Akele me maa ko pel diya 2:- पिछले भाग मे आपने पढ़ा कि कैसे पापा 15 दिन के लिए देश से बाहर गए और माँ को उनकी कमी महसूस होने लगी और फिर उन्होने अपनी गर्मी निकालने के लिए मुझ पर ही डोरे डालने शुरू कर दिये और मेरे साथ उल्टी सीधी हरकतें करने लगी। मै भी समझ गया कि माँ क्या चाहती है और मै भी बहती गंगा मे हाथ धोने लगा और उनके साथ मज़े करने लगा। अब पढ़िये आगे….
पिछला भाग यहाँ पढ़ें – > मेरी माँ एक गरम माल -1
Akele me maa ko pel diya 2
फिर मैं वही लगभग 10 बजे के आस-पास उठा. उसके बाद आधे घंटे तक नहा धो के बाहर आ गया. फिर किचन में गया तो माँ ब्रेकफास्ट बना रही थी.
मैंने पुछा: नहा लिए?
तो वो बोली: नहीं! और रोज़-रोज़ मैं अपने कपडे नहीं भूलती!
और वो हसने लगी. मैं भी चुप हो गया. फिर उन्होंने मुझे हग किया और अपने बूब्स मेरी चेस्ट से दबाये और मुझे धीरे-धीरे मेरे कान में बोली-
मम्मी: उससे ज़्यादा की सोच जल्दी ही मिलेगा!
और फिर मुझे डेविल स्माइल दी. उसके बाद हम ब्रेकफास्ट करने बैठ गए. दोनों एक-दुसरे को देखे जा रहे थे. दोनों की आँखों में लस्ट अब दिखनी शुरू हो गयी थी. और मैं भी अब खुलने लगा था काफी उनसे. फिर हमने ब्रेकफास्ट ख़तम किया और उन्होंने किचन का काम ख़तम किया. उसके बाद वो अपने रूम में जाने लगी और मुझे बोली:
माँ -आज नहीं भूलूंगी कपडे चिंता न कर!
और हंस के चली गयी. मैं भी फिर सोफे पे बैठ के अपने फ़ोन में लग गया. काफी देर हो गयी एक घंटे से ज़्यादा ही और माँ आयी नहीं. तो मैंने सोचा इतनी देर तो नहीं लगती उनको नहा के बाहर आने में. शायद मैं अब उनको ज़्यादा देर बिना देखे नहीं रह रहा था. या उम्मीद कर रहा था की वो मुझे और ज़्यादा टीस करे अपनी हरकतों से. फिर डेढ़ घंटा होने के बाद मैं उनके रूम की तरफ जाने लगा. मैंने देखा वो अपने रूम में मिरर के आगे खड़ी थी और उन्होंने साड़ी पहनी थी. उनका ब्लाउज काफी डीप कट था और उसमे उसे बाँधने के लिए डोरी थी. और माँ इस साड़ी में एक-दम माल लग रही थी. अगर मेरी बीवी होती तो अभी पकड़ लेता उसको. मेरी सोच पूरी तरह से बदल रही थी उनको देख के.
मैं देख रहा था गेट पे खड़ा होके की वो अपनी ब्लाउज की डोरी बाँधने की कोशिश कर रही थी. पर उनसे बंध नहीं रही थी. और ये सब मैं खड़ा होक देख रहा था बाहर गेट पे. मैं एक्साइटेड हो रहा था की यार एक-दम मस्त माल है ऐसा सोच रहा था उनके बारे में. मैं अपने ख्यालों में था. तभी उनकी आवाज़ आयी-
मम्मी: गेट पे खड़े-खड़े देखता रहेगा या मेरी हेल्प भी करेगा?
मुझे लगा इन्हे कैसे पता की मैं गेट पे खड़ा था. पर मैं भूल गया था उनके सामने मिरर था और मिरर से उन्होंने मुझे देख लिया था.
फिर वो बोली: देख क्या रहा है? आके मेरी डोरी बाँध!
तो मैं अंदर गया और उनके पीछे खड़ा हो गया. मैं देखने लगा उनको तो वो बोली-
मम्मी: ऐसे क्या देख रहा है?
मैं बोला: तुम बोल रही थी न की गर्लफ्रेंड नहीं है तेरी. सोच रहा हूं तुम्हे बना ही लू अब गर्लफ्रेंड.
और फिर मैंने उनको पीछे से अपनी तरफ खींच के पीछे से हग कर लिया.
फिर मैं बोला: बनोगी मेरी गर्लफ्रेंड?
तो वो शर्मा गयी. थोड़ी देर के बाद मैंने फिर उनको छोड़ दिया और उनके शोल्डर को पकड़ लिया धीरे से. और फिर धीरे-धीरे उनकी बैक पे ऊँगली से नीचे गया और उनकी कमर से खेलने लगा. इससे उनकी साँसे लम्बी-लम्बी होने लगी. फिर थोड़ी देर खेलने के बाद मैंने डोरी हाथो से ब्लाउज के दोनों साइड की और उसको थोड़ा पीछे की तरफ खींचा. मैं अब सब कुछ भूल के उनकी बैक से खेलने लगा था. वो भी यही चाह रही थी इतने दिनों से. फिर इसके बाद मैंने डोरी बाँध दी और पीछे से उनके कानो में बोला-
मैं: मेरी गर्लफ्रेंड बड़ी मस्त चीज़ है मुझे तो आज पता चला.
फिर वो मेरी साइड मुड़ी और मुझे डेविल स्माइल दी. उसके बाद मुझे धक्का दे दिया. मेरा बैलेंस बिगड़ गया तो मैं बेड पे ऊपर गिर गया कमर के बल. और वो हंस के भागती हुई रूम में भागने लगी और बोली-
मम्मी: इतनी आसानी से कुछ नहीं मिलेगा.
मैं समझ गया था की अब कुछ दिनों में क्या होगा हम दोनों के बीच में. फिर मैं भी बाहर आ गया. हमने लंच किया उसके बाद अराउंड 4 बजे वो बोली-
मम्मी: चल मूवी देखते है.
मैं बोला: ठीक है.
तो उन्होंने एक हॉलीवुड रोमांटिक मूवी लगा ली. मुझे पता था इसमें काफी ज़्यादा किस सीन और एक लम्बा बेड सीन था क्यूंकि मैंने ये मूवी देख रखी थी. और शायद हम दोनों भी काफी खुल चुके थे अब एक-दुसरे के साथ पूरी तरह तो वो ऐसी मूवी चला रही थी. फिर हम दोनों सोफे पे बैठे थे एक-दुसरे से चिपक के और किस वाले सीन आये. माँ साड़ी में ही थी और साइड से मुझे अपने बूब्स टच कर रही थी. शायद ये सब अब नार्मल हो गया था हमारे बीच. अब मैंने उनकी जांघों पे हाथ रखा हुआ था. फिर वो बेड सीन आया तो वो उसको देख रही थी. वो लम्बी-लम्बी सांस लेनी लगी. शायद वो एक्साइटेड हो रही थी. मैं उनको देख रहा था. फिर मैंने उनकी जांघों पे ऊपर से नीचे हाथ घुमाना स्टार्ट कर दिया और वो ज़्यादा एक्साइटेड हो गयी बेड सीन देख के.
अब हम दोनों एक-दुसरे को अब कामुक वे में देखने लगे थे. अब बेड सीन खत्म हो चूका था. हम दोनों एक-दुसरे को देखने लगे और मैंने उनके हाथो की उँगलियों में अपने हाथो की उँगलियाँ डाल दी. शायद इस पॉइंट पे दोनों एक्साइटेड हो चुके थे. मैंने देखा वो मेरे ऊपर आके बैठ गयी थी. मैं समझ गया था उसको अब गरम करने के टाइम आ गया था. फिर मैंने पीछे से उनकी कमर पकड़ ली और दोनों हरकते करने लगे. अब वो मेरी गोद में थी और उसपे आगे-पीछे होने लगी और मुझे टीस करने लगी. इस वजह से मेरा लंड खड़ा होने लगा था. शायद वो इसको समझ गयी थी. फिर मैंने भी पीछे हाथ से उसकी गांड दबा दी और उसकी डोरी फिर खोल दी और उसको उसकी बैक पे टीस करने लगा.
वो गरम तो हो चुकी थी पर मैं जल्दी में नहीं था. फिर ऐसे ही चीज़े चलती रही. मैंने उसकी डोरी बाँध दी और वो उठ के भाग गयी.
फिर मैं बोला उनको: मुझे लगता है अब तुम मुझे खुद ही सब कुछ दोगी.
और हम दोनों हसने लगे. फिर हमने चाय पी और फिर माँ ने साड़ी बदल के वही लोअर टी-शर्ट पहन लिया था. उसके बाद डिनर दिया. उससे पहले वही सब हरकते अब दोनों साइड से स्टार्ट हो चुकी थी. फिर डिनर करते हुए आज माँ ने टच किया मुझे अपने पैरों से. थोड़ी देर बाद उसने एक पैर मेरी एक जांघ पे रख दिया और उससे मेरे लंड को बाहर से पैर से टच किया. मैं समझ गया की ये मछली अब ज़्यादा दिन नहीं फड़फड़ा पायेगी. फिर मैंने उसके इस पैर को पकड़ लिया और लोअर को ऊपर की तरफ करने लगा. वो हरकत कर रही थी तो मैंने भी करनी स्टार्ट कर दी थी. फिर मैंने खुद उसके पैर को अपने लंड पे टच करवाया बाहर से और फिर थोड़ी देर बाद उसने पैर हटा लिया.
मैं फिर अपने रूम में आ गया और ये सब आज जो हुआ सोचने लगा था. मैं सोच चूका था की अब इसकी लेनी ही है. शायद वो भी यही सोच रही होंगी. फिर मैं मुठ मार कर सो गया.
अगले दिन मैं फिर उठा वही 10 बजे. आधे घंटे में नहा धो के मैं बाहर गया तो देखा ब्रेकफास्ट बन चूका था. मैंने जाके माँ को पीछे से हग कर लिया और फिर वही दोनों साइड से टीसिंग की हरकते होने लगी. फिर हमने ब्रेकफास्ट किया और मैं बोला-
मैं: आज क्या मिलेगा मुझे मेरी घर की गर्लफ्रेंड से?
तो माँ बोली: क्या चाहिए तुझे?
मैं बोला: वो तो मैं ले लूँगा जो मुझे अब तुमसे लेना होगा. कब तक बच लोगी मेरे हाथो से?
और मैंने उनको खींचते हुए अपनी तरफ मोड़ा. अब वो समझ गयी थी की वो नहीं बचने वाली थी ज़्यादा दिन. फिर वो नहाने गयी और वो लोअर और टी-शर्ट पहन के आ गयी. वही टीसिंग चली रही थी. लंच बन रहा था. मैं किचन में गया और उनको देख रहा था और सोच रहा था की गज़ब का मज़ा देगी ये जब भी बेड पे मिलेगी. मैं बस अब उन्हें ठोकने की सोच रहा था. मेरी आग तो इतनी हद्द तक बढ़ गयी थी. फिर मैं गया उनके पास किचन में और उनको खींच के अपनी तरफ कर लिया.
तो वो बोली: क्या चाहिए तुझे अब (शर्मा के)?
मैं बोला: जो मुझे चाहिए तुम दोगी?
वो शर्मा गयी और अपना मुँह नीचे कर लिया.
वो बोली: हां.
मैं बोला: तुम पहले दिन से यही चाह रही हो मैं जानता हूं.
वो बोली: आज वो करते है जो पिछले 4 दिन में नहीं हुआ.
फिर मैंने भी सबर नहीं किया और उनको टाइट से होल्ड करके उनके होंठो पे होंठ रख दिए. अब हमारी किसिंग स्टार्ट हो गयी. मैं उनके होंठो को चूसने लगा. कभी नीचे वाले होंठ को कभी ऊपर वाले होंठ को. वो फुल सपोर्ट देने लगी मुझे. 5-10 मिनट्स तक उनके होंठ चूसे मैंने. फिर उनको पीछे मोड़ दिया और स्लैब से टच करके उनकी गांड को दबाने लगा. वो अब गरम होने लगी. चाहता तो अभी बेड पे ले-जा सकता था. पर मुझे इतनी जल्दी नहीं थी. जानता था ये माल मेरा ही था अब जिसे जल्दी ही आराम से निचोड़ दूंगा मैं. फिर गांड दबाते-दबाते गर्दन पे किश करने लगा. बालों को आगे की तरफ करके पहली बार मैंने टी-शर्ट के अंदर हाथ डाला. मैंने पीछे ब्रा के नीचे अपनी दो उँगलियाँ डाल दी. उसकी साँसे लम्बी हो चुकी थी. वो समझ गयी थी की मैं नहीं रुकने वाला था अब.
फिर मैंने अंदर से ही ब्रा की स्ट्राप को पीछे की तरफ खींच के छोड़ दिया. मैं अलग ही लेवल पे था. अब लग ही नहीं रहा था ये मैं अपनी माँ के साथ कर रहा था. फिर मैंने बूब्स दबाना स्टार्ट किया पहली बार. काफी अच्छे से दबाने के बाद मैं रुक गया. कुछ सेकण्ड्स के लिए तो उन्हें लगा मैं बस अभी इतना ही करूँगा. पर वो कुछ सोचती उससे पहले मैंने उनकी टी-शर्ट उतार दी और उन्हें सीधा कर दिया. वो शर्मा के अपने हाथो से अपने बूब्स छुपाने लगी. मेरी माँ मेरे सामने अब ब्रा में थी. क्या लग रही थी वो. दिल कर रहा था अभी पकड़ के चोद दू उसको.
पर फिर मैंने बोला: अब क्यों शर्मा रही हो मुझसे?
फिर उन्होंने अपने हाथ हटा दिए बूब्स से. मैंने देखा एक-दम मस्त बॉडी थी टाइट. फिर मैंने अच्छे से बूब्स दबाये ऊपर से उनके और किश की दोबारा. मैंने नैक पे एक छोटी सी लव बाईट दे दी. वो थोड़ी चिल्ला सी गयी. पर फिर वो भाग गयी. थोड़ी देर बाद मैंने पुछा-
मैं: लव बाईट पसंद आयी?
तो वो बोली: हां.
फिर शाम के टाइम हम बैठे हुए थे. हम दोनों के बीच कोई शर्म तो थी नहीं तो दोनों सोफे पे बैठे थे और चाय पी रहे थे. बस मै उनकी चाय ख़तम होने की वेट कर रहा था. शायद वो भी ये जानती थी तो जान-बूझ कर टीस कर रही थी मुझे. फिर जैसे ही उन्होंने कप नीचे रखा मैंने उनको खींच के अपने ऊपर बिठा लिया और किश स्टार्ट कर दी. फिर अच्छे से उनके दोनों होंठ चूसने के बाद उनकी गांड दबायी. वो भी फुल आगे-पीछे होक मेरे लंड को टीस कर रही थी. लंड भी अब खड़ा हो रहा था. फिर मैंने उनकी टी-शर्ट उतार दी और वही बैक से खेलना ब्रा से खेलना स्टार्ट किया. अब मैं बूब्स दबा रहा था. मैंने बूब्स पे ब्रा के ऊपर से अपना मुँह लगाया और मज़े ले रहा था. उसकी तेज़ साँसे मुझे फील हो रही थी. फिर उनको उल्टा मोड़ के बिठा दिया अपने ऊपर और उसकी बैक पे किश देने लगा और जीभ लगा के खेलने लगा.
शायद वो सिसकियाँ लेना स्टार्ट कर चुकी थी. कभी बूब्स दबाना, ब्रा से खेलना, कभी होंठो को अच्छे से चूसना, उसके जिस्म को चूसना चल रहा था. फिर मैंने उसको साइड में बेड पे लिटा दिया और उसके ऊपर आके उसको किश करने लगा. अब माँ को लगा की वो यही चुदने वाली थी. पर मैं सिर्फ अभी उनके जिस्म से अच्छी तरह खेलना चाह रहा था. फिर मैं उनकी नैक वगैरा को चूसने लगा. मेरा पूरा लंड खड़ा हो चूका था और उसको उसकी जांघों पे चुभ रहा था. फिर मैंने अपने हाथों को पीछे से आगे की तरफ लाना स्टार्ट किया. मैंने एक पूरा हाथ ब्रा में डाल दिया था और अंदर उसके बूब्स दबाने लगा और चूसने लगा. उनको लग रहा था अब मैं उनकी ब्रा खोलने वाला था पर मैं खोलने के मूड में नहीं था.
फिर अच्छी तरह से सब करने के बाद मैंने उसको उठाया और उसकी ब्रा का पीछे से हुक खोला. और तभी वापस बंद कर दिया. फिर मैं चला गया वहाँ से. उसके बाद माँ ने टी-शर्ट पहनी अपनी और चली गयी. मैं अपने रूम में चला गया. उनको लग रहा था आज रात को मैं उनकी पक्का लूँगा अब. फिर रात को डिनर किया और वो फिर टचिंग करना पैरों को. उन्होंने ऊपर से खुद अपनी टी-शर्ट उतार दी. उनको लगा की मैं वही से उनको रूम में ले जाऊंगा. मैंने एक किश करि अच्छे से और फिर उनके हाथ से अपने लंड को टच करवाया बाहर से. फिर मैं अपने रूम में आ गया. वो समझ गयी थी.
वैसे मैं चाहता तो आज रात उनकी ले सकता था अच्छे से. पर मैं उनको जलाना चाहता था आज की रात को. वो अपने रूम में ज़रूर तड़पी होंगी. फिर मैं सो गया अपने रूम में. आगे की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में.
अगला भाग पढ़े:- मेरी माँ एक गरम माल 3
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