किचन मे मम्मी की गांड का उद्घाटन किया | Mammi ki gand chudai kahani

Mammi ki gand chudai story:- हेलो दोस्तों! मेरा नाम है अमन है और मैं 22 साल का हूँ. मैं इंदौर में रहता हूँ अपनी मम्मी के साथ. मेरे पापा टेक्सटाइल्स के बिज़नेस करते है और ज़्यादातर बाहर ही रहते है. 2-3 महीनो में एक-आध दिन ही घर आते है. ये कहानी एकदम सच्ची घटना पे आधारित है, जो माँ बेटे की चुदाई पर आधारित है और ये बस 2 महीने पहले की बात है. ये कहानी मेरे और मेरी मम्मी के बीच हुई ज़बरदस्त चुदाई को लेकर है.

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कहानी शुरू करने से पहले आपको अपनी मम्मी का थोड़ा डिस्क्रिप्शन दे दूँ. मेरी मम्मी थोड़ी सांवली है एकदम गदराया हुआ बदन 38-36-40 का फिगर और वो थोड़ी सी मोटी है लेकिन एकदम सही जगह पे चर्बी है माँ के शरीर में. माँ के बूब्स बड़े बड़े तरबूज जैसे है एकदम सॉफ्ट और डार्क ब्राउन कलर के बड़े बड़े निप्पल्स नरम मटकती गांड एंड गहरी नाभि. कुल मिला के कहूँ तो माँ एकदम सेक्स-बम है और उनके इन्ही फिगर पे मैं फ़िदा हूँ.उनका फेस बहुत ही सुन्दर और क्यूट है. बड़े रसीले होंठ, कमर तक लम्बे घने बाल, जिनका वो जूड़ा बना के रखती है ज़्यादातर, जो की मुझे बहुत पसंद है. मम्मी और मैं बहुत फ्रैंक है क्यूंकि घर में ज़्यादातर बस हम दोनों ही रहते है. मैं उनके साथ डबल-मीनिंग बाते भी कर लेता हूँ वो बुरा नहीं मानती बस एक नॉटी स्माइल देती है. मेरी एथलेटिक बॉडी है रेगुलर जिम जाने की वजह से और मेरा लंड 8.5 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा है. मैंने कुछ ही महीने पहले अपना कॉलेज ख़तम किया और अब घर के पास ही एक एकाउंटिंग फर्म में काम करता हूँ.

दोस्तों मैं 12-13 साल के उम्र से ही सेक्स वीडियोस और इन्सेस्ट कहानिया पढता था और इसमें मुझे बहुत मज़ा आता था. शुरू शुरू में मैंने माँ को उस नज़र से नहीं देखा था लेकिन कुछ सालो के बाद से ही मेरे माँ को देखने का नजरिया बदलने लगा. मैं जब 16 साल का था तब से माँ को याद करके मुठ मारने लगा था. मेरी माँ घर पर साड़ी पहनती है लेकिन बहुत सेक्सी तरीके से. साड़ी कमर के हमेशा नीचे होती है जिससे माँ की शानदार नाभि हमेशा दिखे और ब्लाउज भी ज़्यादातर बैकलेस स्लीवलेस और डीप कट वाली पहनती है. जब वो खाना परोसने या झाड़ू लगाने के लिए झुकती थी तब माँ के विशाल बूब्स और उनके बीच का दरार देखके मेरा लंड खड़ा हो जाता था. माँ ने भी ये नोटिस किया था काफी बार, लेकिन वो कुछ नहीं कहती थी बस कभी कभी हलकी सी स्माइल देती थी. जब वो गांड मटकाके चलती थी ओहो जैसे जान ही ले लेती थी. मैं उनका दीवाना बन गया था लेकिन उनको पटाने का कोई तरीका मुझे तब सूझा नहीं. ऐसे ही दिन बीत रहे थे. Mammi ki gand chudai story

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मैं 18 साल की उम्र में कॉलेज चला गया घर से दूर. कॉलेज में दोस्तों के साथ मिलके मेरा सेक्स में इंटरेस्ट और बढ़ गया. मेरे दिमाग में हमेशा बस दूध, चूत और गांड ही घूमते रहते थे. मुझे बड़ी उम्र की औरतो में ज़्यादा इंटरेस्ट था और किस्मत से मुझे 1-2 दोस्तों की मम्मियों को चोदने का मौका भी मिल गया. उनको चोदने में मज़ा आया लेकिन सही कहूँ तो वो मेरी मम्मी के आगे कुछ भी नहीं थी. मम्मी से दूर रहने की वजह से मैं उनको और चाहने लगा. मैं अब उनको कैसे भी करके पाना चाहता था. 4 साल बाद मेरा कॉलेज ख़तम हुआ और मैं घर वापस आ गया. मेरे आने से माँ बहुत खुश थी और वो ख़ुशी मुझे उनमे बहुत ज़्यादा दिखने लगी. वो मुझे प्यार से खाना खिलाती अपने हाथो से, मुझे गले लगाकर मेरे बाल सहलाती मेरे गाल पे किस करती. इन सब हरकतों के कारण मेरे लिए खुद को रोक पाना दिन ब दिन और ज़्यादा मुश्किल होता जा रहा था.

फाइनली एक दिन मेरे सब्र का बाँध टूट गया और मैंने कदम बढ़ाया अपनी माँ को अपना बनाने के लिए. रोज़ की तरह उस दिन भी मैं सुबह उठके कीचन में गया तो देखा मम्मी रोटी बनाने के लिए आटा गूँध रही थी. उनके सामने किचन काउंटर पर, आटे में पानी मिलाने के लिए पानी की बोतल खुली हुई थी. मम्मी ने उस वक़्त एक येलो कलर की स्लीवलेस बैकलेस ब्लाउज पहनी हुई थी, एक ग्रीन कलर की साड़ी के साथ. मम्मी की कमर और नाभि बहुत ही कामुक लग रही थी. उन्होंने अपना पल्लू अपने बूब्स के बीच में रखा हुआ था जिसकी वजह से उनके बूब्स आधे से ज़्यादा दिख रहे थे। उनके टाइट ब्लाउज में से उनकी क्लीवेज देख के मेरा लंड खड़ा हो गया. गर्मी का मौसम था और मम्मी को बहुत पसीना आया हुआ था जिसकी वजह से उनका बदन एकदम चमक रहा था. Mammi ki gand chudai story

दोस्तों मैं बता दूँ की मम्मी कभी घर पे ब्रा-पैंटी नहीं पहनती। यहाँ तक की पेटीकोट भी नहीं जो मुझे बाद में पता चला. खैर मुझे सुबह सुबह शरारत सूझी और मैंने पीछे से जाके माँ को कस के बाहो में ले लिया. अचानक हुए इस हमले से माँ चौंक गयी और उनके मुँह से हलकी सी ‘आह’ निकल गयी.

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मम्मी – गुड मॉर्निंग बेटा! तूने तो मुझे डरा ही दिया था! बदमाश कहीं का.

मेरा खड़ा लंड मम्मी की गांड में चुभ रहा था.

मैं – गुड मॉर्निंग मम्मी! आज आप बहुत प्यारी लग रही हो! एकदम मस्त!

मम्मी – हाँ वो तेरे उससे साफ़ पता चल रहा है.

मैं – किस्से मम्मी?

मम्मी (शर्माते हुए) – तेरे औज़ार से.

मैं (नाटक करते हुए) – औज़ार मतलब?

मम्मी – तेरे खड़े लंड से.

ये कहते ही मम्मी ने अपना मुँह छुपा लिया. मैं मम्मी के मुँह से ‘लंड’ सुनके और भी मूड में आ गया.

मैंने उनसे कहा –“लाओ आप आटा चलाते रहो मैं पानी डालता हूँ धीरे धीरे”

और ये कहते ही मैंने सामने से पानी की बोतल उठायी और धीरे धीरे पानी आटे में गिराने लगा. मैं जान बुझ के पानी आटे के साथ साथ मम्मी के बूब्स और क्लीवेज पे भी गिरा रहा था. जो की अब पानी से गीले हो गए थे और चमकने लगे थे. मुझे पीछे से नज़ारा एकदम कमाल लग रहा था.

मैं – “ओहो मम्मी लगता है आपकी ब्लाउज गीली हो गयी. इसे निकाल दो वरना आपको ठण्ड लगेगी!

मम्मी मेरा इरादा समझ चुकी थी अब तक.

उन्होंने नॉटी सी स्माइल देते हुए कहा – गीला तूने किया है! तू ही उतार दे!

मुझे ग्रीन सिग्नल मिल चूका था. मैंने एक पल भी वेस्ट किये बिना मम्मी को तुरंत अपनी तरफ घुमाया और उनके होंठो पे अपने होंठ रखके ज़बरदस्त तरीके से चूसने लगा. साथ ही साथ मैं उनका ब्लाउज निकालके उनके बूब्स मसलने लगा. मम्मी मेरा पूरा साथ दे रही थी। अब हम एक दुसरे की जीभ चूसने लगे. मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था. मैं बूब्स मसलता गया और मम्मी को किस करता गया लगभग 15 मिनट तक. जब हमने फाइनली किस तोड़ी तो मुझे मम्मी की आँखों में हवस साफ़ दिख रही थी. Mammi ki gand chudai story

मम्मी की गांड चुदाई की कहानी

मैंने पास पड़ी हुई तेल की बोतल उठायी और उनके बूब्स पे डालने लगा. खूब सारा तेल लगाके मैं उनके बूब्स दोबारा से मसलने और चूसने लगा. मम्मी के मुँह से ऊफ आह की कामुक आवाज़े निकल रही थी जो की मुझमे और जोश पैदा कर रही थी. मैंने अब उनकी ब्लाउज पूरी तरह निकाल दी और साड़ी खोल दी. अब मेरी मम्मी मेरे सामने एकदम नंगी थी. क्या कमाल का नज़ारा था दोस्तों. मैंने उनको उठा के किचन काउंटर पे बिठा दिया और उनके बूब्स पे हमला जारी रखा. वो सिसकिया ले रही थी और कह रही थी –

मम्मी – “हाँ बेटा ऐसे ही चूस चूस मेरे निप्पल्स चूस चूस के लाल कर दे इन्हे मेरी जान”.

मैंने उन्हें उल्टा किया और उनकी गांड पे बहुत सारा तेल डालके उनकी गांड चाटने लगा. उनकी चूत एकदम क्लीन शेव थी जिसे देख के मेरे मुँह में पानी आ गया. मैं उनकी चूत और गांड ज़बरदस्त तरीके से चाट रहा था. मेरे चूत चाटने से मम्मी जैसे एकदम पागल हो गयी और ज़ोर ज़ोर से सिसकिया लेने लगी. आह ऊफ की आवाज़ों से पूरा किचन गूँज रहा था. करीब 15 मिनट चूत चाटने के बाद मम्मी एक ज़बरदस्त झटके के साथ झड़ गयी और उनका सारा पानी मैं पी गया. इतना मीठा और मज़ेदार स्वाद मुझे ज़िन्दगी में कभी नहीं मिला था. मैं दीवाना बन गया उनके चूत का.

मम्मी ने हाँफते हुए कहा – “तूने मेरे होश उड़ा दिए बेटा. मुझे ऐसा मज़ा पहली बार आया है.”

मैंने अब अपनी शॉर्ट्स उतार दिए और मेरा 8.5 इंच का मोटा लंबा लंड मम्मी की आँखों के सामने आ गया. उसे देखते ही मम्मी की आँखें बड़ी हो गयी और उन्होंने कहा –

मम्मी – “हाय राम ये कितना बड़ा है बेटा. ये मेरी इस नन्ही सी चूत में कैसे जायेगा?

मैंने उनके बूब्स मसलते हुए कहा – सब सेट हो जायेगा मम्मी तुम इसको थोड़ा चूस के चिकना बना दो.

मम्मी घुटनो के बल बैठ गयी और मेरे लंड पे खूब सारा थूक लगा के ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी. लंड को गीला करने के बाद वो उसको मुँह में लेके ज़बरदस्त तरीके से चूसने लगी. मम्मी लंड को पूरे गले तक अंदर ले रही थी। ऐसा ब्लोजॉब मुझे पहली बार मिल रहा था। मैंने उनके बाल पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से लंड उनके गले के अंदर बहार करने लगा. मैं सरप्राइज हो गया की मम्मी ज़रा भी विरोध नहीं कर रही थी इतने हार्डकोर ब्लोजॉब का भी. इससे मेरा जोश और बढ़ गया. मेरा लंड अब रोड की तरह सख्त हो गया था.

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मम्मी ने कहा – “बेटा अब और सहन नहीं होता डाल दे तेरा लंड मेरी चूत में! फाड़ दे मेरी चूत आज! मैं कबसे तड़प रही हूँ! आज मुझे अपना बना ले.

मैंने जल्दी से उन्हें किचन काउंटर पे बिठाया और मिशनरी पोजीशन में लंड उनकी चूत के मुँह पे लगाया. मेरा लंड बहुत बड़ा है इसीलिए मैं शुरुआत में धीरे से उनकी चूत में लंड पेलने लगा. मम्मी की चीख निकल रही थी. इतना बड़ा लंड लेने की आदत नहीं थी उनको. उनकी चूत बहुत ही गरम और रसीली थी और मेरे लंड को कस के जकड रही थी. अब मैंने धक्के लगाने शुरू किये. धीरे धीरे मैंने स्पीड बढ़ायी अब मम्मी को ज़बरदस्त मज़ा आ रहा था और वह ज़ोर ज़ोर से चीख रही थी और अपनी गांड उठा उठा के मेरा साथ दे रही थी. मैं दमा दम धक्के लगाए जा रहा था. इतना मज़ा आ रहा था हम दोनों को, की क्या बताऊँ. हम दोनों पागल हो रहे थे एक दूसरे की बाहों में. करीब 20 मिनट फुल-स्पीड चुदाई के बाद मम्मी फिरसे झड़ गयी और चूत की धार छोड़ दी. Mammi ki gand chudai story

पर मेरा अभी हुआ नहीं था. अब मैं काउंटर पे लेट गया और मम्मी मेरे ऊपर काउगर्ल पोजीशन में चढ़ गयी. मेरा लंड अपनी चूत में लेके अब वो उछलने लगी। मैं नीचे से उनके बूब्स चूस रहा था.

मम्मी चिल्लाने लगी – “आआह बेटा इतना मज़ा मुझे कभी नहीं आया. तेरा लंड कमाल का है बेटा. इतना सुख मुझे कभी मिलेगा मैंने सोचा नहीं था. ऐसे ही मुझे चोदता रह चोदता रह बेटा”.

ऐसे 10 मिनट उछलने के बाद वो थक गयी. मैंने अब उनको काउंटर पे डोगी स्टाइल में झुका के तेल की बोतल की तरफ हाथ बढ़ाया. यह देखके मम्मी समझ गयी मेरा इरादा. उन्होंने कहा –

मम्मी – “बेटा मैंने कभी गांड में नहीं लिया है. प्लीज मेरी गांड मत मार. मैंने सुना है बहुत दर्द होता है”.

मैंने कहा – “रिलैक्स मम्मी! मैं बहुत आराम से करूँगा! आपकी इस गांड का मैं सालो से दीवाना हूँ! आज आपकी गांड मारे बिना मैं कहीं नहीं जा रहा!

मम्मी थोड़ी डर रही थी लेकिन आखिर मान गयी.

“आराम से बेटा” उन्होंने कहा.

मैंने खूब सारा तेल उनकी गांड के छेद में लगाया और दो ऊँगली डालने लगा. पहले उन्हें थोड़ा दर्द हुआ लेकिन धीरे धीरे मेरी माँ की गांड खुल गयी और अब ऊँगली आसानी से जाने लगी. मैंने अपने लंड पे अच्छे से तेल लगाके उनकी गांड के मुँह पे सेट किया और एक स्लो लेकिन ज़ोरदार झटका लगाया. लंड गांड को चीरता हुआ अंदर गया और उनकी चीख निकल गयी.

माँ – “बेटा प्लीज धीरे से कर मैं कहीं भागी नहीं जा रही.”

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मैंने कुछ देर लंड वैसे ही रहने दिया और जब उनकी गांड थोड़ी रिलैक्स हुई मैंने धक्के लगाने शुरू किये. करीब 5 मिनट के बाद मैं वापस फुल-स्पीड धक्के लगा रहा था और अब माँ को भी पूरा मज़ा आ रहा था. मैं माँ की गांड पे थप्पड़ मारते हुए दनादन उनकी गांड मार रहा था और वो चिल्ला रही थी -Mammi ki gand chudai story

मम्मी – “फाड़ दे बेटा फाड़ दे अपनी मम्मी की गांड! बना ले मुझे अपनी रंडी! आज से मैं तेरी हूँ! तू मुझे जब चाहे जितना चाहे चोद लेना! चोदता रह बेटा.

अब तक करीब 1 घंटा हो गया था हमको चुदाई करते हुए. माँ इस बीच कम से कम 3 बार झड़ चुकी थी और अब मैं भी फाइनली झड़ने के करीब आ गया था.

मैंने कहा – माँ मेरा निकलने वाला है!

उन्होंने कहा – मुझे तेरा माल पीना है बेटा! मेरे मुँह में डालना तेरा माल.

मैं माँ की गांड से लंड निकाल के उनके मुँह में ज़ोरदार झटको के साथ झड़ गया. मेरा बहुत सारा माल निकला जो माँ ने पूरा पी लिया.

माँ ने कहा – बेटा तेरा माल बहुत टेस्टी है! मुझे ऐसा सुख कभी नहीं मिला! आज से मैं तेरी हुई.

उस रात मैंने माँ को 3 बार और चोदा. उसके बाद से हम रोज़ चुदाई करते है. मैं उनको घर में नंगी ही रखता हूँ पूरा दिन और हम बहुत मज़े करते है. ये कहानी लिखते वक़्त भी वो मेरा लंड चूस रही है. तो दोस्तों कैसी लगी मेरी कहानी. मुझे फीडबैक देने के लिए नीचे कमेंट ज़रूर करें!

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