Abbu ne liya meri jawani ka maza:- हेलो रीडर्स मेरा नाम आफरीन है और मैं 21 साल की हूं. कम उम्र में ही मेरे शरीर का जलवा दिख रहा है क्यूंकि 21 की उम्र में ही मेरा फिगर 34-28-38 पे पहुँच गया है. मेरा फिगर देख के हर किसी का लंड खड़ा होता है. मैंने अभी तक बहुत लंड लिए है मगर मैंने पहला लंड मेरे अब्बू का लिया था जो मेरी पहली चुदाई थी. और वो सब कैसे हुआ मैं इस कहानी में बताने जा रही हूं.
Abbu ne liya meri jawani ka maza
ये कहानी तब की है जब मैंने कॉलेज जाना स्टार्ट किया था. वैसे कॉलेज मैं बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड, सेक्स की बातें हमारी डिसकशंस में होती थी. मगर अब्बू के डर से मैं कुछ करती नहीं थी. वैसे तब मेरे अब्बू करीब 44 के होंगे. रोज़ शराब पी कर आना अम्मी को मारना यही उनका रोज़ का काम था. एक दिन अम्मी का और उनका ज़ोर का झगड़ा हो गया और अम्मी गुस्से से भाई को लेके माईके चली गयी. मेरे कॉलेज में कुछ एग्जाम होने की वजह से मैं जा नहीं पायी. फिर उसके दो ही दिन बाद लॉकडाउन लगा और यहाँ घर पे मैं और अब्बू दोनों ही अटक गए. लॉकडाउन के एक दिन पहले ही अब्बू ने दारु लेके रखी थी और उस दिन सुबह से ही वो दारु पी रहे थे. दिन भर उन्होंने मुझे टच करने की कोशिश की थी. मगर नशे में हुआ होगा ये सोच कर मैंने नज़र-अंदाज़ कर दिया था.
फिर रात मे सब काम निपटा के मैं बेड पे आके सो गयी थी. थोड़ी देर बाद मुझे मेरे शरीर पे कुछ महसूस हुआ. मैंने आँखें खोल के देखा तो अब्बू पूरे नंगे होके मेरे शरीर पे हाथ घुमा रहे थे. उनका 7 इंच का लंड मेरे सामने फनफना रहा था. ये देख के मैं ज़ोर से चिल्लाई डर के मारे. मेरे को कुछ समझ नहीं आ रहा था. तभी अब्बू बोले-
अब्बू: तेरी रंडी माँ तो नहीं है. मगर आज से उसके बदले तू मेरे से चुदेगी.
ये बोलते हुए उन्होंने मेरा टॉप फाड़ा और अपना मुँह मेरे मुँह पे लाके किश करने लगे. वो अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसाने की कोशिश करने लगे. उनकी शराब की बदबू की वजह से मुझे बहुत गन्दा लग रहा था. फिर उन्होंने मेरी ब्रा भी फाड़ दी और एक झटके में मेरी लेग्गिंग्स और पैंटी भी निकाल दी. मैं कुछ ज़्यादा नहीं बोल रही थी और ना ही विरोध कर रही थी. अब उन्होंने सीधा मेरे बूब मसलना और मुँह में लेके ज़ोर-ज़ोर से काटना शुरू किया. इससे मुझे दर्द हो रहा था मगर मैं समझ गयी थी की मैं कुछ कर नहीं सकती थी. तो मैंने विरोध करना बंद कर दिया.
अब वो मेरे को मसल रहे थे. वो मुझे इधर-उधर काट रहे थे. ये सब करते-करते उन्होंने अचानक से एक ऊँगली मेरी चूत के अंदर डाल दी और मैं हलकी सी चिल्ला उठी. वैसे ही उन्होंने फिरसे मेरे मुँह में मुँह डाला और किश करना स्टार्ट किया. अभी उनकी एक ऊँगली चूत में अंदर-बहार हो ही रही थी. तभी उन्होंने दूसरी ऊँगली अंदर डाल दी. अब उन्होंने दोनों उँगलियाँ एक साथ अंदर-बाहर करनी स्टार्ट की. अब थोड़ी देर बाद मेरा दर्द कम हुआ और मुझे मज़ा आने लगा और मैंने सिसकारियां मारना स्टार्ट कर दिया था.
वैसे कॉलेज में हम सहेलिया सेक्स के बारे में बात करते थे. मेरा भी करने का मन होता था मगर ऐसी सिचुएशन में होगा कभी सोचा नहीं था. जैसे-जैसे उँगलियाँ अंदर-बाहर हो रही थी मेरा दर्द बढ़ रहा था. पहले-पहले मैंने ज़ोर की सिसकियाँ ली लेकिन फिर मेरी आवाज़ कम हो गयी. जैसे ही मेरी आवाज़ कम हो गयी वो उठ के मेरे पैरों के बीच में आये और मेरी चूत पे अपना लंड सेट करने लगे. फिर बिना सोचे उन्होंने पूरा लंड अंदर घुसाने की कोशिश की.
मैं ज़ोर से चिल्ला उठी. तभी उन्होंने दूसरा झटका मारा और पूरा लंड मेरी चूत के अंदर घुसा दिया जिससे मुझे लगा की मैं मर रही थी. पूरा अँधेरा मेरी आँखों के सामने छा गया था. इस हमले से मैं बेसुध हो गयी थी. फिर होश में आने के बाद मैंने देखा की अब्बू मेरे को झटके मार रहे थे, कभी किश कर रहे थे, कभी मम्मे दबा रहे थे. अब मेरा दर्द भी कम हो रहा था और चूत भी गीली हो रही थी. अब मैंने भी उछल-उछल के अब्बू का साथ देना स्टार्ट किया था. कुछ देर बाद अचानक से अब्बू ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और कोई 8-10 झटकों के बाद ही उन्होंने उनका पानी मेरी चूत के अंदर ही निकाल दिया, मुझे ऐसा लगा जैसे कोई गरम लावे जैसा हो. मेरी पूरी चूत के अंदर अब उनका पानी था.
अब वो वैसे ही मेरे शरीर के ऊपर पड़े रहे और सो गए. अब मुझे अब बहुत जलन हो रही थी चूत में और दर्द भी हो रहा था. मगर उठने की ताकत अब मेरे में बिलकुल नहीं थी. तो मैं भी वैसे ही पड़ी रही और मेरे को नींद कब लग गयी पता ही नहीं चला. रात के 3 बजे होंगे. कुछ हलचल से मेरी नींद खुली तो अब्बू फिरसे मेरी बॉडी के साथ खेल रहे थे. उनका लंड मेरी चूत के अंदर था और फिर वो अंदर-बाहर कर रहे थे. मेरी चूत सूजी हूंई थी मगर अब दर्द कम था. इस बार वो पूरे प्यार से कर रहे थे. शायद उनका नशा कम हुआ हो.
अब मेरे पैर उन्होंने अपने कंधे के ऊपर लिए थे. फिरसे उन्होंने लंड मेरी चूत के अंदर डाला. मैंने सिसकारियां मारी अह्ह्ह अह्ह्ह करके. अब वो ज़ोर के झटके मारने लगे. कुछ ही टाइम में उन्होंने अपना लंड निकाला और मेरे मुँह के सामने रखा और चूसने को बोलने लगे. उस लंड से बहुत ज़्यादा बदबू आने लगी थी तो मैंने मुँह फेर लिया. फिर वो मुझे ज़ोर से बोले-
अब्बू: ज़्यादा नौटंकी मत कर, चुपचाप चूस इसे.
और अपना लंड मेरे मुँह में डालने लगे. अब फिरसे ऑप्शन नहीं होने की वजह से मैंने उनका लंड मुँह में ले लिया. मुझे ऐसा लगा की अब उलटी आ जाएगी. पर मेरे में विरोध करने की ताकत नहीं थी. अब वो लंड अंदर-बाहर कर रहे थे. मुझे भी अब चूसना थोड़ा-थोड़ा अच्छा लग रहा था. ऐसे ही मैं 15-20 मिनट चूस रही थी. अब मेरा मुँह भी दर्द कर ने लगा था. उन्होंने फिर स्पीड बढ़ा दी और फिर मेरे मुँह के अंदर ही झड़ गए.
ऐसे ही उन्होंने उस रात मेरी गांड भी मारी. लॉकडाउन की वजह से दोनों घर पे ही थे अगले 10-12 दिन. घर का ऐसा एक कोना भी नहीं होगा जिधर उन्होंने मुझे चोदा नहीं होगा. अब मेरी चूत और गांड पूरी तरह से खुल गयी थी और मुझे भी अब्बू का लंड लेना अच्छा लगता था. मैं पूरी तरह से अब्बू की रंडी बन के घर में रह रही थी.
उसके बाद से अब तक मैंने बहुत से लड़कों, मर्दों से चुदाई का मज़ा लिया है। मुझे नए नए मर्दों से चुदाई करवाना बहुत पसंद है। अगर कोई बड़े मोटे लौड़े वाला मुझे चोदना चाहता है तो कमेंट करें।
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