कुँवारी बहन की सील तोड़कर औरत बनाया-2

Bahan ki seel ka malik bhai-2:- मेरी इस स्टोरी का पिछले पार्ट उम्मीद करता हूं आपको अच्छा लगा होगा. लास्ट पार्ट में आपने पढ़ा की कैसे मैंने अपनी बहन के बूब्स को दो बार देखा और फिर मेरे दिल में उसके लिए कुछ चेंजेस आ गए. अब मैं उसके लिए पोसेसिव हो गया था. आगे की स्टोरी अब शुरू करते है-

पिछला भाग यहाँ पढ़ें ==> कुँवारी बहन की सील तोड़कर औरत बनाया -1

Bahan ki seel ka malik bhai

Bahan ki seel ka malik bhai

तो कुछ दिन ऐसे हाय बीत गए थे. मैं मौका मिलने पर अभी भी श्रुति को टॉपलेस बाथरूम की छत से देख लेता था. मेरे दोस्त की बातें मुझे हमेशा याद दिलाती रहती थी की कही श्रुति किसी और की न हो जाये. और मेरे खुद के पास कोई चांस नहीं था उसके साथ कुछ करने का. इसलिए मैं अब उसके ऊपर ज़्यादा नज़र रखने लगा था. मैं अब अक्सर नोटिस करता था की वो कोचिंग से थोड़ा लेट आती थी. और अक्सर फ़ोन यूस करते हुए स्माइल करती थी. मुझे थोड़ा डाउट होने लगा था. एक दिन मैं श्रुति को स्टडी करने में हेल्प कर रहा था. उस दिन उसने एक ब्लू कलर का टाइट टॉप पहना था और नीचे एक ब्लैक लेग्गिंग. उस ड्रेस में श्रुति का फिगर साफ़ दिख रहा था. श्रुति मेरे बगल में बैठी थी. मुझे उसका क्लीवेज साफ़ दिखाई दे रहा था. जब भी वो कुछ पूछने के लिए मेरी तरफ झुकती तो मेरा हाथ उसके बूब्स से सट जाता था और मुझे जन्नत का एहसास मिल जाता. मुझे उसे पढ़ाने में इसलिए बहुत मज़ा आता था.

श्रुति (मुझसे सटके): भैया ये क्वेश्चन कैसे सोल्वे होगा?

मैंने भी अपना हाथ जान-बूझ कर बूब्स में दबाते हुए कॉपी और पेन लिया.

गौरव: देखो ये ऐसे सोल्वे होगा समझ गयी न?

श्रुति: हां भैया ये तो आपने बहुत इजी तरीके से बता दिया. मेरे टीचर भी इतना अच्छा नहीं पढ़ाते.

गौरव: अच्छा है. पर तुम्हे समझ आ रहा है तो तुम्हारे मार्क्स भी अच्छे आने चाहिए.

श्रुति: हां भैया बिलकुल.

तभी श्रुति के फ़ोन में नोटिफिकेशन ट्यून बजी. श्रुति जल्दी से अपना फ़ोन छुपाते हुए देखने लगी. उसके फेस पे एक अजीब सी स्माइल थी. उसका फेस रेड हो रहा था.

गौरव: क्या हुआ किसका मैसेज है? इतना स्माइल क्यों कर रही हो? कही तुम्हारा बॉयफ्रेंड तो नहीं है (मैंने थोड़ा हंसी में कहा)?

श्रुति: नहीं भैया आप तो जानते है मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है. ये तो मेरी दोस्त प्रिया थी. पूछ रही थी कल कोचिंग जाओगे या नहीं.

मेरे दिमाग में डाउट था इसलिए मैंने एक आईडिया लगाया.

गौरव: अच्छा ठीक है फिर. वैसे मेरे लिए एक गिलास पानी ले आओ गला सूख रहा है.

श्रुति: जी भैया.

श्रुति अपना फ़ोन साइड में रख के पानी लेने चली गए. मैंने इस मौके का फ़ायदा उठाया और श्रुति का फ़ोन चेक करने लगा. मुझे उसके व्हाट्सप्प पे कोई चैट नहीं मिली. शायद उसने मुझसे छुपाने के लिए डिलीट किया था. इसलिए मैंने उसके व्हाट्सप्प को अपने लैपटॉप में जल्दी से लॉगिन कर लिया. अब वो व्हाट्सप्प पे जो भी मैसेज होंगे वो मेरे लैपटॉप पे भी दिखेंगे. तभी श्रुति लौट के आने लगी. मैंने जल्दी से उसका फ़ोन वापस रख दिया. वो पानी लेके जब आ रही थी तो उसके बड़े बूब्स ऊपर-नीचे बाउंस कर रहे थे. एक तो ये सीन ऊपर से पहले जो बूब्स टच किया था मेरा लंड वही खड़ा हो गया. जब श्रुति ने मुझे पानी दिया तो उसकी नज़र मेरे खड़े लंड पे पड़ी. उसने थोड़ा स्माइल किया पर उसने कुछ कहा नहीं. हमने फिर पढ़ाई कंटिन्यू की.

फिर ऐसे ही शाम हो गयी और मम्मी ने हमें खाना खाने बुला लिया. रात को करीब 11 बज रहे थे. श्रुति मेरे सामने अपने बेड पे सो रही थी. मैं माँ डैड और श्रुति हम सब एक ही रूम में सोते थे. लेकिन हम सब अलग बेड यूस करते थे. श्रुति की टी-शर्ट थोड़ी ऊपर उठी हुई थी जिससे उसका चिकना पेट दिख रहा था और साथ ही उसकी ब्रा भी थोड़ी दिख रही थी. ये सीन से मेरा लंड एक-दम खड़ा हो गया था. क्यूंकि रूम में मम्मी पापा भी थे तो मैं उठ करके बाथरूम चला गया और वहाँ मैंने श्रुति के नाम की मुठ मारी. वापस आके मैंने एक बार फिर से श्रुति का व्हाट्सप्प अपने लैपटॉप पे चेक किया. मैंने देखा की उसपे किसी अननोन नंबर से मैसेज आये थे.

राजू: हाय बेबी.

श्रुति: हां बेबी.

राजू: कैसे हो जानू?

श्रुति: मैं ठीक हु.

राजू: बेबी मुझसे तो कल का इंतज़ार नहीं हो रहा.

श्रुति: अच्छा जी. पर इंतज़ार तो करना पड़ेगा.

राजू: वो तो पता है मुझे. मैं कल के लिए बस बहुत एकसाइटेड हूँ, मैंने होटल में बुकिंग भी कर ली है.

श्रुति: अच्छा कौन से होटल में?

राजू: मैं तुम्हे डिटेल भेज दूंगा बेबी. बस कल तुम कुछ अच्छा सा पहन के आ जाना.

श्रुति: अरे तुम फ़िक्र मत करो. कल का दिन तुम फिर भूलोगे नहीं.

राजू: मैं भी कल इतना मज़े दूंगा की तुम भी कल का दिन भूल नहीं पाओगी.

श्रुति: अच्छा जी ठीक है पर ध्यान देना की किसी को पता न चले.

राजू: तुम फ़िक्र मत करो, किसी को पाता नहीं चलेगा. वैसे बेबी अभी एक पिक भेजोगी अपने बूब्स की.

श्रुति: अभी नहीं अभी बहुत लेट हो गया है.

राजू: प्लीज न बेबी.

श्रुति: ओह हो राजू तुम्हे पता है मैं न्यूड्स शेयर नहीं करती. कही लीक हो गए तो? कल मिलना है या नहीं?

राजू: सॉरी-सॉरी तुम गुस्सा मत हो बेबी. हम कल मिलते है. बाय!

श्रुति: हम्म बाई बेबी.

ये सब मैसेज देख के मेरा तो सर घूम गया. मेरे सर पे खून चढ़ गया की ये क्या हो रहा था. ये राजू कौन था. और ये कल क्या वही होने वाला था जो मैं सोच रहा था?कही ये सब पहले भी तो नहीं हो चूका? कही श्रुति की सील पहले से इस लौंडे ने खोल तो नहीं दी थी? मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था. पर मुझे शांत दिमाग रख के कोई आईडिया निकालना था. क्यूंकि मैं नहीं चाहता था की मेरी बहन की सील कोई और तोड़े. उसकी सील का मालिक सिर्फ मैं था और कोई नहीं. मैंने बहुत सोचा और एक प्लान बनाया.

मैंने अपने लैपटॉप से राजू को श्रुति बन के मैसेज किया-

मैं: बेबी सुनो.

राजू: हां जानु बोलो.

मैं: वो कल का प्लान थोड़ा चेंज हो गया है.

राजू: क्यों क्या हुआ? कल नहीं आओगी क्या? कल का पूरा प्लान बन चुका है. ना मत करो.

मैं: नहीं-नहीं ऐसा नहीं है. मैं भी थोड़ी सी एकसाइटेड हूं इसलिए मैं थोड़ा जल्दी आ जाउंगी. तुम भी आधे घंटे पहले आ जाना.

राजू: ठीक है जानु ये तो और भी अच्छी बात है तुम्हारे कोचिंग का टाइम सिर्फ 2 घंटे था. अब थोड़ा और टाइम मिलेगा साथ में स्पेंड करने को.

श्रुति: हम्म ठीक है बाई.

राजू: बाई जानु.

तो राजू और मेरी बहन श्रुति होटल में क्या करने वाले थे और मेरा प्लान क्या था. अगर वो सच में सेक्स करने वाले थे तो क्या मैं श्रुति की सील गैर मर्द से टूटने से रोक पाया. ये सब नेक्स्ट पार्ट में. नेक्स्ट पार्ट बहुत जल्द आने वाला है. तब तक आप मुझे कमेंट करके बताये आपको क्या लगता है आगे क्या होने वाला है.

अगला भाग यहाँ पढ़ें ==> कुँवारी बहन की सील तोड़कर औरत बनाया-3

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