Maa ki chudai sex story hindi:- हेलो दोस्तों मेरा नाम बॉब (काल्पनिक नाम) है. मैं बिहार का रहने वाला हूँ. मेरी आगे 22 साल है. मैं देसी सेक्स स्टोरीस साइट का रेगुलर रीडर हूँ. मुझे शुरू से ही इन्सेस्ट स्टोरी बहुत पसंद है. इन स्टोरीज को पढ़ते-पढ़ते कब मैं अपनी माँ की तरफ आकर्षित होने लगा पता भी नहीं चला. मेरी माँ के साथ मैंने क्या क्या कैसे कैसे किया आपको बताऊंगा इसलिए इस कहानी को आप लास्ट तक ज़रूर पढ़िएगा। मै आपको बता दूँ की ये एक सच्ची घटना है। इसको मै आप सभी इन्सेस्ट लवर्स के साथ शेयर करना चाहता हूँ तो ये कहानी लिख रहा हु. चलिए दोस्तों आप सभी को अपनी स्टोरी की तरफ लेकर चलता हूँ.
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जैसे की मैंने बताया है मैं करीब 7 साल से इन्सेस्ट लवर हूँ और माँ का वन-साइडेड आशिक़ भी. मेरी माँ की उम्र कोई 42 साल होगी कहानी लिखते टाइम)। फिगर भी एकदम मस्त 34-30-36 है. दिखने में एवरेज है गेहुआ कलर और धार्मिक संस्कारी टाइप की औरत है. मेरे पापा बिलो एवरेज है. मेरा जन्म होने के बाद शायद ही उन्होंने कभी मेरी माँ पर ध्यान दिया होगा. बड़ा होने के बाद मैंने कई बार उनकी चुदाई छुप के देखि है. वो तुरंत ही ठन्डे पड़ जाते थे और माँ नाखुश ही रह जाती थी. और फिर धीरे-धीरे माँ ने ऐसे ही अपनी काम-वासना को अपने अंदर दबा लिया. और मुझे अपने मौके की तलाश उसी टाइम से थी. मैं सोचता था की कब मैं उनकी बॉडी को प्यार करूँगा. 7 साल से मौके की तलाश में मैंने कितनी बार हाथ आज़माया पर डर से मैं कामयाब नहीं हो पाया. कई बार उनके साथ सोये हुए मैंने उनकी बॉडी को सहलाया छुआ उनके बूब्स भी सहलाये पर कभी बात नहीं बनी. एक बार मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ी तो मैंने माँ की नाइटी के ऊपर के 2-3 बटन खोल दिए. माँ ने ब्रा नहीं पहनी थी. मैंने उनकी नाइटी की अंदर हाथ डाला और सहलाया. मेरी पैंट में तम्बू बन चूका था और मैं बहुत ज़्यादा जोश में था. मैंने तुरंत ही माँ के निप्पल्स पकडे और मुँह में लगाया. माँ सोइ हुई थी. तभी वो हिली और मैं तुरंत शांत हो गया और आँखें बंद करके लेट गया. मेरी डर से फटी पड़ी थी. माँ ने मेरी तरफ देखा और अपने कपडे सही किये और सो गयी.
फिर माँ धीरे-धीरे करके मुझे दूर सुलाने लगी. और ये मौका मेरे हाथ से निकल गया. फिर मैं उनकी ड्रेस चेंजिंग की वीडियो रिकॉर्ड करके देखता और हिलाता था.ये मौका मुझे नवंबर के लास्ट में मिल ही गया और आखिर-कार मेरा सपना सच होने वाला था. या ये बोलो मैं खुद अपना सच करने वाला था. पापा मेरे सिटी से बाहर छोटी सी प्राइवेट जॉब करते थे. घर पर मैं और मम्मी ही रहते थे और हमें भाभी की बेटी के बर्थडे में बनारस जाना था. अब मैं और माँ ही जाने वाले थे तो माँ ने बोला मुझे ट्रेन की टिकट बुक करने को. तो मैंने बोला: ठीक है माँ कर देता हूँ. पर मैं एक भी मौका नहीं छोड़ना चाहता था उनके करीब आने का. तो फिर थोड़ी देर बाद मैंने माँ को बताया- Maa ki chudai sex story hindi
Sagi Maa ki chudai ki kahani hindi
मैं: माँ टिकट तो कनफर्म्ड नहीं मिल रही है. क्या मैं स्लीपर बस की टिकट बुक कर लू.
तो वो बोली: ठीक है देख लो जो सही लगे.
मैं बोला: कल रात की बुक कर लेता हूँ.
माँ बोली: ठीक है.
और फिर माँ पैकिंग करने लगी. मैं मन ही मन खुश हो रहा था की इस बार तो दंगल करना है. और मैं बाहर निकल गया घर से स्मोकिंग करने के लिए. पर मेरा ध्यान वही पर था की कैसे-कैसे माँ को पटाना था. तभी मेरी नज़र केमिस्ट स्टोर पर पड़ी. मैंने सोचा की नींद की गोलियां ले लेता हूँ. फिर सोचा की नहीं नींद की गोली से अच्छा है 5-6 वियाग्रा की गोलियां ले लेता हूँ और कंडोम भी अपनी पसंद के फ्लेवर के ले लेता हूँ. तो मैंने केमिस्ट के पास जा कर वियाग्रा और स्ट्रॉबेरी चॉकलेट वेनिला और बनाना फ्लेवोर्स की कंडोम ले ली. फिर मैं वहाँ से निकल गया और अपने घर पहुँचते ही मैंने अपने पिट्ठू बैग में रख लिया. मैं माँ के पास गया तो माँ पैकिंग कर चुकी थी. और फिर हमने डिनर किया और अपने-अपने रूम में सोने चले गए. पर मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं माँ को देखने गया. क्या मस्त लग रही थी माँ नाइटी में. मन तो कर रहा था की वही पर चोद दू पर मैं कोई गड़बड़ नहीं करना चाहता था. फिर मैं अपने कमरे में जा कर सो गया.
अगली सुबह मैं उठा. माँ भी पूजा वगैरा करके नाश्ता बना रही थी. मैं गया और माँ को गुड मॉर्निंग बोला और साइड में खड़ा हो कर पूछने लगा-
मै: पैकिंग हो गयी? हमें रात को 11 बजे निकलना है, बस 12 बजे है.
तो माँ बोली: ठीक है.
और मैं मार्किट चला गया गिफ्ट लेने भाभी की बेटी के लिए. मैंने सोचा की वियाग्रा आज रात से ही दूंगा उन्हें. रात में निकलने का टाइम हुआ तो मैंने बोला-मै: माँ 2 बोतल पानी रख लेना एक अपने बैग में और एक मेरे बैग में. माँ ने वैसा ही किया. फिर मैंने मौका देखते ही माँ की बोतल में 2 गोली वियाग्रा को पाउडर बना कर उसमे मिला दिया. उसके बाद मैं जल्दी से वहाँ से निकल गया. हमारा निकलने का टाइम हो चुका था और हम निकल रहे थे. मैंने ओला कैब मंगा ली थी. माँ भी घर बंद करके आ गयी. वो साड़ी और जैकेट में थी और मस्त लग रही थी. इस ठण्ड में उनके बदन की गर्मी मुझे महसूस हो रही थी. फिर हम जल्दी से कैब में बैठे और बस स्टैंड के लिए निकल गए. कैब में बैठते ही माँ को खांसी उठ गयी क्यूंकि कैब वाले ने अगरबत्ती जलाई हुई थी. Maa ki chudai sex story hindi
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तो मैंने उसको बोला: आप अगरबत्ती बुझा दो भैया प्रॉब्लम हो रही है. और माँ को बोला: माँ आप पानी पी लो.
जाने-अनजाने में मैंने पहला पड़ाव पार कर लिया. माँ ने वियाग्रा वाला पानी 2 घूंट पी लिया और हम थोड़ी ही देर में बस स्टैंड पहुँच गए. जब हम बस में चढ़े तभी माँ ने टिकट देखते हुए पुछा-
माँ: बेटा तुमने एक ही सीट क्यों बुक की है.
तो मैंने कहा: माँ सीट नहीं थी और ये आखरी बस थी आज की तो मैंने कर ली.
तो माँ बोली: कोई बात नहीं एडजस्ट कर लेंगे हम लोग.
मैं तो मन ही मन बहुत खुश हो रहा था की आज फुल मज़ा लेना है. मुझे बस माँ को गरम करना था. वियाग्रा का असर होने लगा होगा देखने से तो पता नहीं चल रहा था. लेकिन असर ज़रूर हो रहा होगा उन्हें. बस मे चढ़ के माँ ने सीट देखि तो उन्होंने कहा:
माँ- इस पर 2 लोग कैसे सोयेंगे बेटा?
तो मैंने बोला: आखरी बस है आज की, तो हमें इसी में एडजस्ट करना होगा.
फिर माँ बोली: ठीक है.
फिर हम बैठ गए और थोड़ी बात-चीत की. हमने प्लानिंग की कि कैसे और कहा जाना है. और भी एक्स्ट्रा घूमने की प्लानिंग की थी माँ ने. पर मेरे दिमाग में तो एक ही चीज़ चल रही थी. मेरे सामने सुनहरे बदन की मालकिन बैठी थी. जिसके जिस्म को मैं अपना करना चाहता था. मेरी काम-देवी माँ. फिर बात करते-करते हमें नींद आने लगी और हम सोने की तैयारी करने लगे. माँ ने लिट्टी खायी और फिर से पानी पिया और सोने लगी. मैं उनसे चिपक के सोया था. मेरा लंड तो पूरा टाइट था और माँ की गांड में टच हो रहा था. माँ तुरंत सो गयी और मुझे उनको देख-देख के बेचैनी हो रही थी. मैं अब उनको छूना चाहता था. उनके बदन से खेलना चाहता था. मैं धीरे से हिम्मत करके उनको पीछे से हग करके सोने की एक्टिंग करने लगा. थोड़ी देर इसी तरह से रुक कर पूरी तरह से उनके साथ चिपक गया और अपना लंड उनकी गांड की दरार में रगड़ने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उनके बूब्स को हाथ लगाया और धीरे-धीरे उनके सूट के अंदर हाथ डालके उनके संतरों को सहलाने लगा. मुझे मज़ा आ रहा था और मैंने लंड का रगड़ना थोड़ा तेज़ कर दिया. मेरी काम-वासना सारी सीमा पार कर चुकी थी. तभी माँ हल्का सा झटका खायी. मुझे लगा की बस ने ब्रेकर पार किया होगा तो मैं अपने काम में लगा रहा. Maa ki chudai sex story hindi
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फिर मुझे अचानक से महसूस हुआ की माँ के निप्पल्स टाइट हो गए थे. मैं समझ गया था की वियाग्रा ने काम कर दिया था अच्छे से. पर मुझे नहीं पता था की वो जाग रही थी. मैं उनके निप्पल को अपनी उँगलियों से दबा-दबा के खेल रहा था. मुझे महसूस हुआ की माँ की सांस तेज़ चल रही थी और वो सोने का नाटक कर रही थी. उनको भी काफी मज़ा आ रहा था शायद क्यूंकि वो तो भूखी थी काफी टाइम से. तो मैंने रिस्क लेने का सोचा की क्यों ना इनको अच्छे से गरम करके छोड़ देता हूँ, ताकि वो जल्दी से चुदने के लिए मान जाये. तो मैंने अपना लंड निकाला और माँ की गांड पर लगा के हल्का-हल्का झटका देने लगा. मैं उनके सूट के अंदर हाथ डाल के उनकी नाभि और बूब्स से खेलने लगा. अपने हाथ में थूक लगा के मैं माँ की नाभि में लगाने लगा. फिर भी माँ कुछ नहीं बोल रही थी और अपना सोने का नाटक किये जा रही थी. मैं थोड़ा अपसेट फील करने लगा की आखिर क्यों वो रिस्पांस नहीं कर रही थी. फिर मैंने सोचा की कुछ और ट्राई करना पड़ेगा. तो मैंने अपना लंड उनकी दोनों टांगो के बीच लगा दिया और उनकी चूत और गांड के बीच से सटा के आगे-पीछे करने लगा. तभी मुझे ऐसा लगा की उनकी सलवार भीगी हुई है. और ये महसूस होते ही मैं अपने आप को रोक नहीं पाया और मेरा पानी छूट गया उनकी सलवार पर टांगो के बीच में.
इससे मैं बहुत डर गया. फिर मुझे कब नींद आई पता भी नहीं चला. सुबह माँ ने मुझे 7 बजे उठाया जब हम बनारस पहुँच गए थे.
माँ: बेटा उठ जा सुबह हो गयी है! बनारस भी आ गया है.
मैं उठा तो मुझे अचानक से मेरी रात की हरकत याद आयी. तो मैं माँ से नज़र नहीं मिला पा रहा था. माँ समझ गयी थी तो उसने मज़ा लेते हुए कहा-
माँ: रात को तो काफी अच्छी नींद आयी होगी तुम्हे?
मैं: हां थकान हो गयी थी तो कब नींद पड़ी पता नहीं चला.
अब हम माँ-बेटा उतरे और एक अच्छे होटल की तरफ बढे. वह जा कर मैंने होटल के मैनेजर से बात की. उन्होंने पुछा-
मैनेजर: सर आप सिंगल बेड लोगे या डबल?
मैं: सिंगल ही दे दो बढ़िया सा रूम और हां नॉन-एसी ही देना.
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तो उन्होंने मुझे रूम नंबर 34 दिया. फिर हम माँ-बेटा लिफ्ट में चढ़ के तीसरे फ्लोर पर गए और अपने रूम का गेट खोला. रूम अंदर से काफी सुन्दर था. उसमे टीवी भी लगी हुई थी वाशरूम भी अच्छा था और एक विंडो थी जो बालकनी से अटैच्ड थी. माँ को भी रूम पसंद आया. फिर मैंने और माँ ने बेड देखा जो की थोड़ा छोटा था. 2 लोग सो तो सकते थे पर फ़ैल कर नहीं सो पाते. माँ ने इस्पे कुछ नहीं बोला तो मैंने भी चुप रहना ही सही समझा. अब हमने डीसाइड किया की पहले फ्रेश हो लेते है फिर मैं नाश्ता लाने चला जाऊंगा और माँ नहा लेंगी. फिर मैं जब वापस आऊंगा तो मैं नहा लूँगा. उसके बाद हम बैठ के खाएंगे. इतना बोल के मैंने अपनी बोतल से पानी पिया और माँ गयी फ्रेश होने. मैंने तुरंत अपनी बोतल निकाली और उसमे भी 2 वियाग्रा मिला के रख दी. अब मेरे पास 2 बोतल थी वियाग्रा वाली. मैंने ऐसा इसलिए किया की माँ को घर का पानी पीना अच्छा लगता है. मैं माँ को आवाज़ देकर चला गया खाना लाने. Maa ki chudai sex story hindi
30 मिनट बाद सिगरेट वगैरा पिके आया नाश्ता लेकर. तब तक वो नहा कर रेडी थी.
माँ: आ गया बेटा? जा जल्दी नहा ले, मुझे भूख लगी है. फिर मार्किट भी जाना है गिफ्ट लेने.
मैं: हां माँ बस यु गया और यु आया.
मैं तुरंत नहा कर रेडी होकर आ गया. माँ चुपके से मेरे बदन को देख रही थी. मैंने नोटिस किया तो माँ ने शर्मा के आँख चुरा ली. मैं समझ गया की वियाग्रा की चिंगारी से और कल रात की मेरे हरकत से बरसो की आग सुलगने लगी थी. फिर मैं पलटा और बोला-
मैं: चलो माँ खाना खाते है.
फिर हमने नाश्ता किया. माँ को वही वियाग्रा वाला पानी पिलाया और मैंने वही होटल का पानी पिया.
फिर माँ बोली- माँ: चल आ चले शॉपिंग पर, 11 बज चुके है, शाम को भाई के घर भी जाना है, जल्दी जायेंगे तो घर आ कर थोड़ा आराम करके फिर शाम को पार्टी में जायेंगे.
मैं: ठीक है चलो फिर नीचे स्कूटी रेंट पर लेते है और शाम के लिए एक स्कूटी बुक कर देंगे.
माँ: हां ठीक है चलो.
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फिर हम नीचे गए और स्कूटी लेकर निकले. और माँ हल्का चिपक पर बैठी थी. जब मैं ब्रेक मारता तो उनके संतरे मेरी पीठ पर चिपकते और मुझे बहुत मज़ा आता. शायद माँ को भी इसमें मज़ा आ रहा था. फिर हम रिलायंस ट्रेंड मॉल पहुंचे. वहाँ हमने शॉपिंग की. माँ ने अपने कुछ अंडरगार्मेंट्स लिए और मैंने एक टी-शर्ट ली. पर मेरी नज़र लेडीज कार्नर में लगी एक सेक्सी नाइटी पर गयी. बहुत ही हॉट ड्रेस थी वो. मैंने माँ को उस ड्रेस में इमेजिन किया जिससे मेरा लंड खड़ा हो गया. फिर हम वहाँ से होटल के लिए निकले पर बीच में रुक कर कुछ खा लिया रेस्टोरेंट में. उसके बाद हम होटल पहुंचे और मैंने अपने कपडे खोले और चड्डी उतार के तुरंत शार्ट पैंट में लेट गया. मैं ऊपर से पूरा न्यूड था बस नीचे शॉर्ट्स थी. माँ वाशरूम से आयी और मुझे देखि तो उसका चेहरा लाल पपड़ गया. Maa ki chudai sex story hindi
फिर माँ रात में जो पहन के जाना है लेकर जाना है सब साइड में टेबल पर रखी और अलार्म लगा के सो गयी. पर आप सभी को तो पता है की जब जिस्म की प्यास लगती है तो वो प्यास जिस्म की गर्मी से ही मिटती है. और मुझे तो इस प्यास के कारण नींद तो आने से रही थी. फिर भी मैं कोशिश करता रहा और लास्ट में माँ की कमर पर हाथ लगा के सो गया.
आगे की कहानी जल्द ही आप सब को मिलेगी. आगे की कहानी के लिए थोड़ा इंतज़ार करिए। कहानी पसंद आई हो तो कमेंट ज़रूर करिएगा।
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