैं: चिंता क्यों करती हैं मेरी जान बस 4 घंटे बाकि हैं.
शब्बो: वैसे प्लान क्या हैं मेरे बॉयफ्रेंड का.
मैं: वो तो सरप्राइज हैं मेरी गर्लफ्रेंड. यू विल लव इट शब्बो.
शब्बो: अच्छा तो यह बता क्या पहनूँ?
मैं: कुछ भी नही!
शब्बो: हाय राम तो क्या नंगी चलूँ तेरे साथ?
मैं: मैं तो इसलिए कह रहा था कि बेचारे इस गरीब की मेहनत बच जाएगी.
शब्बो: तू बहुत कमीना हैं आरुष, पर एक बात कहना चाहती हूँ बोलू क्या..?
मैं: हां बोलो न यार.
शब्बो: देख तू अगर मुझे नार्मल तरीके से डेट पर लेकर जायेगा तो ना तू एन्जॉय कर पायेगा और न ही मै. मैं इस डेट को पूरा एन्जॉय करना चाहती हूँ और मैं चाहती हूँ की मैं इस डेट को खूब एन्जॉय करू. सो आज तुम मुझे एक दो टके की रंडी की तरह ट्रीट करोगे, बोलो मंज़ूर हैं. Mom sex stories hindi
मैं: बट ये तो मुश्किल हैं यार. थोड़ा अजीब हो जायेगा जान.
शब्बो: जैसे शब्बो से जान और जान से रांड हो जायेगा बोलो करोगे ना अपनी गर्लफ्रेंड की इच्छा पूरी?
मै: जैसे तेरी मर्ज़ी मेरी छमिया.
शब्बो: यह हुई न बात आज तेरी बुकिंग कन्फर्म. ठीक 5 बजे और लेट मत करियो.
मैं: ठीक हैं मेरी आइटम.
शब्बो: हाय तेरे मुँह से ये शब्द सुनके कितना मज़ा आ रहा हैं. चल बाय.
मैं: बाय सेक्सी.
Man bete ki chudai ki kahani
इतना बोलकर मैंने फ़ोन रखा और अपने फ़ोन वाले एप से सपना को चेक आउट किया. सपना का मोबाइल अभी उस ब्यूटी पार्लर मे ही था. फिर दोबारा मेरे मन मे ये बात आने लगी की आखिर सपना ने किस के लिए ये बुकिंग करि हैं. खैर हर विकल्प को सोचने के बाद मुझे लगा की मुझे क्या मतलब जो भी होगा सामने आ जायेगा. मैं क्या करू ये समझ मे नहीं आ रहा था. थोड़ी देर टीवी देखा फिर लंच किया और अपने रूम मे आके अपने विटामिन्स लिए और सोचने लगा की रात को तो जागना ही हैं तो क्यों न अब रेस्ट कर लू. ये सोचकर आँखें बंद किये मैं सोने की कोशिश करने लगा. जैसे ही आँखें बंद करता तो मुझे सपना दिखने लगती. उसकी हंसी, उसकी शरारते, उसका भोलापन, उसकी मासूमियत, उसके नखरे, उसकी अदा. मैं दिन ब दिन सपना की मोहब्बत मे गिरफ्तार हुए जा रहा था. शादी का मौहाल हैं सब लोग सजे धजे इधर घूम रहे हैं सब लोग जान पहचान के थे. मैं सब को देख सकता हूँ पर मुझे कोई नहीं देख पा रहा, यहाँ तक की सब आर पार निकल रहे हैं मुझ मे से. मेरी आँखें किसी को ढूंढ रही थी पर वो मुझे कही भी नज़र नहीं आ रहा था. मैंने हर जगह ढूंढा पर वो शक़्स कही नहीं था. मैं बावला सा होके कभी इधर कभी उधर ढून्ढ रहा हूँ. तभी मेरी नज़र मंडप पर जाती हैं मैं वहाँ दूल्हे के वेश मे बैठा हूँ.
मेरी दोनों बहनें मेरे साथ ही बैठी हैं और पंडित मुझसे कुछ पूजा करवा रहा हैं. मैं एक टक उस विधि विधान को देख रहा था, कि तभी पंडित मेरी दोनों बहनो को देखते हुए कहता हैं कि जाओ दुल्हन को ले आओ. मेरी दोनों बहने दुल्हन को लेने चली जाती हैं. थोड़ी देर बाद एक म्यूजिक के साथ सबसे आगे दुल्हन चल रही थी पूरे घूँघट मे. सब कुछ दिख रहा था पर उसका चेहरा नहीं दिख रहा था. उसके हाथो मे फूलमाला और वो धीरे धीरे मंडप की ओरे बढ़ती जा रही थी. आगे आगे दुल्हन पीछे पीछे मेरी बहने जो बहुत ज्यादा खुश और एक्ससाईटेड लग रही थी पर जब नज़र वापस खुद पर गयी तो मैंने देखा की उन सब से ज़्यादा खुश तो मैं हूँ. दुल्हन धीरे धीरे मंडप पर पहुंच गयी, मैंने दुल्हन को हाथ से पकड़ा और उससे ऊपर मंडप तक आने मे मदद की. मैंने महसूस किया कि उसके हाथ कितने कोमल हैं. हमारे ऊपर चढ़ते ही वरमाला हुई पर मैं अभी तक दुल्हन का चेहरा नहीं देख पाया हूँ. मेरी उत्त्सुकता बढ़ती ही जा रही हैं. शादी संपन्न होने के करीब आ चुकी हैं. पंडित हम दोनों को फेरे के लिए उठता हैं और हम दोनों पवित्र अग्नि के सात फेरे ले रहे हैं. सब हम दोनों पर फूलों की वर्षा कर रहे हैं. मैंने अभी तक अपनी बीवी का चेहरा नहीं देखा हैं पर मैं बहुत खुश लग रहा हूँ जैसे मेरी कोई मुँह मांगी ख़्वाहिश पूरी हो गयी हो।
इसी बीच पंडित जी बोलते हैं शादी सम्पन हुई और हम दोनों झुक के पंडित जी का आशीर्वाद लेते हैं. मेरे कुछ दोस्त मुझे दूसरी तरफ ले जाते हैं और मेरी बहने, मेरी बीवी को दूसरी तरफ. रात होते ही मेरी बहने मुझे कमरे मे ले जाती हैं पर कुछ बोलती नहीं हैं. मैं चुपचाप अपने कमरे मे जाता हूँ और अंदर का नज़ारा निहारने लगता हूँ. पूरा रूम फूल से सजा हुआ था, पूरे रूम की बंद थी पर रूम पूरा जगमगा रहा था, कैंडल्स की रौशनी से. रूम के बीचों बीच, लाल गुलाब के फूलों से दिल बना हुआ था जिसके बीच मे सफ़ेद फूलो से ए और स बना हुआ था. मैंने देखा मैं उस ए और स को देख के बहुत खुश हो रहा हूँ, मैं कुछ समझ पाता इससे पहले मैं अपने बेड की तरफ बढ़ने लगता हूँ. मैं बीवी के सामने बैठ के उससे कुछ कहता हूँ जोकी मैं सुन नहीं पाया और धीरे धीरे घूँघट उठाता हूँ. जैसे ही घूँघट उठता हैं, मैं देखता हूँ की मैं बहुत खुश हूँ पर इधर मेरी हवाइयां उड़ जाती हैं उस चेहरे को देखते ही मेरे मुँह से निकलता है ….सपना…… Mom sex stories hindi
एक दम से मेरी आँख खुलती हैं और मैं खुद को अपने रूम मे पाता हूँ और सोचता हूँ क्या सपना देखा मैंने सपना से शादी? अपनी मॉम से पर अब वो मेरी मॉम कहाँ रह गयी हैं वो तो अब सिर्फ एक औरत हैं…. नहीं पर समाज की नज़रो मे तो मेरी मॉम हैं, समाज क्या हैं ये समाज? ये समाज हम से हैं हम समाज से नहीं. मैं इन्ही उधेड्बुनों मे अपना फ़ोन उठाता हूँ और टाइम पे नज़र डालता हूँ। 4:30 बज चुके थे. मैं एप खोल के सपना की लोकेशन चेक करता हूँ, वो अभी पार्लर मे ही थी। तभी मेरे फ़ोन पे मैसेज आता हैं वेटिंग मेरी जान. मैं समझ गया की ये मैसेज शब्बो के अलावा किसी का नहीं हो सकता. मैंने भी मैसेज कर दिया टाइम पे पहुंच जाऊंगा शब्बो.
मैं फटाफट बेड से उठके एक क्विक शावर के लिए बाथरूम मे घुस गया. शावर लेके फटाफट मैं तैयार हुआ और गाड़ी उठाई और शब्बो को पिक करने के लिए उसके घर की तरफ चल दिया. जैसे ही मैंने गाड़ी पोर्च मे खड़ी करी, तभी मेन गेट खुला और मै शब्बो को देख के देखता ही रह गया.
कहानी जारी रहेगी…
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eagerly waiting for part3. please write it as soon as you can.
thanks, it will be published soon.
Bhai kb aa raha hai 3 part
Kb likh rahe 3 part
Are Bhai itna time lgata h ky 3 part dega ki nhi
Upload the next part 3 please 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
I am writing ok! wait for 1-2 days
Write early bro i can’t wait
Bhai 3 part to upload kar do bahut time ho gaya he ab to
Come on yaar write fast kal shubh palwal niklna h
Plesee sir plesee
Your next part is where and when published…….?
soon
Bhai kab upload karoge 3rd part
Bhai kab aaiga next part
Koi delhi sa housewife h jo secret sex karna chati ho
कहानी का तीसरा भाग कहां है नहीं मिला
किसी भी आंटी या औरत को चोदना है मेरे 9 इंच के ल** को ल** से तो कॉल या मैसेज करें प्लीज
कहानी का तीसरा भाग मैसेज करें लिंग
Where is the next 3rd part of this story.
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Maine apni mummy ko choda hai
Sach me
Mujhe bhi dilawge
To hme bhi dilwa de bhai
Or kese
पार्ट 3कब आ राहा हैं
Kaise choda tune teri mummy ko
इतनी क्यू बेताब हैं आप तुम्हारा भी बेटेसे चोदणेका मन कर राहा हैं क्या
तु बहुत हि खूश नशीब हैं मगर कैसे सुरुवात हुई
Mere pass hai chahito batavo
Abe yaar rajesh kab upload kroge yaar part 3 jaldi karo yaar
Sachi me
Bhai Aage Ki Kahani Aaegi
Agla part kb ayega.. bro
What a story bhai. Best story I have ever read . Eagerly waiting for next part and please keep writing more such stories.
😍😍
3rd part abhi tak nahi aya…me bahot excited hu
Wwhere is part 3?
हरियाणा में किसी बाई आंटीया गर्सको हैंड मरवानी है तो संपर्क करे १ बार सेवा का मोका ज़रूरदे
Pl realese soon next. Part thanks
3rd part pls sent mr