आखिर बहू चुद ही गयी! भाग – 1

Bahu chudi sasur se hindi sex story:- हेलो दोस्तों मेरा नाम सोनिका है और मै हाजिर हूं आपके लिए एक नई स्टोरी लेके. तो दोस्तों पढ़िये इस स्टोरी को स्टोरी के हीरो से।

Bahu chudi sasur se hindi sex story

हेलो दोस्तों, मेरा नाम किशोरीलाल है. मेरी उम्र 56 साल है. मै लखनऊ का रहने वाला हूं. ये कहानी मेरी बहू की चुदाई की है. मेरी बहू की चुदाई में एक औरत ने मेरी मदद की.

Bahu chudi sasur se hindi sex story

मेरा हँसता खेलता परिवार है. मेरा बेटा जिसकी मोबाइल की शॉप है. मेरी बहू कोमल जो हाउसवाइफ है. और मेरा पोता जो अभी 3 साल का है. बीवी के देहांत के बाद मेरे पास सिर्फ हाथ और रंडियो का सहारा था. जिससे में आपने लंड को शांत रखता हूं. मेरा मन हमेशा चुदाई करने का होता है. इसीलिए मुझे कोई भी औरत मिल जाये. में उसे चोद देता हूं. जब मै सुबह घूमने जाता हूं. तब मुझे हमेशा कूड़ा उठाने वाली मिल जाती है. सच कहूं तो उनकी जवानी भी उनके कपड़ो में नहीं समा पाती है. मै उससे बात कर लेता. और वो भी अपना पेटीकोट कही भी उठा लेती है. 100 रुपया में मेरा पानी निकाल देती है.

मेरी बहू कोमल की जवानी भी कम नहीं है. जब वो शादी करके आयी थी. तब ठीक ठाक थी. मगर कहते है न की शादी के बाद लंड का पानी मिलने से औरत का यौवन निखर जाता है. मेरी बहू की जवानी में भी निखार आ गया था. और जब मेरा पोता पैदा हुआ. तब तो जैसे मेरी बहू जन्नत की अप्सरा बन गयी. उसके मोटे मोटे दूध मेरा धयान हमेशा उसकी तरफ खींच लेते थे. और तो और मेरी बहू की गांड भी अब काफी निकल आयी थी. अगर एक लाइन में कहूं तो मेरी बहू एक दम मस्त माल बन गयी थी. कई बार मै अपनी बहू के नाम की मुठ मारता था. मेरी बहू का फिगर 34-32-38 है. मै हमेशा उसे घूरता रहता था. और वो भी ये बात जानती है. मगर इससे आगे मै कभी बढ़ नहीं पाया. क्युकी मुझे डर था कही वो बुरा न मान जाये.

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मेरी बहू हमेशा मांग में सिंदूर, गले में मंगलसूत्र, बड़े गले वाला ब्लाउज और साड़ी जो वो हमेशा अपनी नाभि से नीचे पहनती है. मेरे सामने आते ही वो पल्लू सर पर रखती है. मगर चेहरा नहीं छुपाती है. जब भी बहू मेरे सामने आती. तब मुझे उसकी गहरी नाभि के दर्शन हो जाते है. कमर में पड़ रहे बल मेरी बहू को और भी हसींन बना देते है. मगर कहते है न की जिस चूत पर तुम्हारा नाम लिखा हो. वो तुम्हे जरूर मिलती है. मेरे घर भी एक फरिश्ता आया. जिसने मेरा सपना सच कर दिया. उस फ़रिश्ते का नाम सोनम है. सोनम हमारी पडोसन है. दिखने में बिलकुल मासूम सा चेहरा मगर मुझे वो चालू टाइप की लगती थी. उसका फिगर भी काफी अच्छा है. सोनम एक मॉडर्न औरत है. 2 बच्चे होने के बाद भी वो काफी अच्छी दिखती है. सोनम बड़ी हसमुख है. सबसे बहुत प्यार से बाते करती थी.

उसका हमारा घर आना जाना लगा रहता है. वो हम सब से घुल मिल गयी थी. मेरी बहू ने मुझे अभी तक जवान बनाये रखा है. मै सोनम को भी घूरता रहता था. रोज शाम को छत पर जाता. और जब सोनम अपनी छत पर आती. तब मै उसे अपनी नज़रो से नंगा करके देखता था. सोनम को रहते हुए अभी कुछ ही साल हुए है. मेरी बहू रोज उसके साथ टाइम बिताती थी. और मेरा पोता सोनम के बच्चो के साथ खेलता रहता था. जब भी सोनम मुझे नमस्ते करती. उसकी आवाज और उसका वो जिस्म देखकर मै पागल हो जाता. मगर जिस तरह से वो देखती है. मुझे उसके अंदर एक काम वासना से भरी औरत ही दिखाई देती थी. कई बार जब सोनम मुझे नमस्ते करती है. तब मैं उसकी नंगी पीठ को भी सेहला देता था. मगर वो एक स्माइल के साथ उसका जवाब देती थी. मुझे डर भी लगता था. और मज़ा भी आता था. मै मेरी बहू और सोनम पर नज़र रखता था. मै जानता था ये दोनों चुदाई की बाते जरूर करती होगी. और यही से मुझे पहली सफलता हाथ लग गयी.

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मेरी बहू रोज दोपहर को उसके साथ आपने कमरे में बाते करती थी. जब मै बाहर हॉल में बैठ के टीवी देखता था. तभी सोनम मुझे नमस्ते करके. मेरी बहू के कमरे में चली जाती थी. और मै भी कई बार उसके पीछे पीछे जाता था. कई दिन बाते सुनने पर भी कुछ नहीं मिला. मगर एक दिन मेरी किस्मत ने साथ दिया. सोनम मुझे नमस्ते करके बहू के कमरे में चली गयी. मै भी उसके पीछे चला गया. और बहू के कमरे के दरवाजे पर कान लगा के सुनने लगा. वो दोनों अंदर बाते कर रहे थे. आवाज बहुत हलकी हलकी आ रही थी. पहले तो नार्मल बाते हुई. फिर वो दोनों सेक्स की बाते करने लगे.

बहू – भाभी वैसे आज कल लड़के अपनी गली के चक्कर बहुत लगाते है. लगता है आपका जादू उन पर चलने लगा है. और कई तो आपको बहुत लाइन मारते है.

सोनम – अरे कोमल यही तो उम्र है बन ठन के रहने की. अगर बन ठन के न रहो. तो आपने ही पति मुँह उठा के भी नहीं देखते है.

मेरी बहू का कहना ठीक था. गली में कई लड़के बाइक से चक्कर लगाते थे.

सोनम – वैसे लड़को का तो काम ही है. लाइन मारना और हमारा काम है उन्हें तड़पाना. वैसे तू बता कल भाई साहब के घोड़े की सवारी करि या नहीं.

बहू – अरे कहा भाभी रोज रोज कहा सेक्स होता है. हफ्ते में 2 बार ही करते है. और ज्यादा मूड हो गया तो 3 बार मगर इससे ज्यादा नहीं होता है. वैसे आपके भी ऐसी ही है. या वो थोड़े अलग है.

बहू के मुँह से ऐसे शब्द सुनके एक अलग ही मज़ा आ रहा था. मेरी समझ में आ रहा था की मेरी बहू चुदाई में कम नहीं है.

सोनम – मेरा हाल भी तेरे जैसा ही है. ये मर्द जात के लिए, घर की मुर्गी दाल बराबर होती है. बाहर के लड़के हमें चोदने के लिए मरे जाते है. और हमारे पति का मन ही नहीं करता है.

बहू – सच कह रही हो भाभी. और बच्चे होने के बाद तो बहुत ही कम चुदाई करते है. वैसे क्या आप भी ऊँगली करके अपना काम चलाती हो.

सोनम – हाँ पहले ऊँगली से काम चलाती थी. मगर अब बैगन से काम चलाती हूं. लम्बा भी होता है. और मोटा भी होता है. काम निकलने के बाद उसी की सब्जी आपने पति को खिला देती हूं.

बहू – हाहाहा सच में भाभी. आप ऐसा करती हो. तभी मै कहूं भाभी इतने बैगन क्यों लेती है? अब समझ में आया भाभी अपनी चूत को ठंडा उसी से करती है.

सोनम – वैसे तू भी कभी ट्राई करके देखना. बहुत मज़ा आता है. ऐसा लगता है जैसे कोई मोटा लंड हमारी चुदाई कर रहा हो.

बहू – नहीं भाभी मैंने कभी नहीं किया. मगर हाँ मै अपनी ऊँगली से काम चला लेती हूं.

सोनम – चल अब मै चलती हूं. तुझसे खुल के बाते कर लेती हूं. तो मेरी चूत गीली हो जाती है.

बहू – तो भाभी अभी जा के बैगन डालने वाली हो.

सोनम – हाँ कोमल बिना डाले चैन नहीं मिलेगा. वैसे तू भी करके देखना मज़ा आएगा.

बहू – भाभी पहले उसके लिए बैगन लाना पड़ेगा.

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सोनम जैसे ही निकलने वाली थी. मै वहाँ से हट गया. अपनी बहू और सोनम की बाते सुनके मेरा लंड खड़ा हो गया. मै बाहर आके टीवी देखने लगा. जब सोनम बाहर आयी, मै उसे देखकर अपना लंड सहलाने लगा. मेरा लंड पाजामे में खड़ा साफ़ दिख रहा था. और सोनम ने मुझे लंड सहलाते हुए देखा. और हलकी सी मुस्कान के साथ चली गयी. मै आपने कमरे में चला गया. और दोपहर के खाने के बाद सो गया. और शाम को बहू और सोनम बाहर खड़ी सब्जी ले रहे थे. तभी मैंने देखा इन दोनों में इशारे बाज़ी चल रही थी. सोनम सब्जी वाले के ठेले से लम्बे लम्बे बैगन उठा के बहू को दिखा रही थी. मेरी बहू और सोनम हंस रहे थे. मगर मेरी बहू ने भी बैगन ले लिए .बहू अंदर आ गयी.

रात को बेटा भी आ गया. रात का खाना खाने के बाद मै छत पर चला गया. और सोचने लगा क्या मेरी बहू भी अपनी चूत में बैगन लेने वाली है. बहू का नाम दिमाग में आते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. तभी सोनम भी अपनी छत पर आ गयी. और मुझे देखते ही मेरे पास आ गयी.

सोनम – अरे अंकल जी हो गया आपका खाना.

मै – हाँ बेटा जी बस खाना खाके थोड़ी देर घूम लेता हूं. तो खाना हजम हो जाता है. फिर सुबह घूमने जाना होता है.

सोनम – सही कहा अंकल जी. घूमने से सेहत ठीक रहती है. और आप तो फिट भी हो. मेरे पति का तो पेट निकल आया है. मै उनसे कहती हूं. मगर वो जाते ही नहीं घूमने.

मै – अरे बेटा ये सब मन से किया जाता है. वैसे जब मेरी बीवी जिन्दा थी. तब मै भी घूमने नहीं जाता था. शायद इसीलिए तुम्हारा पति भी घूमने नहीं जाता है.

सोनम – हाहाहा अरे अंकल जी में कहा भागी जा रही हूं.

मै – अरे बेटा जी जिनकी बीवी खूबसूरत होती है. उनके पति बाहर नहीं जाते है.

सोनम – हाहाहा अरे बस अंकल जी. इतना भी मेरा मजाक न बनाओ.

मै – अरे सच में बेटा जी. अब देखो मेरी बीवी नहीं है. इसीलिए मुझे आपने काम के लिए, बाहर जाना पड़ता है.

मैंने जानकार डबल मीनिंग बात बोल दी. उसने भी एक स्माइल के साथ इसका जवाब दिया. मैंने सोनम को गुड नाईट बोला और इसी बहाने उसकी पीठ को सहला दिया. वो मुझे देखती रही. और में नीचे आ गया.

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