bahu sasur ki rakhel bani:- हेलो दोस्तों मेरा नाम फातिमा खान है। मै merisexstory पर सेक्स स्टोरीस पढ़ती हु काफी टाइम से। दूसरों की कहानियाँ पढ़कर मुझे भी लगा कि मै भी अपनी कहानी आप लोगो के साथ शेयर करूँ। तो चलिये मै अपनी स्टोरी शुरू करती हूँ।
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मेरे हस्बैंड USA मे जॉब करते हैं.. उन का आना साल मे एक बार ही होता है.. मैं यहाँ अपने सुसराल मे अपने ससुर और देवर के साथ रहती हूँ.. मेरा एक साल का बच्चा भी है लेकिन बच्चे के होने के बाद भी मेरे जिस्म पे कुछ ज़यादा असर नहीं पड़ा.. और मै आज भी उतनी ही सेक्सी दिखती हूँ जितनी कि मै शादी से पहले थी। बल्कि अब तो और भी ज्यादा सेक्सी दिखती हूँ। मेरे ससुर जी की बीवी यानि मेरी सास की डेथ हुए क़रीब 20 साल हो चुके हैं… जिस की वजह से आज भी उन मे बड़ी गर्मी है…
कहानी कुछ ऐसे शुरू हुई कि एक दिन मैं नहा रही थी तो बाहर मेरे बच्चे के रोने की आवाज़ आयी… मेरे रूम मैं कोई नहीं आता, इसलिए मैं बिना कुछ पहने ही बाहर आ गयी.. बाहर जो निकली तो मेरे ससुर जी मेरे बच्चे को चुप करवाने की कोशिश कर रहे थे… उन की नज़र जैसे ही मेरे बदन पर पड़ी तो उनकी आँखें बड़ी हो गयी और वह एकटक मुझे देखने लगे। मैं जल्दी से बाथरूम मे भाग आयी और अपने कपड़े पहन कर वापिस आयी तो वह रूम से जा चुके थे.. मैंने अपने बच्चे को चुप करवाया और सुलाने लगी… मन ही मन मैं बहुत शर्मिंदा हो रही थी कि ससुर जी मेरे बारे मे क्या सोच रहे होंगे। जब रात को मै उन को खाना देने गयी तो मुझे उन की नज़रें खुद को घोरते हुए दिखी।
वह मुझे कहने लगे कि बहु मेरे पास बैठो…
मैं उनके पास बेड पे बैठ गयी तो वह कहने लगे जो कुछ आज हुआ वह अचानक हुआ तुम्हें मुझ से घबराने की कोई बात नहीं है… मैं तुम्हारे बाप जैसा हूँ मुझ से क्या पर्दा… और मेरे गाल पर हाथ फेरने लगे… और फिर उन्होंने मुझे किस करना चाहा लेकिन मैं थोड़ा दूर हो गयी… वह कहने लगे इतना क्यों घबराती हो मुझसे…
मैंने कहा आप बड़े हैं न मुझ से…
तो कहने लगे क्या हुआ मैं अपनी बच्ची को प्यार भी नहीं कर सकता…
मैं उनकी बातें सुन कर अपने रूम मे आ कर लेट गयी…रात को जब मेरी आँख खुली तो मुझे लगा कोई मेरे साथ है.. मैंने आंखें खोली तो हैरान ही रह गयी.. मेरे ससुर जी मेरे पास लेटे हुए थे और मेरी चूचियो पे हाथ फेर रहे थे…
मैं घबरा कर उठ बैठी और कहा के ये आप क्या कर रहे हैं… तो कहने लगे के अपनी बच्ची को प्यार कर रहा था…
मैंने कहा ये कौन सा वक़्त है प्यार करने का और किस जगह पर प्यार कर रहे थे?
वह कहने लगे “जब से तेरी सास मरी है किसी को प्यार ही नहीं किया… आज तुझे बिना कपड़ो के देखा तो खुद को रोक नहीं पाया”.
मैं बेड से उठ गयी और कहा “आप को शर्म नहीं आती? अपनी बहु से ऐसे कहते हुए”
तो वह कहने लगे “शर्म आती है मगर क्या करूँ इस जिस्म को सुकून ही नहीं मिलता.. इस की आग का क्या करूँ? और तेरा जिस्म देख कर तो ये आग बुझ ही नहीं रही… मेरे बच्ची मुझे माफ़ कर देना मगर आज तू मुँह पे रहम कर और सिर्फ अपने साथ सोने दे मैं कुछ नहीं करूँगा”
मैंने कहा “आप मेहरबानी कर के चले जाएं किसी ने देख लिया तो क्या कहूँगी”
तो वह कहने लगे “कौन देखेगा हमें इस घर मे है ही कौन? तेरा देवर आज घर नहीं आयेगा”
मैंने कहा मैं ऐसा नहीं कर सकती
तो वह कहने लगे “तेरा खसम यहाँ नहीं है और मेरी बीवी मर चुकी है अगर हम एक दुसरे का साथ दें तो ये वक़्त आसानी से गुज़र जायेगा”
मैं दूसरी तरफ मुंह करके खड़ी हो गयी और कहा “आप यहाँ से चले जाएँ वरना मैं उमर (मेरे हस्बेंड) को सब बता दूँगी”
ये कह कर वह उठ खड़े हुए और दरवाज़े की तरफ जाने लगे… मैं मुंह दूसरी तरफ करके खड़ी हो गयी. फिर ससुर जी ने मुझे पीछे से पकड़ लिया.. और मुझे दीवार के साथ लगा दिए… मैं खुद को छुड़ाने लगी लेकिन उन्होंने इतनी ज़ोर से पकड़ रखा था कि मैं कुछ न कर सकी… उन्होंने मुझे किश करना शुरू कर दिया और मैं खुद को छुड़ाने लगी… थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि मेरी गांड पे कुछ लग रहा है तो पता चला कि उनका लंड खड़ा हो गया है और वह उसे मेरी गांड से मसल रहे थे… वह अपनी और मेरी शलवार से ही अपने लंड को मेरी गांड मे घुसाने लगे और साथ साथ मेरी गर्दन पे किस करने लगे… मुझे लगा ये हरामी बूढ़ा आज मेरी ले कर ही रहे गा…
मुझे भी थोड़ा मज़ा आने लगा मगर मैंने कहा “मैं आप की बेटी की तरह हूँ मुझे छोड़ दो”
तो वह कहने लगे “तेरी जगह आज मेरी बेटी भी होती न तो वह भी चुद रही होती”
ये सुन कर मुझे बड़ा अच्छा लगा मगर मैंने कहा “जा के अपनी बेटी को चोदो और मुझे छोड़ दो”
वह कहने लगे “तू भी तो मेरी बेटी ही है न… मैं तुझे बेटी ही मानता था मगर आज ये रिश्ता मैं ख़तम कर देना चाहता हूँ… मैं बेटी चोद हूँ”
और मेरे गलों पे किश किया और फिर मेरे कानों को अपने मुंह मे लेकर चूसने लगे। मैं भी ढीली पड़ गयी और मुझे मज़ा आने लगा फिर उन्होंने मेरा मुंह अपनी तरफ मोड कर जल्दी से फिर मुझे पकड़ कर दीवार के साथ लगा लिया और किस करना शुरू कर दिए. मैं भी मस्त होने लगी आखिर इतने दिन से चुदवाया जो नहीं था… फिर उन्होंने मेरे गालों पे किस करना शुरू किया और फिर होंठों पे आ के किश करने लगे। मेरा मुंह भी न चाहते हुए खुल गया और वह मेरी ज़ुबान को अपने मुंह मे लेकर चूसने लगे.. मुझे अंदाज़ा हो गया था कि ये बूढ़ा बड़ा हरामी है और इसने मज़ा करवा देना है… मैं भी उन का साथ देने लगी उन्होंने मेरी तरफ देखा और हंस कर मेरे होंटो पर किश किया और कहा
“तू यही समझ ले के मैं ही तेरा यार हूँ जिस से तू चुदवाना चाहती है”.
फिर उन्हों ने धीरे धीरे हाथ मेरे जिस्म पे फिराना चालू किया और फिर मेरे मम्मो को पकड़ लिया और दबाने लगे.. मुझे अजीब सा एहसास हो रहा था मज़े का और शर्म का.. मेरी समझ मे नहीं आ रहा था के मैं क्या करूँ? मैंने सोचा कि जब होना ही है तो क्यों न इसे एन्जॉय किया जाये वरना उस बूढ़े से चुदवाना अजीब ही था… मेरी जवानी को कोई लूटेगा और वो भी मेरा बूढ़ा ससुर ये मैंने कभी नहीं सोचा था.. वह मेरे मम्मो को दबा रहे थे और साथ साथ किश भी कर रहे थे मुझे मज़े का एहसास हो रहा था। फिर उन्होंने ज़ोर से जो मम्मा दबाया तो मेरी आह निकल गयी। तो उन्होंने मुस्करा क मेरी तरफ देखा और मुझे पकड़ के सोफे पे गिरा दिया और खुद मेरे ऊपर लेट गए और किश करना शुरू कर दिए… अब मेरे हाथ भी उनके पीछे जा रहे थे मैंने उन्हें पकड़ लिया..वह समझ गए कि लड़की अब राज़ी हो गयी है..
उन्होंने मेरे जिस्म पे हाथ फेरना शुरू किया और आहिस्ता आहिस्ता मेरी जांघों तक आ गए और उसे सहलाने लगे… मैंने आंखें बंद कर ली और मज़ा लेना लगी उन्होंने मेरी इनर थाइस पे हाथ फेरना शुरू कर दिए और फिर कपड़ों पर ही से मेरे मम्मो को अपने मुंह मे ले लिए…
फिर कहने लगे “बेटी ज़रा ऊपर तो हो जाओ”
मैं ऊपर हुई तो उन्होंने पीछे हाथ डाल के मेरी कमीज की ज़िप खोल दी और पीछे हाथ फेरने लगे… फिर धीरे धीरे मेरी कमीज को उतारने लगे… मैं भी एन्जॉय कर रही थी इसलिए उनके रास्ते की रुकावट नहीं बनी और उन्होंने मेरी कमीज उतार दी अब मैं सिर्फ ब्रा मे और शलवार मे थी… उन्होंने मेरे ब्रा को ऊपर उठाया और मेरे मम्मे को बाहर निकाल के उसे मुंह मे ले के चूसने लगे…
मैंने कहा “अब चूसना ही है तो इस ब्रा को भी उतार दो”
वह हंस पड़े और कहा “एक ही झटके मे सारे कपड़े उतार सकता तो अब तक नंगी हो चुकी होती… चल अपनी ब्रा खोल दे” मैंने ब्रा उतार दी और उन्होंने ब्रा को उठा के अपने हाथ मे लिया और उसे चूमने लगे… मुझे बड़ा अच्छा लगा ये देख के..
फिर मैंने कहा “उस को छोड़ो वह कपड़ा है… तुम्हारे सामने तो जीते जागते मम्मे हैं.. इन को अपना प्यार दो”
मेरा ये कहना था के उन्हों ने मेरे मम्मे को अपने मुंह मे ले लिया और चूसना शुरू कर दिए। दुसरे मम्मे को अपने हाथ से दबाने लगे… मेरी सिसकारिया निकलना शुरू हो गयी… आआह्ह्ह्ह… आआह्ह्ह्ह… आईईए… आआह्ह्ह… और मैं अपने हाथों को उनके सर पे फेरने लगी। उन्होंने दूसरा हाथ मेरी शलवार मे डाल के मेरी चूत पे रख दिया… मै मज़े मे आसमान मे उड़ने लगी, फिर उन्हों ने अपनी ऊँगली मेरी चूत मे डालने की कोशिश की जो कि सही तरह नहीं जा रही थी क्योंकि मेरी टाँगे जुड़ी हुई थे.. उन्होंने मेरी शलवार उतार दी और मैंने नीचे पैंटी नहीं पहनी हुई थी… अब मैं बिलकुल ही नंगी उनके सामने थी… वह खड़े हो के मुझे देखने लगे…
मैंने कहा “क्या कभी नंगी औरत नहीं देखि क्या”
तो वह कहने लगे “देखि तो है मगर इतनी प्यारी औरत नहीं देखि… सच मे तू बहुत कमाल चीज़ है… मेरी किस्मत है कि मुझ जैसा कुत्ता तेरे मक्खन जैसे जिस्म को खाये गा”
मैंने एक चोट की, कि “ऐसा जिस्म आप की बेटी का होता तो क्या करते आप?”
ये सुनके उन्हों ने कहा “करना क्या था उस को भी चोद डालता.. साला ये जिस्म की भूख सब कुछ भुला देती है…”
ये कह कर उन्होंने अपनी कमीज उतार के फेंक दी और मेरे पास आ के खड़े हो गए और कहने लगे “चल जल्दी से नाड़ा खोल दे… मेरा लंड कब से बेक़रार हो रहा है तुझे देखने को”
ये कह के उन्होंने मेरे हाथ पकड़ के अपने लंड पे रख दिया… उनका लंड किसी रोड की तरह सख्त था.. मैंने सोचा इस उम्र मे भी ये हाल है जाने क्या खाते होगे… मैंने उन का नाड़ा खोल दिया और उनकी शलवार नीचे गिर गयी और उन का मोटा खड़ा हुआ लंड मेरे सामने था… उन का लंड करीब 8 इंच लम्बा और बहुत मोटा था.. ऐसा लंड देख कर मेरी चूत मे कुछ होने लगा… वो मेरे साथ आ के बैठ गए और मेरे हाथ को अपने लंड पे रख के कहा
“अब ये तुम्हारा हो चुका है बेटी.. अपने सुसर के लंड से ऐसे खेल जैसे बचपन मे अपनी गुड़िया से खेला करती थी”.
मैं ये सुन के मस्त हो गयी और उन का लंड पकड़ लिया.. उनका लंड बहुत गरम हो रहा था जैसे अभी इसमे से कोई गरम चीज़ निकल के मेरा हाथ जला दे गी… मेरा मुंह सुर्ख हो रहा था.. मैंने उनकी मुठ मारनी शुरू कर दी (मुठ का मुझे मेरे हस्बैंड ने बताया था और अक्सर मुझ से मुठ मरवाया करते थे और मैं भी उन का लंड हर वक़्त अपने हाथ मैं रखती थी). उन्हों मेरे मम्मो पे किस करना शुरू कर दिया और फिर मेरे निप्पल को मुंह मे लेके चूसने लगे.. मेरे मुंह से आवाज़ें निकलने लगी…
आआह आअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ohhhhhhhhhhh आआआआहहह. – चूसो इसे… अपनी बहु के दूध को पी लो ससुर जी…. मेरा दूध आज आप ने ख़तम करना है…. आआआआह aaaaaaaaaaaahhhh. –
और उधर मेरे मुठ मारने की रफ़्तार बढ़ रही थी… फिर उन्हों ने मुझे छोड़ा और खड़े हो गए और अपने लंड को मेरे मुंह के पास ले आए और कहा “लो इस को अपने मुंह की गर्मी से पिंघला दो”
मैंने कहा मैं नहीं चूस सकती… तो
उन्होंने कहा “उमर के लंड मैं क्या है जो मेरे में नहीं है…. वह तो साली तू मुंह से निकालना ही भूल जाती है”
उन्होंने मेरी गर्दन पकड़ ली मैंने चीखने के लिए मुंह खोला तो उन्होंने अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया… और मेरा सर पाकर के लंड अंदर डालने की कोशिश करने लगे…मरती क्या ना करती, मैंने उनका लंड चूसना शुरू कर दिया… उन्हों मेरा सर पकड़ रखा था और मेरा मुंह चोद रहे थे और मैंने अपने दोनों हाथ उन की बट पे रखे हुए थे… वह पूरे मज़े मे थे….
कहने लगे “शाबाश मेरी बच्ची आज तूने मुझे खुश कर दिया है… तेरी जैसी बहु हर किसी को मिलनी चाहिए”
मैं उन का लंड मुंह से निकालके अपनी ज़ुबान उस पे फेरने लगी… फिर मैंने उन्हें सोफे पे बिठा दिया और खुद घुटनो पे बैठ गयी और उनके लंड को पकड़ कर… उस पे ज़ुबान फेरने लगी… फिर मैंने उनके टट्टों को मुंह मे ले के चूसना शुरू कर दिया… वह आआआआह आआआआह करने लगे… फिर मैंने उनके लंड की टोपी मुंह मे ली और उनका लंड चूसने लगी… मज़े का लंड था उनका मैं आधा मुंह मे ले गयी थी और बड़े जोश से लंड चूसने लगी। थोड़ी देर बाद उन्होंने अपने पाँव मेरी कमर पे रख दिए और मैं समझ गयी के अब वह छूटने वाले हैं.. मैं मुंह हटाने ही लगी थी कि वह छूट गए और उन की थोड़ी सी मनी मेरे मुंह मे गिर गयी… मैंने मुंह हटा लिया…
तो वह कहने लगे “बेटा इतनी मेहनत की है तो जूस क्यों छोड़ दिया इसे भी पी लो…
मैंने कहा कि मुझे ये अच्छा नहीं लगता..
उनकी मनी के ड्रॉप्स मेरे ऊपर गिर रहे थे और वह ढीले होके गिर गए। मैं बाथ रूम गयी और वहां जाके अपना जिस्म साफ़ किया और उसी टॉवल से ला के उनका लंड और बाक़ी हिस्सों को साफ़ किया… और फिर उन के साथ जा के बैठ गयी और उन के सीने पे हाथ फेरने लगी…
उन्होंने कहा “तुम तो बड़ा अच्छा लंड चूसती हो तेरी सास तो इसे मुंह मे ही नहीं लेती थी”
अब मैं चाहती थी की वह मेरी आग बुझाये… मैं अपनी चूत मे उँगलियाँ चलाने लगी.. उन्हों मुझे देखा तो मेरा हाथ रोक लिया और अपने मुंह को मेरी चूत पे ले जा के किश किया… और कहने लगे “जब मैं हूँ तो फिर चूत मे खुद उँगलियाँ क्यों करती हो… मैं जानता हूँ अभी तेरी आग ठंडी नहीं हुई है”
ये कह के उन्होंने मेरी चूत पे अपनी जुबान फेरनी शुरू कर दी… मैं उनसे ये उम्मीद नहीं रखती थी लेकिन जब उन्हों ने चूत को चूसना शुरू क्या तो मैं मरने वाली हो गयी… मेरे मुंह से आवाज़ें निकलना शुरू हो गयी…
आआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआआह ohhhhhhhhhh मैं मेर गयी…आआआआह अह्ह्ह्हह्हह आप बहुत अच्छे हो….. aaaaaaaaaahhhhhhh ओह्ह्ह्हह्हह…
उन्होंने अपनी स्पीड बढ़ा दी… और ज़ोर ज़ोर से ज़ुबान चालानी शुरू कर दी – मेरी आवाज़ें भी ज़यादा हो गयी…
आआआआआह ohhhhhhhhhhh aaaaaaaaaaah कोई 5 मिनट तक वह मेरी चूत को चाट ते रहे और फिर मैं भी छूटने वाली हो गयी… मैंने कहा… हैं रुकना नहीइइइइइइ मैं छु….टने वाली हूँओओओओओओओओ. – आआआआआह और साथ ही मैं छूट गयी और अपने सारे को उनके मुंह पे फेंक दिया…
उन्होंने वह अपने हाथ से मुंह पे मल लिया… मैं लेट गयी और मेरा रस निकलता रहा फिर टॉवल ले कर मेरे ससुर जी ने अपना मुंह साफ़ क्या और मेरी चूत भी साफ़ की… मैं उन की तरफ देखने लगी… मुझे उन से ठुकवाने मे मज़ा आ रहा था…
थोड़ी देर हम यूँ ही लेटे रहे फिर उन्होंने कहा “अब चोदने के लिए तैयार कर दे मुझे” यानि के मेरा लंड खड़ा कर दे… और उन्हों ने फिर मुझे किश करना शुरू कर दिया मैंने उनका लंड पकड़ के उसे सहलाना शुरू कर दिया… फिर मैने उनका लंड मुंह मे लेके चूसना शुरू कर दिया.. उनका लंड सख्त होने लगा था फिर थोड़ी सी देर मे वह टैंक जवान सा खड़ा हो गया… उन्होने लंड मेरे मुंह से निकाल लिया और मुझे ला के बेड पे लिटा दिया…
और कहा “मेरा सिपाही अब तेरी चूत पे अटैक करने के लिए तैयार है खुद को संभाल लेना”
मैंने कहा “आप अपने सिपाही को भेजो तो सही फिर में देखती हूँ के इस का क्या करना है”
ये कहना था के उन्हों ने मेरे नीचे एक तकिया(पिलो) रखा और अपने लंड को मेरी चूत पे रख के झटका दिया ज़ोर का और आधा लंड मेरी चूत मे उतर गया – मेरी चीख निकल गयी…
मैंने कहा “चोदना है तो प्यार से चोदो मैं क्या कहीं भागी जा रही हूँ… अपनी बहु को मार डालो गे क्या… गश्ती समझ रखा है किया”…वह कहने लगे
“बेटी मेरा लंड बेकरार था इस चूत मे जाने को… अब मैं अपनी बेटी को प्यार से चोदूँगा”
ये कह के उन्हों ने आहिस्ता आहिस्ता लंड निकाल के अंदर करना शुरू कर दिया और फिर जब पूरा लंड अंदर चल गया तो उन्हों ने घस्सा मरना शुरू कर दिया… मुझे मज़ा आने लगा और मैं भी अपनी चूत उठा उठा के उनका साथ देने लगी… फिर उन्हों ने अपनी स्पीड थोड़ी बढ़ा दी… मैं तो मरने वाली हो गयी… मेरे मुंह से मस्ती भरी आवाज़ें निकाल रही थी.
aaaaaaaaaaah aaaaaaaaaaah ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह – फ़क में….. ज़ोर से चोदो मुझे…. हा हाँ मैं गश्ती हूँ… मुझे चोदो….
मेरी ये बातें सुनके वह भी मस्त हो गए और मुझे ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे और कहने लगे
“मेरी बेटी तू मेरी जान है… तू बहुत गरम है… आज मुझे अपनी सारी गर्मी दे दे… मैं तुझे सारी उम्र चोदना चाहता हूँ…”
मैं भी मज़े मे आ चुकी ही और साथ साथ बकवास भी किये जा रही थी …aaaaaaaaaahhh आआआह्ह्ह्ह देखो कॉलोनी वालों मेरा ससुर मुझे चोद रहा है… अपनी बेटी जैसी बहु की चूत मे लंड डाल के पड़ा हुआ है…. अपनी बहु की चुदाई कर रहा है… कुत्ते मेरे शौहर(हस्बैंड) के न होने का फ़ायदा उठा रहा है…. आआआह आआआआआह. शाबाश ससुर जी आज अपनी बहु का हाल ख़राब कर दो… मैं इतने दिनों से प्यासी हूँ मेरी प्यासी चूत की आग बुझा दो… मुझे जी भर के चोद….
फिर वह भी ज़ोर लगाने लगे आह आआआआह “जा रहा है न लंड मेरा… बेटी आज अपने ससुर के लंड का मज़ा ले ले… सारी उम्र ऐसा लंड नहीं मिलेगा… बूढ़ा हूँ लेकिन लंड अभी भी जवान है मेरा”
मैं भी मस्त हो चुकी थी मैं भी उन का साथ देने लगी… फिर मैं छूटने वाली हो गयी और कहा “मैं छूटने वाली हूँ रुक न जाना” और वह भी छूटने वाले थे फिर वह छूट गए और साथ मे भी छूटने वाली हो गयी उन्हों ने घस्सा जारी रखा और मैं भी छूट गयी… वह मेरे ऊपर ही लेट गए… और मैंने भी अपनी बाँहों से उन की कमर को पकड़ लिया.. थोड़ी देर हम यूँही पड़े रहे और हमारी चूत और लंड से माल निकलता रहा… बेड गीला हो चुका था… फिर हम दोनों ने एक दुसरे को एक लम्बी से फ्रेंच किश की…
वह कहने लगे “तू मुझे पहले क्यों नहीं मिली मैं तो अब तक इस चीज़ से महरूम था… तू अब मुझ से चुदवाया कर मैं तुझे खुश कर दूँगा”..
मैंने कहा “आप की उम्र से तो नहीं लगाता के लंड में इतना दम होगा… आज तो अपने मुझे चोदके अपना बना लिया है… अब मेरी प्यासी चूत प्यासी नहीं रहेगी”
ये कह के हम ने एक दुसरे को गले लगाया… और फिर नहाने चले गए… नहाते हुए उन्होंने एक बार फिर मेरी चूत मारी… और फिर मैंने उनसे कहा कि मैं अभी और चुदना चाहती हूँ…
उन्हों ने कहा के क्यों नहीं जब तक तेरा दिल नहीं भर जाता तू चुदवाती रह… हमने घंटे बाद फिर एक मस्त चुदाई की और फिर मैंने उनको दूध मैं शहद (हनी) मिला के पिलाया ताकि ये फिर भी चोदने के क़ाबिल हो सके… सुबह उठते ही मैंने एक बार उनसे फिर चुदवाया… और फिर ब्रेकफास्ट की तैयारी मे लग गयी और मेरा बेटा भी तो उठ गया था… इसके बाद उन्हों ने रोज़ मुझे चोदना शुरू कर दिया…. फिर मैने अपने देवर से भी चुदवाया और दोनों बाप बेटा ने मिल के भी मुझे चोदा।
तो दोस्तों आपकी मेरी कहानी कैसी लगी कमेंट मे ज़रूर बताना।
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